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एनडीए नेताओं की आंख में क्यों खटक रहे मोदी के हनुमान, उपेंद्र-मांझी के बाद अब नीतीश भी नाराज; किन सीटों पर फंसा है पेंच?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA में सीट बंटवारे को लेकर सियासी खींचतान बढ़ गई है. नीतीश कुमार राजगीर, मोरवा और तारापुर सीटों पर नाराज हैं, वहीं चिराग पासवान भी अपनी पसंदीदा सीटों पर अड़े हैं. बीजेपी की मजबूत सीटें लोजपा को देने से गठबंधन में असहजता बढ़ी है. हम पार्टी और आरएलएम जैसे घटक दलों में भी नाराजगी दिख रही है. मंगलवार को NDA उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी होने वाली है. जानिए कौन सी सीटें किसके खाते में गईं और क्यों बढ़ रही है गठबंधन में तनाव.

एनडीए नेताओं की आंख में क्यों खटक रहे मोदी के हनुमान, उपेंद्र-मांझी के बाद अब नीतीश भी नाराज; किन सीटों पर फंसा है पेंच?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 14 Oct 2025 8:52 AM

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए (NDA) में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा भले हो चुकी हो, लेकिन भीतरखाने नाराज़गी की लहर थमने का नाम नहीं ले रही. सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बंटवारे से खासे असंतुष्ट हैं और उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा को फटकार भी लगाई है. वजह जेडीयू की ‘सिटिंग सीट’ राजगीर का एलजेपी (रामविलास) को मिलना.

नीतीश कुमार का गुस्सा मुख्य रूप से राजगीर विधानसभा सीट को लेकर है, जो पारंपरिक रूप से जेडीयू के खाते में रही है. इस बार सीट बंटवारे में यह एलजेपी (रामविलास) को दी गई, जिससे नीतीश कुमार ‘आगबबूला’ हो उठे हैं. उन्होंने पार्टी नेताओं से साफ कहा कि "राजगीर पर कोई समझौता नहीं होगा" यह सीट जेडीयू ही लड़ेगी.

मोरवा और तारापुर पर भी खींचतान

राजगीर के अलावा मोरवा और तारापुर सीटों पर भी मतभेद गहराते जा रहे हैं. 2020 में जेडीयू मोरवा सीट हार चुकी थी, लेकिन अब भी उसे छोड़ने को तैयार नहीं है. वहीं तारापुर सीट, जिस पर जेडीयू ने विधानसभा और उपचुनाव दोनों जीते हैं, उसे लोजपा को देने के दबाव से नीतीश नाराज़ हैं. दूसरी ओर, चिराग पासवान भी पीछे हटने को तैयार नहीं. नतीजा: गतिरोध बढ़ता जा रहा है.

एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस टली, बढ़ी अटकलें

सोमवार को एनडीए की ओर से तय संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को अचानक टाल दिया गया. इस फैसले ने गठबंधन में तनाव की अटकलों को और हवा दी. हालांकि जीतन राम मांझी ने कहा कि "हमारी सीटें उम्मीद से कम हैं, पर हम पीएम मोदी के साथ हैं" लेकिन यह बयान भीतर की बेचैनी को छिपा नहीं सका.

बीजेपी की ‘पसंदीदा सीटें’ और लोजपा की ताकत

सूत्र बताते हैं कि लोजपा (रामविलास) को इस बार 29 सीटें मिली हैं, जिनमें कई ऐसी हैं जो पारंपरिक रूप से बीजेपी की मजबूत सीटें मानी जाती हैं जैसे ब्रह्मपुर, गोविंदगंज, अरवल, हिसुआ और दानापुर. इन सीटों को चिराग पासवान को दिए जाने से बीजेपी के कुछ नेता भी असहज हैं.

चिराग पासवान का ‘100% स्ट्राइक रेट’

चिराग पासवान का दावा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 100% स्ट्राइक रेट हासिल किया था — पाँच में से पाँच सीटें जीती थीं. इसी तर्क के आधार पर उन्होंने विधानसभा में अधिक और ‘मजबूत सीटों’ की मांग की. हालांकि, बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने इस दावे पर तंज कसते हुए कहा कि "2010 में असली स्ट्राइक रेट जेडीयू-बीजेपी ने दिखाया था — 89% तक!"

हम पार्टी में भी नाराज़गी

‘हम’ (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने साफ कहा कि उनके कार्यकर्ता छह सीटों पर असंतुष्ट हैं. उनका कहना था कि 2020 में उन्होंने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था, इसलिए उम्मीद थी कि इस बार भी उतनी सीटें मिलेंगी. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि "नाराज़गी के बावजूद वे पीएम मोदी और एनडीए के साथ हैं."

उपेंद्र कुशवाहा ने दोहे में जताई नाराज़गी

आरएलएम (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मोर्चा) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर दोहे के ज़रिए अपने मन की बात कही. उन्होंने इशारों में लिखा कि “बादल मेरे खिलाफ थे, मगर वहीँ बरस गए जहाँ मेरा घर था.” यानि सीट बंटवारे में उन्हें नुकसान हुआ. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे एनडीए की जीत के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बीजेपी कर रही कोशिश

दिल्ली और पटना, दोनों जगह सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान, नित्यानंद राय, और विनोद तावड़े ने सहयोगी दलों के साथ लगातार बैठकें कीं. कोशिश यही रही कि मतभेदों को बातचीत से सुलझाया जाए. सूत्रों के मुताबिक कुछ सीटों पर ‘आपसी अदला-बदली’ और उम्मीदवारों की अदला-बदली की कोशिश जारी है.

अब नजर प्रेस कॉन्फ्रेंस पर

अब उम्मीद है कि मंगलवार को एनडीए की संयुक्त उम्मीदवार सूची जारी की जाएगी. बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि “15 अक्टूबर से नामांकन शुरू होंगे.” यह भी चर्चा है कि कुछ सीटों पर ‘आखिरी समय’ में फेरबदल हो सकता है. कुल मिलाकर, दिवाली से पहले बिहार की सियासत में ‘चिराग और नीतीश’ की जुगलबंदी एनडीए की एकजुटता के लिए सबसे बड़ी परीक्षा बन गई है.

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