समय रहते चेत गए प्रशांत किशोर, जन अदालत में विरोधियों से निपटने की रणनीति समझिए
बिहार में जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर (PK) अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं. अभी तक वह बिहार के नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाया चुके हैं. अब जन अदालत में लगातार बढ़ती भीड़ और विरोधियों के हमलों के बीच समय रहते नई रणनीति पर अमल करना शुरू किया है. वह अपने जन संवाद और कार्यकर्ताओं के नेटवर्क को मजबूत करने के साथ विपक्ष की हर चाल का जवाब भी जनता के बीच से ही देंगे.

बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का जन सुराज अभियान लगातार सुर्खियों में है. जन अदालत कार्यक्रम में वे जनता से सीधा संवाद करते हैं, लेकिन विरोधियों के आरोपों और सवालों ने उन्हें बड़ा राजनेता बनाने के साथ मुश्किलें भी बढ़ा दी है. ऐसे में PK ने चुनाव के बीच विरोधियों से निपटने और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए खास प्लान तैयार किया है. वह जन अदालत में मंचीय औपचारिकता के बदले आम लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उसका समाधान बताते हैं. इस दौरान वह सियासी विरोधियों के कारनामों का खुलासा करते है.
विपक्ष के हमलों का करारा जवाब
नई रणनीति के तहत अब वह विरोधियों की आलोचना का जवाब जन अदालत में ही दे रहे हैं. चाहे वह भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या जातीय समीकरण का, PK जनता को तथ्य और आंकड़ों के साथ अपनी बात समझाएंगे. इसके अलावा PK संगठन को बूथ स्तर तक ले जाने पर भी जोर दे रहे हैं. जन सुराज अभियान के तहत गांव-गांव तक समितियां बनाई जा रही हैं. ताकि हर विरोध का जवाब स्थानीय स्तर पर दिया जा सके.
सोशल मीडिया पर फोकस
विरोधियों के हमलों को बेअसर करने के लिए PK की टीम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी एक्टिव हो गई है. फेसबुक, एक्स (Twitter) और यूट्यूब पर उनके संदेश लगातार प्रसारित किए जा रहे हैं.
जन अदालत का विस्तार
प्रशांत किशोर का कहना है कि जन अदालत अब सिर्फ जिलों तक सीमित नहीं रहेगा. PK इसे प्रखंड और पंचायत स्तर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे जनता से सीधा जुड़ाव और गहरा हो सके. दरअसल, प्रशांत किशोर का लक्ष्य बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान जन अदालत के जरिए बड़े मुद्दों को जनता के बीच जीवित रखना है. ताकि जनता अन्य सियासी विकल्पों पर भी विचार करे.
पीके आरोप पर अशोक चौधरी ने क्या कहा?
बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर से कोर्ट-कचहरी की लड़ाई में उलझने के बदले सीधे चुनाव लड़ने का एलान किया है. अशोक चौधरी ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके हिसाब से न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ने से बेहतर है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस लड़ाई को जनता की अदालत में लड़ना बेहतर रहेगा. चौधरी ने कहा था कि प्रशांत किशोर के आरोपों पर मीडिया में बहस करने के बजाय, दोनों पक्ष अदालत में शपथ पत्र दाखिल कर बहस करें.
प्रशांत किशोर का जवाब, अब निर्णय जनता करे
जेडीयू के महासचिव अशोक चौधरी के बयान आने के बाद जन सुराज पार्टी के प्रमुख नेता प्रशांत किशोर ने भी इस मामले में अब नरम रुख अपनाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी कोई जांच एजेंसी नहीं है कि चुनाव छोड़कर यही करते रहे. उनका काम भ्रष्ट नेताओं को जनता के सामने लाना था. जिसने गलती मान ली और चुप हो गए, उस पर आगे नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि वह बात जनता के सामने आ गई.
जो गलती नहीं मान रहे हैं, उनके खिलाफ किस्त जारी करते रहेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा,'अच्छा रहेगा गलती मानिए, बिहार की जनता से माफी मांग लीजिए. नहीं तो जनता दौड़ाएगी. जनता जाग गई है, जनता दौड़ा रही है.'
100 बड़े भ्रष्ट नेताओं का एक एक चीज खंगालेंगे
दरअसल, प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर सैकड़ों करोड़ गलत तरीके से अर्जित करने का आरोप लगाया था. अब उन्होंने कहा, “अशोक चौधरी ने 200 करोड़ की चोरी की है या 2000 करोड़ की है, यह हमको नहीं पता है. हम इतनी जानकारी देते हैं कि उनके पास अवैध संपत्ति है. ये मान लें तो हम छोड़ देंगे. छोड़ इस नजरिया से देंगे कि जनता को उनके कारनामों के बारे में हमने बता दिया. अब निर्णय जनता को करना है. अगर बिहार में हमारी सरकार बनी तो प्रदेश के 100 बड़े भ्रष्ट नेताओं और अफसरों का एक-एक चीज खंगालेंगे कि ये 200 करोड़ की चोरी किए हैं या 2000 करोड़ का. अभी हम चुनाव छोड़कर जांच करने लगें.”
प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी के अलाबे ताबड़तोड़ बीजेपी के सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक चौधरी, मंगल पांडेय और संजय जायसवाल पर कई आरोप लगाए थे, लेकिन सोमवार को जब प्रशांत किशोर मीडिया के सामने आए तो सम्राट और अशोक के अलावा तीन नेताओं पर नहीं बोले.
सम्राट चौधरी का पीके पर पलटवार
पीके के आरोपों पर सम्राट चौधरी ने प्रशांत से पूछा है कि जिस कंपनी की औकात ही एक लाख थी, उसने जन सुराज पार्टी को दो करोड़ रुपये का चंदा कैसे दे दिया? डिप्टी सीएम ने प्रशांत किशोर पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने का मौका नहीं दिया जाएगा, समय पर सब होगा.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रह चुके सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर कांग्रेस की दलाली करते हैं और कर्नाटक एवं तेलंगाना से पैसा लाकर बिहार में खर्च कर रहे हैं.
सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रशांत लालू और कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और बिहार में महागठबंधन के नए सहयोगी हैं। प्रशांत ने सम्राट के कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले ही उन पर नाबालिग बताकर जेल से छूटने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि तब सम्राट की उम्र चुनावी हलफनामे के मुताबिक 26 साल थी.