RJD में मचा बवाल! 18 विधायकों के टिकट कटने की खबर से भड़के पार्टी के नेता, लिस्ट जारी होने से पहले मचे संग्राम की पूरी कहानी
बिहार चुनाव से पहले आरजेडी में मचा यह बवाल पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. जहां तेजस्वी यादव संगठन को नया रूप देने में जुटे हैं, वहीं टिकट से वंचित नेता पार्टी की एकजुटता के लिए चुनौती बन सकते हैं. आने वाले दिनों में जब उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची सामने आएगी, तब यह साफ होगा कि बगावत कितनी गहरी है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजद (RJD) ने टिकट वितरण की तैयारी तेज कर दी है. लेकिन उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले ही पार्टी के अंदर बवाल मच गया है. सूत्रों के मुताबिक करीब 18 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने का आरजेडी नेतृत्व ने लिया है. इस खबर के बाद नाराज नेताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कई विधायकों ने मिलकर असंतोष जताया है और कुछ ने तो निर्दलीय लड़ने के संकेत भी दे दिए हैं.
दरअसल, चुनावी जंग से पहले राजनीतिक तूफान ने RJD को लपेट लिया है. हाल के दिनों में ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं कि पार्टी 18 मौजूदा (sitting) विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है. इस कदम का मकसद संगठन में नई जान फूंकना और जीतने योग्य चेहरे उतारना बताया जा रहा है, लेकिन टिकट कटी संसद-पुराने विधायकों पर तीखा विरोध भी शुरू हो चुका है, जिससे पार्टी के अंदरूनी तालमेल पर सवाल खड़े हो गए हैं.
चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को मिलेगा टिकट
RJD सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार “विजेता और स्वीकार्य” चेहरों को प्राथमिकता देगी, बजाय सिर्फ पुराने नामों पर भरोसा करने के. कुछ क्षेत्रों में मौजूदा विधायक का क्षेत्र बदला जा सकता है, या सीट को सहयोगी दलों को सौंपने की भी योजना है.
इन विधायकों पर गिर सकती है गाज
आरजेडी के भीतर चर्चा है कि गया, जहानाबाद, दरभंगा, सीवान, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिलों के कुछ मौजूदा विधायक इस सूची में शामिल हैं. हालांकि, 18 विधायकों के टिकट कटने की पार्टी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, न ही लिस्ट अभी जारी हुई है, लेकिन सियासी गलियारों में इसकी चर्चा चरम पर है. जिन सीटों पर उदाहरण स्वरूप चेतन आनंद (शिवहर), भरत बिंद (भभुआ), प्रह्लाद यादव (सूर्यगढ़ा), संगीता कुमारी (मोहनियां), नीलम देवी (मोकामा) आदि की स्थिति नाजुक बताई जा रही है.
दुष्प्रचार, विरोध एवं दबाव
मसौर्ही (Masaurhi) से RJD विधायक Rekha Devi के टिकट को वापस लेने की मांग पटना एयरपोर्ट पर समर्थकों ने की थी. समर्थकों ने राबड़ी देवी के आवास के अंदर घुसकर प्रदर्शन के दौरान कहा कि 'Masaurhi को बचाना है, Rekha को हटाना है.' सोनपुर (Dr. Ramanuj Prasad), परसा से (Chhote Lal Rai) और मढ़ौरा (Jitendra Kumar Rai) की भी टिकट कटने की चर्चा है.
पार्टी के नाराज नेताओं का विरोध शुरू
कुछ विधायकों ने खुलकर बयान दिया है कि वे जनता के बीच लोकप्रिय हैं और टिकट कटने पर निर्दलीय लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे. कई नेताओं के समर्थकों ने पटना स्थित राबड़ी आवास के बाहर नारेबाजी भी की. पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटना में लालू–राबड़ी के आवास पर आंदोलन कर दिया, जिससे यह साफ संकेत मिला है कि टिकट कटौती को लेकर असंतोष चरम पर है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि टिकटों की अंतिम सूची जारी करने से पहले Tejashwi/लालू स्वयं 'वन-टू-वन' नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. यह कदम इसलिए भी जरूरी है, ताकि टिकट काटे जाने वाले विधायकों को मनाया जाए या उनकी नाराजगी को कम किया जाए.
युवाओं और नए चेहरों पर फोकस
तेजस्वी यादव इस बार पार्टी को 'नए चेहरे और साफ छवि' की दिशा में ले जाना चाहते हैं. उनकी रणनीति है कि 2025 में जनता को ‘नई सोच और नई टीम’ दिखाई दे. इसी के तहत पुराने और विवादित नेताओं की जगह नए उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं.
'हर निर्णय जनता के हित में'
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा है कि टिकट बंटवारा पूरी पारदर्शिता से हो रहा है. रिपोर्ट और सर्वे के आधार पर ही उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं. किसी के नाराज होने से पार्टी का नुकसान नहीं होगा.
संभावित प्रभाव और चुनौतियाँ
आरजेडी में अंतर विरोध जारी रहा तो बड़े पैमाने पर टूट की संभावना है. टिकट कटने वालों की नाराजगी पार्टी के अंदरूनी कलह को बढ़ा सकती है. जिस क्षेत्र का विधायक होगा वहां के कार्यकर्ता उसे हटाये जाने पर दुःख या विरोध कर सकते हैं. बहुत सी सीटें सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं, जिससे मौजूदा विधायकों की संख्या कम हो सकती है.