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बिहार में हिंदुत्‍व का झंडा बुलंद करने पहुंचे तीन दिग्गज, इन दौरों से सियासी हलचल तेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, धीरेंद्र शास्त्री और श्री श्री रविशंकर का दौरा सियासी रूप से अहम है. भागवत संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे, जबकि शास्त्री और रविशंकर सत्संग और हनुमंत कथा करेंगे. इन दौरों को बिहार में बीजेपी की स्थिति मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

बिहार में हिंदुत्‍व का झंडा बुलंद करने पहुंचे तीन दिग्गज, इन दौरों से सियासी हलचल तेज
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 7 March 2025 2:18 PM

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत का बिहार दौरा सियासी रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. संघ प्रमुख अपने इस दौरे में विभिन्न जिलों में रहकर संगठन की गतिविधियों का जायजा लेंगे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. पांच दिनों के इस दौरे में वे हिंदुत्व, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

संघ प्रमुख के इस दौरे को लेकर राजनीतिक विश्लेषक इसे बिहार में बीजेपी की स्थिति मजबूत करने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं. मोहन भागवत के अलावा धीरेंद्र शास्‍त्री और श्री श्री रविशंकर भी बिहार के दौरे पर हैं. श्री श्री रविशंकर पटना और औरंगाबाद में सत्संग करेंगे. साथ ही गोपालगंज में बाबा बागेश्वर 5 दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन कर रहे हैं. इन तीनों की यात्रा को बिहार की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.

बीजेपी को जीताने की चल रही तैयारी

बिहार में आगामी चुनाव से पहले संघ प्रमुख का यह दौरा कई कारणों से अहम हो जाता है. बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका था, और अब विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरी तैयारी के साथ उतरना चाहती है. संघ के कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर मतदाताओं से जुड़ते हैं और बीजेपी के लिए अनुकूल माहौल तैयार करते हैं. यही रणनीति बिहार चुनाव में भी अपनाई जा सकती है. संघ ने हाल ही में महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के चुनावों में अहम भूमिका निभाई थी, जहां बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हुई थी.

दिल्ली में किया था कमाल

दिल्ली में बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में लौटी, जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र में भी उसने अपनी पकड़ मजबूत की. इन चुनावों में संघ ने जमीनी स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर लोगों को बीजेपी के पक्ष में मोड़ने का काम किया था. बिहार में भी संघ इसी पैटर्न पर काम कर सकता है. आरएसएस खुले तौर पर किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता, लेकिन उसकी विचारधारा और कार्यशैली बीजेपी के लिए लाभदायक साबित होती है.

चुनावी मोड में बीजेपी

बिहार बीजेपी पहले ही चुनावी मोड में आ चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्री लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में आरएसएस प्रमुख, बाबा बागेश्वर और श्री श्री रविशंकर का दौरा यह संकेत देता है कि संगठन भी चुनावी समीकरण साधने में अहम भूमिका निभाएगा.

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