प्रशांत किशोर ने नहीं मानी जमानत की शर्तें, मुचलका भी भरने से किया इन्कार; भेजे गए जेल; पढ़ें अपडेट
बीपीएससी छात्रों के मुद्दे पर प्रशांत किशोर लगातार डटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे अदालत में पेश किया गया, जहां जमानत मिल गई, लेकिन इस आदेश में यह शर्त थी कि मुझे कोई गलत काम नहीं करना चाहिए. इस आदेश को मैंने नकार दिया और इसके बाद मैंने जेल जाने का फैसला लिया.

बिहार की राजधानी पटना में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की गिरफ़्तारी के बाद सियासत गर्मा गई है. अब प्रशांत किशोर को पटना के बेउर जेल भेज दिया गया है. इसके साथ ही जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है. प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया.
बीपीएससी छात्रों के मुद्दे पर प्रशांत किशोर लगातार डटे हुए हैं. जेल जाने से पहले उन्होंने कहा कि यदि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह है, तो उन्हें जेल जाना स्वीकार है. अब प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जेल के अंदर ही जारी रहेगा.
बीजेपी की बी टीम और सुनियोजित स्क्रिप्ट: तेजस्वी
प्रशांत किशोर के आंदोलन पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कड़ा बयान देते हुए इसे एक सुनियोजित स्क्रिप्ट बताया है. तेजस्वी ने कहा कि यह सबकुछ एक फिल्म की तरह तैयार किया गया है, जिसमें डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी पहले से तय हैं. इस फिल्म में एक्टर और फाइनेंसर भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में एक खास नरेटिव सेट करने की कोशिश हो रही है, जिसका मकसद सबको मालूम है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस पूरी प्रक्रिया के पीछे बीजेपी की बी टीम काम कर रही है, जो एक राजनीतिक स्क्रिप्ट को पर्दे पर लाने की तैयारी कर रही है.
मैंने जेल जाने का फैसला लिया: पीके
प्रशांत किशोर ने बताया कि सुबह 5 से 11 बजे तक मुझे पुलिस की गाड़ी में बैठाकर अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया, लेकिन मुझे यह नहीं बताया गया कि कहां जा रहे हैं. जब मैंने पूछा, तो भी किसी ने जवाब नहीं दिया. लगभग पांच घंटे बाद मुझे फतुहा के सामुदायिक केंद्र में लाया गया, जहां मेरा मेडिकल परीक्षण किया जाना था और डॉक्टरों से प्रमाण पत्र लिया जाना था. मैंने सहमति देने से मना कर दिया क्योंकि मैंने कोई अपराध नहीं किया था. पुलिस ने डॉक्टरों से मुझे मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अवैध प्रमाण पत्र देने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद उन्होंने मेरा बयान दर्ज किया, जिसमें मैंने मेडिकल परीक्षण से मना किया था. मुझे अदालत में पेश किया गया, जहां जमानत मिल गई, लेकिन इस आदेश में यह शर्त थी कि मुझे कोई गलत काम नहीं करना चाहिए. इस आदेश को मैंने नकार दिया और इसके बाद मैंने जेल जाने का फैसला लिया.
पीके को मारा गया थप्पड़
पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर ने गांधी मूर्ति के नीचे आमरण अनशन शुरू किया था. सोमवार को पुलिस की एक टीम ने वहां पहुंचकर उन्हें उठाकर ले जाने का प्रयास किया. जन सुराज संगठन के सदस्य दावा कर रहे हैं कि इस दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर को थप्पड़ भी मारा. इसका वीडियो भी वायरल हुआ है.