अब पटना में 'Water Metro' से डबल होगा घूमने का मजा! सरकार ने ट्रांसपोर्ट के विकास के लिए की घोषणा, जानें किराया और खासियत
पटना में वाटर मेट्रो सेवा की शुरुआत से शहर में परिवहन की नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है. केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को इस परियोजना की घोषणा की है. करीब 2 साल के अंदर इस संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
Patna Water Metro: पटना में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैली और कार्यक्रम का आयोजन भी देखने को मिल रहा है. भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी समेत तमाम राजनीतिक दल जनता से बड़े-बड़े वादे कर रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने पटना में वाटर मेट्रो शुरू करने का एलान कर दिया है.
केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सोमवार (16 जून) को इस परियोजना की घोषणा की. जिससे पटना गंगा नदी पर एक प्रमुख जलमार्ग केंद्र के रूप में विकसित होगा. अभी वाटर मेट्रो के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो रही है. करीब 2 साल के अंदर इस संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
कहां बनेगा रेलवे ट्रैक?
मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदी में जलमार्ग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए गठन किया है. टास्क फोर्स में जलमार्ग मंत्रालय, अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ ही बिहार सरकार के अधिकारी भी होंगे. बता दें कि पटना में अवस्थित NINI ऑफिस को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर बनाया जाएगा. 6 करोड़ की लागत से आरओ-पैक्स टर्मिनल विकसित किया जाएगा. वाटर मेट्रो एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट है जो इलेक्ट्रिक बोट्स का उपयोग करके पानी के ऊपर चलती है.
सरकार का प्लान
वाटर मेट्रो के लिए पटना और बिहार के विभिन्न जिलों में 16 सामुदायिक जेटी और 2 टर्मिनल बनाए जाएंगे. पटना में एक आधुनिक जहाज निर्माण और मरम्मत केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय रोजगार सृजन होगा और जल परिवहन की क्षमता बढ़ेगी. वहीं सारण जिले के कालू घाट को एक एडवांसस सुविधाओं से लैस जलमार्ग केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. गंगा नदी के किनारे स्थित 12 जिलों में जलमार्ग और नदी आधारित वाणिज्य के स्टडी के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया जाएगा.
वाटर मेट्रो में क्या होगा खास?
- वाटर मेट्रो में बैटरी पर चलने वाली हाइब्रिड इलेक्ट्रिक बोट्स का उपयोग किया जाएगा, जो पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष होंगी.
- गंगा नदी में गहराई की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, फ्लोटिंग टर्मिनलों का निर्माण किया जा रहा है.
- पटना में विभिन्न घाटों जैसे दानापुर, दीघा, कुर्जी, राजापुर, बांसघाट, महेन्द्रू घाट, गांधी घाट, रानी घाट, पथरी घाट, राजा घाट, गाय घाट, नौजर घाट, दुली घाट, खाजेकलां घाट, कंगन घाट और दीदारगंज घाट पर टर्मिनल बनाए जाएंगे. यह शहर की मुख्य सड़कों से जुड़े होंगे.
- वाटर मेट्रो का किराया 20 रुपये से 40 रुपये के बीच होगा. यह दिल्ली मेट्रो से भी कम है, जिससे यह आम जनता फायदा होगा.
- हर नाव में 50 बैठने की और 50 खड़े होने की क्षमता होगी, जिससे कुल 100 यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे.





