आखिर किस बात तेजस्वी के आने से पहले आपस में भिड़ गए RJD कार्यकर्ता? पुलिस को करना पड़ा बचाव- Video
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में रविवार को आयोजित बिहार प्रदेश चौरसिया महासभा के 'राजनीतिक चेतना सम्मेलन' में उस वक्त हंगामे की स्थिति बन गई, जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पहुंचने से पहले ही मंच पर आंतरिक विवाद छिड़ गया. यह सम्मेलन आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अतिपिछड़े वर्ग, खासकर चौरसिया समाज को राजनीतिक रूप से संगठित करने के मकसद से आयोजित किया गया था.

पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में रविवार को आयोजित बिहार प्रदेश चौरसिया महासभा के 'राजनीतिक चेतना सम्मेलन' में उस वक्त हंगामे की स्थिति बन गई, जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पहुंचने से पहले ही मंच पर आंतरिक विवाद छिड़ गया. यह सम्मेलन आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अतिपिछड़े वर्ग, खासकर चौरसिया समाज को राजनीतिक रूप से संगठित करने के मकसद से आयोजित किया गया था.
लेकिन आयोजन की शुरुआत से पहले ही मंच पर मौजूद कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए. बताया जा रहा है कि यह टकराव मंच पर बैठने की व्यवस्था को लेकर हुआ. स्थिति को बिगड़ते देख कुछ वरिष्ठ नेताओं और आयोजकों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। हालांकि यह घटना आयोजन की गरिमा और उद्देश्य दोनों पर सवाल खड़ा कर गई.
मंच पर हुआ घमासान, कुर्सियों को लेकर हुई कहासुनी
कार्यक्रम की शुरुआत से ठीक पहले मंच पर मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं के बीच सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर तीखी बहस हो गई। आरोप है कि कई कार्यकर्ता मंच पर विशेष स्थान की मांग कर रहे थे, जिसे लेकर आपसी झड़प हो गई.
वरिष्ठ नेताओं ने संभाला मोर्चा, टली बड़ी फजीहत
हालात बिगड़ते देख मंच पर मौजूद कई वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को संभाला. वे मंच पर आए और नाराज़ कार्यकर्ताओं को समझाकर शांत किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए आयोजकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
चौरसिया समाज को राजनीतिक रूप से जागरूक करना
‘चौरसिया राजनीतिक चेतना सम्मेलन’ का मकसद चौरसिया समाज के लोगों को आगामी विधानसभा चुनावों में एकजुट करना और उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास कराना था. आयोजकों का दावा है कि यह सम्मेलन समाज की राजनीतिक दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जब कार्यक्रम में पहुंचे, तब तक मंच पर स्थिति सामान्य हो चुकी थी। हालांकि आयोजन से पहले का तनाव साफ तौर पर महसूस किया गया. तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में सामाजिक न्याय, आरक्षण और पिछड़ों की भागीदारी जैसे मुद्दों पर बात की.