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बिहार में अब गुम नहीं होंगे दाखिल–खारिज के कागज! हर आवेदन पर तुरंत मिलेगा SMS अलर्ट

बिहार में राजस्व महा-अभियान के चौथे चरण में सभी भूमि संबंधित आवेदन अब पूरी तरह ऑनलाइन अपलोड होंगे. आवेदकों को SMS के जरिए आवेदन संख्या मिलेगी और वे इसे बिहारभूमि पोर्टल पर ट्रैक कर सकेंगे. विभाग ने प्रशिक्षित कर्मचारियों को आवेदन स्कैन और अपलोड करने का जिम्मा दिया है. प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिदिन कम से कम 25 आवेदन ऑनलाइन करने का लक्ष्य रखा गया है. यह पहल पारदर्शिता, तेजी और डिजिटल सुविधा बढ़ाने में सहायक होगी.

बिहार में अब गुम नहीं होंगे दाखिल–खारिज के कागज! हर आवेदन पर तुरंत मिलेगा SMS अलर्ट
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 10 Sept 2025 5:14 PM

बिहार में राजस्व महा-अभियान के चौथे चरण में डिजिटल क्रांति देखने को मिल रही है. अब दाखिल–खारिज और परिमार्जन से जुड़े सभी आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे. आवेदक को आवेदन अपलोड होते ही SMS के माध्यम से आवेदन संख्या मिल जाएगी, जिससे वे अपने आवेदन की स्थिति रीयल-टाइम में ट्रैक कर सकेंगे.

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक कर्मचारी कम से कम 25 आवेदन प्रतिदिन ऑनलाइन अपलोड करे और औसतन 200 आवेदन स्कैन करे. शिविरों में जमा किए गए आवेदन पहले सुरक्षित गैल्वनाइज्ड बॉक्स में रखे जाएंगे और फिर स्कैन कर महाअभियान पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे. यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने, प्रक्रिया तेज करने और भूमि संबंधित मामलों में आम नागरिकों को सुविधा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

महाअभियान का चौथा चरण और समय सीमा

राजस्व महा–अभियान की शुरुआत 16 अगस्त से हुई थी और यह 20 सितंबर तक चलेगा. पहले चरण में जमाबंदी पंजी की प्रति तैयार की गई और आवेदन प्रपत्र व अंचल माइक्रो प्लान बनाए गए. दूसरे चरण में जमाबंदी प्रति और आवेदन प्रपत्र का वितरण किया गया. तीसरे चरण में छोटे स्तर पर शिविर लगाकर आवेदन एकत्र किए गए. अब चौथा चरण 21 सितंबर से शुरू हो रहा है, जिसमें सभी आवेदन ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे. इसके बाद पांचवें चरण में आवेदनों का निष्पादन होगा, जिसके लिए अलग से दिशा–निर्देश जारी किए जाएंगे.

आवेदन अपलोड प्रक्रिया

शिविर में प्राप्त सभी आवेदन पहले गैल्वनाइज्ड बॉक्स में सुरक्षित रखे जाएंगे. फिर उन्हें स्कैन कर महाअभियान पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. विभाग ने तय किया है कि हर कर्मी को प्रतिदिन कम से कम 25 आवेदन ऑनलाइन अपलोड करने और औसतन 200 आवेदन स्कैन करने का लक्ष्य दिया जाएगा. अगर प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज में कोई कमी पाए जाती है, तो संबंधित रैयत से आवश्यक दस्तावेज लेकर अपलोड किया जाएगा.

प्रशिक्षित कर्मियों को मिलेगी जिम्मेदारी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि केवल प्रशिक्षित और दक्ष कर्मी इस काम को संभालेंगे. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी प्रकार की त्रुटि न हो. जैसे ही आवेदन जमा होगा, आवेदक को आवेदन संख्या तुरंत SMS पर मिल जाएगी. इस संख्या से वे बिहारभूमि पोर्टल पर लॉगिन कर आवेदन की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

लाभ और महत्व

इस डिजिटल व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि आवेदन प्रक्रिया भी तेज और सहज होगी. अब दस्तावेज खोने या विलंब होने का डर नहीं रहेगा. आम नागरिक अपने आवेदन की रीयल-टाइम स्थिति देख पाएंगे और प्रशासनिक प्रक्रिया पर उनकी पकड़ मजबूत होगी.

विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यह कदम बिहार के भूमि प्रशासन में सुधार और गति लाएगा. साथ ही, यह पहल आम लोगों के लिए सरकारी सेवाओं को आसान और अधिक सुलभ बनाएगी. राज्य सरकार का मानना है कि डिजिटल अपलोड और SMS अलर्ट जैसी सुविधाओं से भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी और लोगों का समय बचेगा.

बिहारनीतीश कुमार
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