कहां से चुनावी वादों की कीमत चुकाएंगे नीतीश कुमार? RJD बोली - बुड़बक बना रहे हैं...
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सीएम नीतीश कुमार ने एक के बाद एक 17 बड़े फैसले लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. इनमें गरीब, महिलाएं, युवा, सरकारी कर्मी, पत्रकार, दिव्यांग और किसान लगभग हर तबके को साधने की कोशिश की गई है. इस फैसले को नीतीश कुमार जनहित लिया गया फैसला बताते हैं. उनका कहना है कि इससे गरीबों का भला होगा.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जन कल्याणकारी योजनाओं की बारिश हो रही है. इसमें कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है. ऐसा हर चुनाव से पहले होता है. नीतीश कुमार के इस खेल का जवाब देने वाला अभी बिहार में कोई नहीं है. 20 साल से इसी दम पर वह सीएम बने हुए हैं. फिर, उन पर आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जिताने की भी जिम्मेदारी है, क्योंकि वह बिहार में एनडीए का नेतृत्व करते हैं. नीतीश कुमार के भरोसे एनडीए का सब कुछ दांव पर लगा है.
यही वजह है कि सीएम नीतीश कुमार अभी तक 18 ऐसी योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं, जिसकी वजह से बिहार के सरकारी खजाने पर खर्च दबाव बढ़ेगा. अहम सवाल यह है कि नीतीश कुमार अभी तक जिन जिन योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं, उसकी भरपाई के लिए पैसा कहां से लाएंगे?
नीतीश कुमार की इन घोषणाओं पर विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि कल्याणकारी योजनाओं का एलान उनकी सियासी मजबूरी है. वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तर्ज पर महायुति सरकार की तरह सत्ता में वापसी पर विचार कर रहे हैं. ताकि विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने में मदद मिले.
कहां से आएगा पैसा?
बिहार सरकार का 2025-26 का कुल बजट 3.17 लाख करोड़ रुपए है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल राजस्व व्यय 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए अनुमानित है, जो कुल व्यय का 79.52 प्रतिशत है. चालू वित्तीय वर्ष की खर्च की भरपाई के लिए बिहार सरकार के पास 20.5 प्रतिशत बजट की कमी है.
ऐसे में लोकलुभावन घोषणा सहित सहित सरकार चलाने के लिए पैसा कहां आएगा? बिहार में शराब पर प्रतिबंध हैं. आबकारी टैक्स हर राज्य में राजस्व का अहम हिस्सा है. दिल्ली, महाराष्ट्र या अन्य राज्यों की तरह बिहार में आय का वो जरिया भी नहीं है. न ही महायुति सरकार की तरह चुनावी घोषणाओं का अंबार लगाने में जुटी नीतीश कुमार ने महाराष्ट्र की तरह बिहार में औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया है.
नीतीश कुमार हमेशा से नए टैक्सेशन के विरोधी रहे हैं. उन्होंने स्थानीय स्तर पर राजस्व इजाफे के लिए पिछले साल में कोई काम नहीं किया. न ही उनकी ऐसा करने में कोई रुचि है. विकास के काम के लिए वह हमेशा केंद्र सरकार पर निर्भर रहे हैं. अभी भी वो पैसा कहां से लाएंगे, इसकी रूपरेखा नहीं बता रहे है.
मतदाताओं को बना रहे मूर्ख : नवल किशोर यादव
आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर यादव का कहना है कि नीतीश कुमार 20 साल से सत्ता में हैं. उन्हें चाहिए कि वो काम के नाम पर वोट मांगें, लेकिन वो वैसा नहीं कर रहे हैं. उनके पास विकास का कोई रोड मैप नहीं है. दो दशक के दौरान बिहार में उन्होंने किसी लॉन्ग टर्म प्लान के तहत काम नहीं किया. अब वो लोगों को एक बार फिर मूर्ख बना रहे हैं. बिहार में संसाधनों की कमी नहीं है. बिहार की आर्थिक समृद्धि के लिए जो करने की जरूरत है, उन्होंने वैसा अभी तक नहीं किया.
नीतीश कुमार की जनता को लुभाने वाली घोषणाएं
1. मिड डे मील योजना में काम करने वाली रसोइयों का मानदेय ₹1650 से बढ़ाकर ₹3300.
2. फिजिकल टीचर को 8 हजार रुपये प्रतिमाह की जगह 16 हजार रुपये मिलेगा.
3. नाइट गार्ड को 5 हजार की जगह 10 हजार रुपये प्रतिमाह.
4. 1 अगस्त से प्रति माह 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना तक बिजली की घरेलू खपत मुफ्त होगी. यह योजना लगभग 1.67 करोड़ परिवारों को कवर करेगी.
5. कुटीर ज्योति योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लगभग 58 लाख परिवारों को छतों पर मुफ्त सौर ऊर्जा संयंत्र प्रदान करेगी.
6. सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये बढ़ाकर 1100 रुपये.
7. आशा बहनों का मानदेय 1 हजार रुपये से 3000 हजार रुपये.
8. ममता कार्यकर्ता की प्रति प्रसव राशि 300 से 600 रुपये.
9. पत्रकारों के लिए पेंशन राशि ₹6000 से बढ़ाकर ₹15000 कर दी गई है. वहीं, मृत पत्रकारों के आश्रितों को ₹10000 प्रतिमाह मिलेगा.
10. दिव्यांग वर्ग के लिए खास योजना शुरू की गई है जिसके तहत UPSC या BPSC प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000 और इंटरव्यू की तैयारी के लिए ₹1 लाख की मदद दी जाएगी.
11. राज्य के 1 लाख युवाओं को हर महीने ₹4000 से ₹6000 की राशि के साथ इंटर्नशिप और प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए कुल ₹686 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
12. आठ हजार से ज्यादा पंचायतों में विवाह भवन (मैरिज हॉल) बनाने का फैसला लिया गया है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों की शादी सादगी से और सम्मान पूर्वक की जा सके. इसका संचालन जीविका समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा.
13. आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 11 हजार रुपये दिए जाएंगे.
14. ‘दीदी की रसोई’ में अब ₹20 में भोजन मिलेगा.
15. नई बस खरीदने पर ऑपरेटर को 20 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
16. विलुप्त लोक कलाओं के संरक्षण के लिए ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ योजना शुरू की गई है.
17. साल 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ नई नौकरियों और रोजगार के अवसर सृजित करने का वादा किया है. इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो उद्योग, स्टार्टअप और सरकारी क्षेत्र में संभावनाओं का अध्ययन करेगी.
18. सत्तारूढ़ गठबंधन के कल्याणकारी वादों में राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण.