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चुनाव से पहले बिहार में तेजस्वी की यात्रा पर मचा सियासी संग्राम, पढ़ें नीतीश की किस यात्रा का क्या रहा मकसद?

तेजस्वी यादव की दूसरे चरण की यात्रा की शुरूआत हुई और यह यात्रा समय से पहले संपन्न होने जा रही है मालूम हो कि तेजस्वी की सियासी यात्रा 21 अक्टूबर को संपन्न होना था लेकिन समय से पहले पूरी हो चुकी है. वहीं बात करें बिहार के सियासी यात्रा को लेकर तो राज्य में यात्राओं का योगदान होता है.

चुनाव से पहले बिहार में तेजस्वी की यात्रा पर मचा सियासी संग्राम, पढ़ें नीतीश की किस यात्रा का क्या रहा मकसद?
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सागर द्विवेदी
Curated By: सागर द्विवेदी

Updated on: 17 Oct 2024 8:09 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव को होने में अभी देरी लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने अभी से ही अपना- अपना दांव चलाना शुरू कर दिया है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की दूसरे चरण की यात्रा की शुरूआत हुई और यह यात्रा समय से पहले संपन्न होने जा रही है मालूम हो कि तेजस्वी की सियासी यात्रा 21 अक्टूबर को संपन्न होना था लेकिन समय से पहले पूरी हो चुकी है. वहीं बात करें बिहार के सियासी यात्रा को लेकर तो राज्य में यात्राओं का योगदान होता है. इस कड़ी में तेजस्वी यादव की दूसरे चरण की यात्रा की शुरुआत हुई. बांका की जनता का 'दर्शन' करेंगे और कार्यकर्ताओं से जन संवाद करेंगे. पटना से बांका के लिए रवाना होते-होते उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को चेता दिया. उन्होंने साफ कह दिया है कि अगर बिहार में माहौल बिगड़ा तो राष्ट्रीय जनता दल चुप नहीं बैठेगी.

18 अक्टूबर से गिरिराज सिंह की भागलपुर से यात्रा

बिहार के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ऐलान किया है कि वह भागलपुर से 18 अक्टूबर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालेंगे, उनकी ये यात्रा हिंदू स्वाभिमान यात्रा के नाम से निकलने वाली है. गिरिराज सिंह हिंदूओं के स्वाभिमान को जगाने के लिए निकलने वाले है. ये यात्रा अपने पहले चरण में पांच मुस्लिम बहुल जिलों से गुजरने वाली है ऐसे में तेजस्वी यादव ने चेतावनी दे डाली है, तेजस्वी यादव का कहना है कि गिरिराज सिंह हिंदू स्वाभिमान यात्रा से बिहार में दंगा होने या माहौल बिगड़ने की आशंका है. ऐसे में उन्होंने कहा कि RJD चुप नहीं बैठेगी.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को शुरू होने में अभी दो दिन का समय बचा हुआ है लेकिन उनकी यात्रा को लेकर राजनीतिक पार्टियों में चिंता साफ नजर आ रही है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को अपने वोट बैंक संगठित करने का भी मौका है. इस बीच उन्होंने अपने मुस्लिम वोटरों को साफ संकेत दिया है. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में इकलौती पार्टी RJD भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है.

20 साल से सत्ता में नीतीश कुमार का उठापटक

बिहार की राजनीति में नीतिश कुमार की बाजी पलट देने का क्रम बीते 20 साल से चला रहा रहा है. नीतीश कुमार हर बार प्रदेश की सत्ता के केंद्र में रहे हैं चाहे उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई हो राजद के साथ मिलकर, इसी के साथ JUD पार्टी सरकार बनाने में हर बार अहम रोल निभाती आई है. वहीं नीतीश कुमार ने 20 साल की राजनीति में 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं और इसी के साथ उन्होंने 6 बार भाजपा के साथ तो 2 बार RJD के साथ सत्ता में आए.

नीतीश की यात्रा का सियासी सफर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2005 को न्याय यात्रा शुरू की थी. इसके बाद 9 जनवरी 2009 को विकास यात्रा निकाली. लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद 17 जून 2009 से धन्यवाद यात्रा शुरू की. 25 दिसंबर 2009 को प्रवास यात्रा निकाली, इसके जरिए जनता को अपने 4 साल का हिसाब-किताब दिया. 2010 के विधानसभा चुनाव में जाने से पहले 28 अप्रैल 2010 से विश्वास यात्रा निकाली. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद 2011 के अंत में सेवा यात्रा निकाली. 19 सितंबर 2012 से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की मांग को लेकर अधिकार यात्रा निकाली.

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की शुरुआत की. हालांकि, चुनाव में जेडीयू शर्मनाक प्रदर्शन रहा. 13 नवंबर 2014 से संपर्क यात्रा की शुरुआत की. यह 2015 के विधानसभा चुनाव की तैयारी थी. 2015 में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने 7 निश्चय को लागू किया, इसी का फीडबैक लेने के लिए 9 नवंबर 2016 से निश्चय यात्रा पर निकले. 7 दिसंबर 2017 से समीक्षा यात्रा शुरू की, इसमें विकास कार्यों की समीक्षा करनी थी. 03 दिसंबर 2019 को जल-जीवन-हरियाली यात्रा निकाली. 22 दिसंबर 2021 को नीतीश समाज सुधार यात्रा पर निकले. इसके बाद स्वास्थ्य गड़बड़ रहने लगा. इस लोकसभा चुनाव से पहले 28 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर निकले.

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