कौन हैं मोहसिन नकवी, जिनसे भारत ने एशिया कप ट्रॉफी लेने से किया इनकार? ऑपरेशन सिंदूर में उगला था जहर
पाकिस्तान के गृह मंत्री और पीसीए के अध्यक्ष मोहसिन नकवी एक बार फिर विवादों में हैं. भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप का फाइनल मैच जीतने के बाद ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया. नकवी पहले भी 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत विरोधी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहे थे. आइए, जानते हैं मोहसिन नकवी बार-बार क्यों विवादों में घिरते हैं.

भारत ने अंतिम ओवर में पाकिस्तान को हराकर एशिया कप टी-20 का फाइनल मैच जीत लिया, लेकिन यह एशिया कप का समापन समारोह ट्रॉफी दिए बिना ही समाप्त हो गया. इससे पहले ट्रॉपी देने और लेने को लेकर एक घंटे से ज्यादा समय तक रस्साकशी चली. क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष और गृह मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, जिन्होंने जोर देकर कहा कि वह इसे सौंप देंगे. खिलाड़ी एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष खालिद अल जरूनी से ट्रॉफी लेने के लिए तैयार थे, लेकिन अधिकारियों ने अंततः ट्रॉफी छीन ली.
मोहसिन नकवी कौन हैं?
मोहसिन रजा नकवी (Syed Mohsin Raza Naqvi) पाकिस्तानी राजनेता और मीडिया कारोबारी हैं. गृह मंत्री 11 मार्च 2024 से सेवा में हैं. वह छह फरवरी 2024 से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष हैं. एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) का अध्यक्ष अप्रैल 2025 से हैं. दो साल तक वह इस पद पर रहेंगे. उन्होंने श्रीलंका क्रिकेट के प्रमुख शम्मी सिल्वा का स्थान लिया था. वह 22 जनवरी 2023 से 26 फरवरी 2024 तक पंजाब के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री केयरटेकर के रूप में काम किया था. वह सेनेटर अप्रैल 2024 से पंजाब से सेनेटर भी हैं. मीडिया समूह के संस्थापक उन्होंने 'City Media Group' नामक मीडिया कंपनी की स्थापना की. नकवी ने कहा था कि एशिया वैश्विक क्रिकेट का केंद्र बना हुआ है और उन्होंने इस खेल को पूरे महाद्वीप में फैलाने का संकल्प ले रखा है.
ट्रॉफी लेने से इनकार का मामला क्या है?
इस घटना का संबंध एशिया कप 2025 के फाइनल के बाद हुए विवाद से है. भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में हराया और जीत दर्ज की, लेकिन पुरस्कार वितरण समारोह में, भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी से ट्रॉफी स्वीकार नहीं की. इसके कारण समारोह में देरी हुई और अंततः ट्रॉफी देने की औपचारिकता पूरी नहीं हुई. भारतीय टीम ने कहा कि वे ट्रॉफी किसी अन्य अधिकारी से स्वीकार करने के लिए तैयार थे, बशर्ते वे नकवी से न हो.
कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नकवी ने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट शेयर किए थे जिन्हें भारत विरोधी माना गया और उन पोस्टों ने इस निर्णय को विशेष रूप से प्रेरित किया.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय उगला था जहर
मोहसिन नकवी सबसे पहले तब चर्चा में आए थे जब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त किए थे. इस सर्जिकल कार्रवाई से बौखलाए नकवी ने भारत पर तीखे हमले किए थे और कई विवादित बयान दिए थे. उन्होंने पाकिस्तान में कई सार्वजनिक सभाओं में कहा था कि ‘भारत ने सीमा पार की है और इसका जवाब दिया जाएगा.’
मोहसिन रजा नकवी ने दावा किया था कि पाकिस्तानी वायु सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय जेट्स को मार गिराया, जिसमें राफेल भी शामिल था. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमने भारत को उसकी जगह दिखा दी है. उनकी तथाकथित सुपर पावर की छवि धराशायी हो गई है.’ उनके इन बयानों की न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आलोचना हुई थी. नकवी पर आरोप है कि वे आतंक के खिलाफ कार्रवाई की बजाय उकसाने वाली बयानबाजी करते हैं और भारत को निशाना बनाते हैं.