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नीतीश ने चला चुनावी मास्टरस्ट्रोक! पत्रकारों को 15 हजार पेंशन, सभी के लिए तोहफों की बारिश

बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों की पेंशन 6 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दी है. मृत पत्रकारों के आश्रितों को अब 10 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इसके अलावा फ्री बिजली, सामाजिक पेंशन और रोजगार जैसे बड़े ऐलान भी किए गए हैं. नीतीश का फोकस अब सीधे जनसमूह और मीडिया पर है.

नीतीश ने चला चुनावी मास्टरस्ट्रोक! पत्रकारों को 15 हजार पेंशन, सभी के लिए तोहफों की बारिश
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 26 July 2025 9:43 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक के बाद एक लोकलुभावन घोषणाएं कर रहे हैं. ताजा ऐलान पत्रकारों के लिए है. नीतीश कुमार ने 'बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना' के तहत दी जा रही मासिक पेंशन राशि को 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया है. इसके साथ ही पत्रकार की मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रित जीवनसाथी को अब 3 हजार की बजाय 10 हजार रुपए मासिक पेंशन देने का प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और सामाजिक विकास में उनकी भूमिका बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पत्रकार न केवल निष्पक्षता से अपना काम करें, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन भी बिता सकें. यह कदम जहां पत्रकार समुदाय के लिए राहत की खबर है, वहीं राजनीतिक रूप से यह मीडिया के साथ संबंध मजबूत करने की रणनीति भी मानी जा रही है.

पेंशन से लेकर बिजली तक, नीतीश के एलान पर एलान

यह फैसला नीतीश कुमार की उन घोषणाओं की कड़ी में है, जो चुनाव से पहले आम जनता तक सीधा संदेश पहुंचा रही हैं. हाल ही में उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी की थी. अब बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं को 400 की बजाय 1100 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी. साथ ही, उन्होंने राज्य में 125 यूनिट तक फ्री बिजली देने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगी.

रोजगार पर भी दिखाया बड़ा विज़न

नीतीश सरकार ने सिर्फ पेंशन और रियायतों तक खुद को सीमित नहीं रखा है. उन्होंने भविष्य की दृष्टि रखते हुए यह भी ऐलान किया है कि 2025 से 2030 तक राज्य में एक करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे. यह लक्ष्य वर्ष 2020 से 2025 तक के टारगेट से दोगुना है. इससे साफ है कि सरकार युवा वोटर बेस को साधने की कोशिश में है और चुनाव को ध्यान में रखकर लंबे वादे किए जा रहे हैं.

चुनाव से पहले जनसंपर्क की रणनीति तेज

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घोषणाएं महज़ योजनाओं की शृंखला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं. पत्रकारों की पेंशन बढ़ाने से लेकर गरीब और मध्यमवर्गीय वर्गों को राहत देने तक, नीतीश कुमार उन सभी तबकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जो मतदान में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. देखना होगा कि ये घोषणाएं कितनी ज़मीन पर उतरती हैं और जनता कितनी सकारात्मक प्रतिक्रिया देती है.

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