नेपाल एक बार फिर उबल रहा है. 19 और 20 नवंबर 2025 को देश के कई हिस्सों में हालात अचानक बिगड़ गए जब GEN-Z आंदोलनकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समर्थक आमने-सामने आ गए. दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव, तोड़फोड़ और हिंसा हुई. स्थिति बेकाबू होती देख कई इलाकों में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा. यह पहली बार नहीं है। नेपाल में बीते 70 दिनों के भीतर दूसरी बार इतनी गंभीर हिंसा भड़की है. सवाल यह है कि नेपाल आखिर शांत क्यों नहीं हो पा रहा? राजनीतिक अस्थिरता, युवा असंतोष, सत्ता संघर्ष और आर्थिक तनाव—क्या ये सब मिलकर देश को फिर से उथल-पुथल की ओर धकेल रहे हैं? इन्हीं सभी अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (इनवेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में मौजूद नेपाल जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष खेमचंद्र आचार्य से लंबी बातचीत की. इस बातचीत में न सिर्फ हिंसा की जड़ों पर, बल्कि नेपाल की मौजूदा सत्ता-समीकरण, KP ओली के बढ़ते प्रभाव, और Gen-Z के उभार पर गहन विश्लेषण सामने आया...