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नीतीश कुमार के बेटे की JDU में हो गई एंट्री? तेजस्वी यादव के दावों पर साधा निशाना

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सेहत पर उठे सवालों का उनके बेटे निशांत कुमार ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश 100 प्रतिशत स्वस्थ हैं और विपक्ष बेवजह अफवाहें फैला रहा है. निशांत ने जनता से एक बार फिर उनके पिता को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की. बिहार की राजनीति में उनके सक्रिय होने की अटकलें तेज हो रही हैं.

नीतीश कुमार के बेटे की JDU में हो गई एंट्री? तेजस्वी यादव के दावों पर साधा निशाना
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 22 Feb 2025 8:18 AM IST

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने अपने पिता की सेहत पर उठाए जा रहे सवालों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री 100 प्रतिशत स्वस्थ हैं और विपक्ष बेवजह अफवाहें फैला रहा है. खासकर तेजस्वी यादव के दावों पर निशाना साधते हुए निशांत ने कहा कि बिहार की जनता को एक बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए.

पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान निशांत ने कहा कि वे दिल्ली से एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे हैं. जब उनसे पिता की सेहत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि सीएम पूरी तरह स्वस्थ हैं और जनता के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने आगामी चुनाव में एनडीए को जिताने की अपील भी की.

निशांत ने क्या कहा?

पटना एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही निशांत कुमार को मीडिया ने घेर लिया. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया, "मैं अभी दिल्ली से लौट रहा हूं. मेरे पीएसओ के बच्चे की शादी थी, उसी में शामिल होने गया था." बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने दोहराया, "मैं पहले भी कह चुका हूं और अब भी कह रहा हूं एनडीए की सरकार बनाएं, पिता जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाएं ताकि वे विकास का सिलसिला जारी रख सकें. वह पूरी तरह स्वस्थ हैं, 100 प्रतिशत फिट हैं.

जेडीयू में होगी एंट्री

हालांकि, पत्रकारों द्वारा राजनीति में उनकी संभावित एंट्री पर सवाल किए जाने पर निशांत ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. लेकिन हाल के दिनों में उनकी लगातार राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सार्वजनिक उपस्थिति यह इशारा कर रही हैं कि जेडीयू के अंदर उनके भविष्य को लेकर मंथन जारी है.

सियासत में चर्चा हुई तेज

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को लेकर चर्चाएं गर्म हैं. आगामी चुनावों को देखते हुए तमाम राजनीतिक दल जातीय समीकरण साधने में जुट गए हैं. हाल ही में पटना में आयोजित ‘कुर्मी एकता रैली’ में भी नीतीश कुमार का प्रभाव साफ नजर आया, भले ही वे खुद इसमें मौजूद नहीं थे. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भविष्य में निशांत कुमार बिहार में कुर्मी राजनीति का नया चेहरा बन सकते हैं? क्या एनडीए की नजर उन पर है? बिहार की सियासत में यह चर्चा अब और तेज हो गई है.

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