लाल किला ब्लास्ट: आटा चक्की बनी 'बम' बनाने की मशीन, मुख्य आरोपी मुजम्मिल के राज जान जांच अधिकारियों का घूमा माथा
दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि डॉक्टर मुजम्मिल गनई आटा चक्की का इस्तेमाल बम तैयार करने के लिए करता था. जांच एजेंसियों को मिले नए सबूतों ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है. जानें क्या है पूरा मामला.
दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों को एक ऐसा खुलासा मिला है जिसने पूरे मामले की दिशा बदल दी है. साथ ही जांच अधिकारियों को चौंका दिया है. दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड और सह आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल गनई आटा चक्की का इस्तेमाल बम तैयार करने से जुड़े कामों के लिए करता था. यह तरीका इतना साधारण था कि उस पर किसी का कई महीनों तक शक भी नहीं हुआ.
जांच एजेंसी की पूछताछ और मिले सबूत बता रहे हैं कि गनई ने किस तरह घरेलू उपकरणों और सामान्य बात का फायदा उठाकर पुलिस और स्थानीय लोगों की नजरों से बचने की कोशिश की थी.
ड्राइवर के घर से बरामद हुई थी आटा चक्की
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि टेरर डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई बम बनाने के लिए आटे की चक्की का इस्तेमाल करता था. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है. जांच अधिकारियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक टैक्सी ड्राइवर के घर से आटा चक्की और इलेक्ट्रिकल मशीनरी की तस्वीरें मिलीं हैं. वह आटा चक्की में यूरिया पीसता था और एक्सप्लोसिव के लिए केमिकल तैयार करता था.
सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर गनई ने बताया कि वह लंबे समय से यूरिया से अमोनियम नाइट्रेट अलग करने और विस्फोटकों को रिफाइन करने के लिए आटा चक्की का इस्तेमाल कर रहा था.
वह पहले आटा चक्की, ग्राइंडर और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक मशीन ड्राइवर के घर ले गया, यह कहकर कि ये उसकी बहन की शादी के तोहफे हैं और बाद में उन्हें अपने किराए के घर में ले गया.
यह मामला सामने आने के बाद नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) की एक टीम, जो दिल्ली धमाके की जांच कर रही है और जिसमें 15 लोग मारे गए थे, ने टैक्सी ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
मुजम्मिल गनई से 4 साल पहले मिला था
सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर ने NIA को बताया कि वह गनई से चार साल पहले तब मिला था जब अपने बेटे को इलाज के लिए अल-फलाह मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल ले गया था.
बता दें कि दिल्ली के लाल किले के पास एक हुंडई i20 कार में धमाका हुआ, जिसे एक सुसाइड बॉम्बर उमर उन नबी चला रहा था। उमर, एक कश्मीरी डॉक्टर, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से भी जुड़ा था.
लाल किले में हुए ब्लास्ट से कुछ घंटे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घोषणा की थी कि उसने एक इंटरस्टेट और ट्रांसनेशनल "व्हाइट-कॉलर" टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जो पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा से जुड़े टेरर ग्रुप अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा है.
उसने कहा कि उसने 2,900 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ भी जब्त किए हैं, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल है, जिसका कथित तौर पर दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया था.
पुलवामा का रहने वाला है मुजम्मिल
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला मुजम्मिल शकील गनई को 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए जान लेवा ब्लास्ट में अहम भूमिका निभाने के लिए गिरफ्तार किया गया था. वह फरीदाबाद में अपने किराए के कमरे में आटा चक्की का इस्तेमाल करता था. जहां से पुलिस ने 9 नवंबर को 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और दूसरे एक्सप्लोसिव बरामद किए थे.
गनई और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के उसके दो साथियों - उत्तर प्रदेश के लखनऊ के शाहीन सईद और जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के आदिल अहमद राथर को भी दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार किया गया है.





