महात्मा गांधी को भाजपा का झंडा, पट्टा और टोपी पहनाए जाने पर बवाल, आरजेडी बोली- भारतीय एकता और संप्रभुता से BJP को चिढ़...
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भाजपा का झंडा, टोपी और पट्टा पहनाए जाने से राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया. इस घटना को लेकर आरजेडी ने भाजपा पर राष्ट्रपिता का अपमान करने का आरोप लगाया और गंगाजल से प्रतिमा का शुद्धिकरण किया. विपक्षी दलों ने इसे सत्ता की लालसा बताते हुए भाजपा को चुनावी चेतावनी दी.

बिहार की राजनीति में एक नई हलचल मीनापुर, मुजफ्फरपुर से उठी है. यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भाजपा का झंडा, पट्टा और टोपी पहनाए जाने से बवाल खड़ा हो गया. यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति बल्कि राज्यस्तरीय चर्चाओं का केंद्र बन गई है. सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, मीनापुर में भाजपा के एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान गांधी प्रतिमा को भाजपा के प्रतीकों से सजाया गया. पार्टी नेताओं ने प्रतिमा के सिर पर टोपी रखी, गले में पट्टा डाला और हाथ में भाजपा का झंडा थमा दिया. यह दृश्य देखते ही स्थानीय लोग भड़क उठे और विरोध की लहर तेजी से फैल गई.
राजद का तीखा हमला
राजद विधायक मुन्ना यादव ने इस घटना को राष्ट्रपिता का सीधा अपमान बताया. उन्होंने कहा कि मीनापुर जैसी शहीदों की धरती पर ऐसी हरकत असहनीय है. मुन्ना यादव मौके पर पहुंचे और प्रतिमा का गंगाजल से शुद्धिकरण कर पूजा-अर्चना की. इसके साथ ही भाजपा का झंडा हटाकर तिरंगा लगाया गया. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में पार्टी महापुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचा रही है.
गांधी से अंबेडकर तक का जिक्र
राजद नेताओं का आरोप है कि भाजपा लगातार देश के महापुरुषों का अपमान करती रही है. मुन्ना यादव ने याद दिलाया कि पहले भी बाबासाहेब अंबेडकर के साथ ऐसा किया गया और अब गांधीजी की प्रतिमा के साथ. उनके मुताबिक यह भाजपा की सोची-समझी रणनीति है, जिससे समाज में बंटवारा कर राजनीतिक फायदा लिया जा सके.
विपक्ष का संयुक्त हमला
राजद के अलावा कई अन्य विपक्षी दलों ने भी भाजपा के इस कदम की आलोचना की. उनका कहना है कि भाजपा सत्ता की भूख में इतनी आगे बढ़ चुकी है कि अब उसे राष्ट्रपिता का सम्मान भी मायने नहीं रखता. विपक्ष ने जनता से अपील की कि आने वाले चुनाव में इस घटना को याद रखकर भाजपा को सबक सिखाएं.
जनता के मूड पर असर
मीनापुर की यह घटना चुनावी मौसम से पहले बड़ा मुद्दा बन सकती है. स्थानीय स्तर पर लोग इसे भावनाओं से जोड़ रहे हैं और विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार बना रहा है. भाजपा की ओर से अभी तक कोई बड़ा बयान सामने नहीं आया है, लेकिन विपक्षी दल इस विवाद को लंबे समय तक जीवित रखने की रणनीति बना चुके हैं.