Bihar Election Result 2025: मैथिली ठाकुर से लेकर रवीना कुशवाहा तक, जानें बिहार में Gen Z कैंडिडेट्स में कौन आगे
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में Gen Z उम्मीदवारों ने राजनीतिक हलकों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया है. 25 से 30 साल की उम्र के युवा पहली बार बड़े पैमाने पर चुनावी मैदान में उतरे हैं और मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार माहौल कुछ अलग है. पारंपरिक नेताओं की भीड़ में इस बार नई उम्र के चेहरे दिखाई दे रहे हैं. राजनीतिक दलों ने महसूस किया है कि अगर युवा मतदाता को लुभाना है तो मंच पर खुद युवाओं को लाना होगा. नतीजा यह है कि लगभग हर बड़ी पार्टी ने Gen Z उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. 25 से 30 साल की उम्र के युवा पहली बार बड़े पैमाने पर चुनावी मैदान में उतरे हैं और मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इस चुनाव में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों ने युवा नेताओं को टिकट देकर युवा मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति अपनाई है. दरभंगा की अलीनगर सीट से बीजेपी की 25 साल की मैथिली ठाकुर और समस्तीपुर की बिभूतिनगर सीट से जेडीयू की 27 साल की रवीना कुशवाहा इस युवा टीम के सबसे चर्चित चेहरे हैं.
बीजेपी का युवा ब्रिगेड. परंपरा में नई ताजगी
दरभंगा जिले की अलीनगर सीट से 25 साल की मैथिली ठाकुर चर्चा का केंद्र हैं. लोक संगीत की दुनिया से सियासत के अखाड़े तक उनका सफर कई युवाओं को प्रेरित कर रहा है. ताज़ा रुझानों में मैथिली ठाकुर 4113 वोट से आगे चल रही हैं. उनके साथ बीजेपी ने भोजपुर की शाहपुर सीट से 30 साल के राकेश रंजन को उम्मीदवार बनाकर युवा नेतृत्व को नई पहचान दी है. पार्टी का मानना है कि जनरेशन जेड बिहार के भविष्य का चेहरा है.
युवा ऊर्जा पर जेडीयू का भरोसा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी इस बार कई नई उम्र के नेताओं पर भरोसा जताया है. समस्तीपुर की बिभूतिनगर सीट से 27 साल की रवीना कुशवाहा मुकाबले में आगे चल रही हैं. वहीं मुजफ्फरपुर की सकरा सीट से 30 साल के आदित्य कुमार और गायघाट से 30 साल की कोमल कुशवाहा जनसंपर्क में जुटी हैं. तीनों उम्मीदवार इस बात का प्रतीक बन रहे हैं कि राजनीति अब किताबों से निकलकर मोबाइल स्क्रीन पर लाइव हो चुकी है.
एलजेपी (रामविलास) और CPI-ML के उभरते चेहरे
फतुहा सीट से एलजेपी (रामविलास) ने 29 साल की रूपा कुमारी को टिकट दिया, जो रुझानों में बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं वाम मोर्चे में CPI (ML-L) ने गोपालगंज की भोरे सीट से 29 साल के धनंजय कुमार को मौका देकर दिखाया है कि विचारधारा और युवावाद साथ चल सकते हैं.
आरजेडी की युवा टोली
लालू प्रसाद यादव की पार्टी भी इस चुनाव में पूरी तरह युवा जोश पर सवार दिखी. हालांकि, बाराचट्टी से 26 साल की तनुश्री कुमारी पिछड़ गई हैं. वैशाली की लालगंज सीट से 28 साल की शिवानी चर्चा में हैं. भोजपुर के संदेश से 28 साल के दीपू सिंह और नालंदा के अस्थावां से 29 साल के रविरंजन भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
कांग्रेस का सबसे यंग चेहरा
कांग्रेस ने भी पीछे नहीं रहना चाहा. 25 साल के नवीन कुमार इस चुनाव में पार्टी के सबसे युवा उम्मीदवार बनकर उभरे हैं. उनके अभियान में जोश, सोशल मीडिया रणनीति और मुद्दों की नई भाषा साफ झलकती है.इस बार का बिहार चुनाव सिर्फ सत्ता की होड़ नहीं, बल्कि एक परिवर्तन का सफर बन गया है. जहां हर युवा उम्मीदवार अपने अभियान के ज़रिए एक ही संदेश दे रहा है कि बिहार की राजनीति अब पुराने ढर्रे पर नहीं, नए नजरिए से आगे बढ़ेगी.





