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लालू परिवार में बगावत! 3 तरफ से घिरी RJD, राबड़ी आवास से रोहिणी को निकाले जाने के बाद मचा बवाल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी की करारी हार के बाद लालू परिवार में बगावत सी छिड़ गई है. जिसमें लालू परिवार और RJD तीन तरफ से घिरती हुई दिखाई दे रही है. रोहिणी आचार्य को घर निकालने के बाद से ये पूरा बवाल मचा हुआ है.

लालू परिवार में बगावत! 3 तरफ से घिरी RJD, राबड़ी आवास से रोहिणी को निकाले जाने के बाद मचा बवाल
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( Image Source:  ANI )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 23 Nov 2025 2:38 PM

बिहार की राजनीति में उथल-पुथल का नया दौर शुरू हो गया है. लालू प्रसाद यादव का परिवार, जो सालों से सुर्खियों में रहा है, अब घर के भीतर उठे तूफान के कारण चर्चा में है. रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप कि उन्हें राबड़ी आवास से निकाल दिया गया, चप्पल दिखाई गई और गालियां दी गईं उसने परिवार के भीतर की तकरार को सबसे सामने ला दिया है, इसका सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और लालू यादव किसी ने भी रोहिणी के समर्थन में एक शब्द तक नहीं कहा.

दूसरी ओर, आरजेडी पहले ही 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी है, और ‘लैंड-फॉर-जॉब’ केस की कानूनी तलवार लगातार परिवार के ऊपर मंडरा रही है. तीनों संकट एक साथ आकर आरजेडी को दबाव में धकेल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है क्या यह झगड़ा सिर्फ बयानबाजी है या सच में परिवार टूटने की कगार पर है?

रोहिणी के आरोपों से तेज हुआ विवाद

रोहिणी आचार्य का दावा है कि उन्हें राबड़ी आवास से भगा दिया गया, चप्पल दिखाई गई और गंदी गालियां दी गईं. उनके बाहर आते ही बाकी तीनों बहनें भी आवास छोड़कर चली गईं. इस घटना ने परिवार के भीतर लंबे समय से पनप रहे तनाव को सतह पर ला दिया है.

RJD की करारी हार और तेजस्वी पर उठते सवाल

2025 के चुनाव में आरजेडी मात्र 25 सीटों पर सिमट गई. तेजस्वी यादव, जिन्हें कभी भावी मुख्यमंत्री कहा जाता था, अब विपक्ष में कमजोर स्थिति में हैं. पार्टी में हार के बाद सबसे ज्यादा उंगलियां उन्हीं पर उठ रही हैं. और यह उंगलियां परिवार के भीतर से उठ रही हैं.

तेजस्वी के सलाहकारों पर भी गुस्सा

तेजस्वी के सबसे करीबी माने जाने वाले संजय यादव और आईटी सेल प्रमुख रमीज नेमत खान पर भी सवाल उठ रहे हैं. रोहिणी ने भी इन दोनों पर महत्त्वपूर्ण आरोप लगाए हैं. यह स्थिति बताती है कि मामला सिर्फ निजी विवाद नहीं, बल्कि आरजेडी के नेतृत्व संकट का संकेत है.

क्या मामला संपत्ति और विरासत की लड़ाई तक पहुंचेगा?

यह विवाद अब उस दिशा में जाता दिखाई दे रहा है जहां विरासत, संपत्ति, और राजनीतिक उत्तराधिकार की लड़ाई खुलकर सामने आ सकती है. रोहिणी का तर्क है कि उन्होंने पिता को किडनी दी, परिवार का साथ दिया, चुनाव लड़ा, और बदले में अपमान मिला. ये मामला अब भविष्य में किसी कानूनी दावे की भूमिका तैयार करता लगता है.

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