मैदान में मोर्चा संभाल रहीं पत्नियां! खेसारी की पत्नी चंदा देवी, शिल्पी सुरभि और सिंपल देवी तक... कौन-कौन बनीं खेवनहार?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नेताओं की पत्नियां मैदान में उतर चुकी हैं. अमरपुर से शिल्पी सुरभि, बेलहर से सिंपल देवी, कटोरिया की पूजा मुर्मू से लेकर खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा यादव तक सभी प्रचार की कमान संभाले हैं. महिलाओं की यह सक्रियता बिहार की राजनीति में नया रंग भर रही है, जहां परिवार अब जीत की रणनीति का अहम हिस्सा बन गए हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार दिलचस्प नज़ारा देखने को मिल रहा है. जहां एक ओर नेता मंच से जनता को लुभा रहे हैं, वहीं उनके पीछे चुनावी नैया पार लगाने में जुटी हैं उनकी पत्नियां! गांव-गांव घूमतीं, टोले-टोले में सभाएं करतीं और हर वोटर से आत्मीय जुड़ाव बनाने की कोशिश. यही इनकी नई सियासी पहचान बन गई है.
अमरपुर से लेकर कटोरिया तक, कई दिग्गज नेताओं की जीवनसंगिनियां अब “घर की चौखट” पार कर “राजनीति के रण” में डट गई हैं.
अमरपुर में शिल्पी सुरभि का महिला मोर्चा
अमरपुर सीट से जदयू उम्मीदवार जयंत राज कुशवाहा के प्रचार की कमान उनकी पत्नी शिल्पी सुरभि ने थाम ली है. सुबह से शाम तक वे महिलाओं की टोली के साथ गांव-गांव घूम रहीं हैं. शंभूगंज क्षेत्र में घरों में जाकर महिलाओं से संवाद कर रही हैं, वहीं दोपहर का खाना भी आम महिलाओं के साथ बैठकर करती हैं. इससे एक भावनात्मक जुड़ाव बनता है, जो वोटों में तब्दील हो सकता है.
कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह की पत्नी भी मैदान में
अमरपुर से कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र सिंह की पत्नी और पूर्व जिला परिषद सदस्य अर्चना सिंह भी प्रचार में जुटी हैं. छठ और पर्व-त्योहार के मौसम में जब महिलाएं घरों में व्यस्त होती हैं, तब अर्चना उनके बीच जाकर पति के पक्ष में माहौल बना रही हैं. वे कहती हैं, “हम महिलाओं की ताकत हैं, अगर महिलाएं ठान लें तो राजनीति का रुख भी बदल जाता है.”
सुजाता वैध की बेटी ने थामा प्रचार का मोर्चा
जनसुराज उम्मीदवार सुजाता वैध की इंजीनियर बेटी भावना शिल्पी भी प्रचार की पिच पर उतर चुकी हैं. मां-बेटी की यह जोड़ी युवा और महिला वोटर्स को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है. भावना सोशल मीडिया से लेकर जमीनी प्रचार तक, हर मोर्चे पर सक्रिय हैं. वे कहती हैं, “हम बिहार की नई सोच का चेहरा हैं.”
बेलहर में सिंपल देवी ने महिलाओं को साधा
बेलहर विधानसभा से जदयू उम्मीदवार और मौजूदा विधायक मनोज यादव की पत्नी सिंपल देवी जिला परिषद सदस्य हैं और अब प्रचार की धुरी बन चुकी हैं. वे महिला टीम के साथ “सरकार की योजनाएं घर-घर तक पहुंचाने” में लगी हैं. एनडीए महिला विंग की अध्यक्ष रानी महकम के साथ उनका प्रचार अभियान गांवों में खूब चर्चा बटोर रहा है.
कटोरिया में पूजा मुर्मू बनीं पति की ताकत
सुरक्षित सीट कटोरिया से भाजपा उम्मीदवार पुरनलाल टुडू की पत्नी पूजा मुर्मू, जो खुद मुखिया हैं, अब अपने पति की जीत की रणनीति बना रही हैं. वे अपने अनुभव और नेटवर्क का पूरा उपयोग कर रही हैं. गांव की पंचायतों में बैठकर महिलाओं को समझा रहीं हैं कि “सरकार की योजनाओं से कैसे फायदा मिला है.”
निर्दलीय रेखा सोरेन को पिता का साथ
इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रेखा सोरेन को उनके पिता और पूर्व विधायक सोनेलाल हेंब्रम का पूरा समर्थन मिला हुआ है. पिता-पुत्री की यह टीम दिन-रात प्रचार में जुटी है. परिवार की इस एकजुटता ने चुनावी माहौल में अलग ही रंग भर दिया है.
भोजपुरी स्टार्स की पत्नियों की भी एंट्री
बिहार की सियासी जंग में अब भोजपुरी सितारों के परिवार भी उतर आए हैं. राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा यादव और भाजपा नेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने चुनावी हलचल में नया रोमांच भर दिया है. जहां चंदा अपने पति के साथ मंच साझा कर रहीं हैं, वहीं ज्योति खुद काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं.
चुनावी रण में पत्नियों का बढ़ता कद
बिहार चुनाव 2025 में यह साफ दिख रहा है कि अब पत्नियां सिर्फ “सपोर्ट सिस्टम” नहीं रहीं, बल्कि “सियासी स्ट्रेंथ” बन चुकी हैं. उनकी मौजूदगी न सिर्फ जनसंपर्क बढ़ा रही है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा कर रही है. चाहे शिल्पी सुरभि हों, सिंपल देवी या चंदा यादव. ये सभी अब बिहार की राजनीति में नई प्रेरणा बनकर उभर रही हैं.





