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नीतीश कुमार ने अपने राइट हैंड अशोक चौधरी की सीएम आवास में एंट्री क्यों की बैन?

Bihar Elections 2025: बिहार की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भरोसेमंद और करीबी मंत्री अशोक चौधरी की मुख्यमंत्री आवास में एंट्री पर बैन लगा दिया है. आखिर नीतीश ने ये कड़ा कदम क्यों उठाया? मंत्री अशोक चौधरी ने ऐसा क्या कर दिया? जानिए अंदर की कहानी और इसका सियासी असर.

नीतीश कुमार ने अपने राइट हैंड अशोक चौधरी की सीएम आवास में एंट्री क्यों की बैन?
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( Image Source:  ANI )

Bihar Chunav 2025: बिहार की राजनीति में आज कल हलचल तेज है. अब चर्चा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बेहद करीबी माने जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी के बीच पहले वाला भरोसे का संबंध नहीं रहा. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी की मुख्यमंत्री आवास में एंट्री पर रोक लगा दी है. यह फैसला अचानक नहीं बल्कि पिछले कुछ दिनों से चल रही नाराजगी का परिणाम बताया जा रहा है.

बिहार के सियासी गलियारों में दबी जुबान से मुख्यमंत्री आवास में रात 11 बजे हुई बैठक में इसका नजारा उभरकर सामने आया. सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब और बाकी अन्य प्लेटफॉर्म पर इस घटना की चर्चा तेजी से हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक गलियारों के सूत्रों से मिली जानकारी बता रही है कि बीती रात के अंधेरे में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, जेडीयू के एक नेता और केंद्रीय मंत्री के साथ सीएम आवास पहुंच गए. फिर क्या था, नीतीश कुमार, अशोक चौधरी को देखते ही हत्थे से उखड़ गए. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी की ओर देखा और कहा कि आप यहां कैसे पहुंच गए? यहां तो इनका प्रवेश बंद है.

गुस्से में सीएम नीतीश!

इतना ही नहीं, अशोक चौधरी जिस नेता के पिछल्लगू बनकर पहुंचे थे, उस नेता ने नीतीश कुमार के सामने सफाई देते हुए कहा कि हम इन्हें नहीं लाए हैं. ये तो खुद यहां आए हैं. उसके बाद नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को फटकारते हुए कहा कि प्रशांत किशोर की ओर से जो आरोप लगाया गया है, उसका सबूत पेश कीजिए. खुद को निर्दोष साबित कीजिए. उसके बाद ही कोई बात हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने इस दौरान दिल्ली वाले मंत्री जी को कहा कि हमने इनकी यानी अशोक चौधरी की एंट्री रोक दी है. अगर आप इन्हें लेकर आए हैं, तो आगे से ध्यान रखिएगा.

पूरा मामला क्या है?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में अपने निजी सचिवालय को निर्देश दिया कि मंत्री अशोक चौधरी फिलहाल सीएम आवास में न आएं. बताया जा रहा है कि यह कदम किसी 'गंभीर असहमति और विश्वासघात की भावना' के बाद उठाया गया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चौधरी पर कुछ अंदरूनी बैठकों की बातें बाहर लीक करने का आरोप है, जिससे मुख्यमंत्री बेहद नाराज हैं.

नीतीश के भरोसेमंद रहे हैं अशोक चौधरी

अशोक चौधरी को नीतीश कुमार का सबसे भरोसेमंद मंत्री माना जाता था. शिक्षा विभाग से लेकर जेडीयू के अहम फैसलों में उनकी गहरी भूमिका रही है. यहां तक कि नीतीश कुमार ने कई बार सार्वजनिक मंच से भी उनकी तारीफ की थी, लेकिन हाल के महीनों में दोनों के बीच खटास बढ़ी है.

क्या है नाराजगी की वजह?

राजनीतिक सूत्र के मुताबिक नारजगी के कई कारण है. पहला अशोक चौधरी की कुछ गतिविधियां सीएम की जानकारी के बिना होने लगी थीं. दूसरा जेडीयू के अंदर उनकी बढ़ती पकड़ ने नीतीश को सतर्क कर दिया. तीसरा प्रशांत किशोर के हालिया बयानों के बाद चौधरी पर कई सवाल उठे, जिससे नीतीश और असहज हुए.

क्या आरोप लगाए थे प्रशांत किशोर ने?

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हाल में कहा था कि नीतीश कुमार के आसपास वही लोग हैं, जिन्होंने बिहार की राजनीति को कमजोर किया. इस बयान के बाद सीएम कैंप में हलचल मच गई और कुछ मंत्री सीधे तौर पर कटघरे में आ गए. कहा जा रहा है कि अशोक चौधरी उसी घेरे में शामिल थे, जिससे नीतीश का भरोसा हिल गया.

सियासी असर क्या होगा?

नीतीश कुमार और अशोक चौधरी के बीच बढ़ी दूरी जेडीयू के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है. पार्टी के अंदर दो गुट बनने की चर्चा है. विपक्ष इसे जेडीयू में अंतर्कलह करार दे रहा है. आने वाले चुनावों में इसका असर संगठन पर पड़ना तय माना जा रहा है.

दरअसल, नीतीश कुमार का यह कदम सिर्फ नाराजगी नहीं बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है कि मुख्यमंत्री अब किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करेंगे. आने वाले दिनों में यह विवाद जेडीयू के अंदर और भी हलचल मचा सकता है. हाल ही में प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर 200 करोड़ घोटाले का आरोप लगाया था.

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