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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: विरोधियों पर निशाना साधने के लिए AI से बने फर्जी वीडियो का न करें इस्तेमाल, चुनाव आयोग का सख्त निर्देश

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों को चेताया है कि वे AI तकनीक से बने डीपफेक या सिंथेटिक वीडियो का इस्तेमाल कर विरोधियों को निशाना न बनाएं. आयोग ने ऐसे कंटेंट पर स्पष्ट लेबल लगाने और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है ताकि चुनावी पारदर्शिता बनी रहे और मतदाताओं को गुमराह होने से रोका जा सके.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: विरोधियों पर निशाना साधने के लिए AI से बने फर्जी वीडियो का न करें इस्तेमाल, चुनाव आयोग का सख्त निर्देश
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 9 Oct 2025 9:32 AM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, लेकिन इसी बीच चुनाव आयोग (ECI) ने एक अहम और सख्त निर्देश जारी किया है. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को चेतावनी दी है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर डीपफेक या सिंथेटिक वीडियो तैयार कर विरोधी दलों या उम्मीदवारों की छवि बिगाड़ने से बचें.

आयोग ने कहा है कि इस तरह की हरकतें न केवल मतदाताओं को गुमराह करती हैं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचाती हैं. साथ ही, चुनाव आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि अगर कोई भी दल प्रचार में AI आधारित या डिजिटल रूप से बदले हुए वीडियो का इस्तेमाल करता है, तो उस पर स्पष्ट रूप से “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” लिखा होना चाहिए.

चुनावी ईमानदारी बनाए रखने पर जोर

आयोग ने कहा है कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर AI-जनरेटेड कंटेंट और डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल बढ़ा है, जो जनता को गुमराह करने, विरोधी दलों की छवि बिगाड़ने और चुनावी माहौल को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। ECI ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की साख के लिए गंभीर खतरा बताया और चेतावनी दी कि कोई भी पार्टी या प्रत्याशी ऐसी हरकत में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

“AI-Generated”, “Digitally Enhanced”, या “Synthetic Content” का टैग जरूरी

आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि वे प्रचार के दौरान किसी प्रकार की AI-आधारित या डिजिटल रूप से संवर्धित सामग्री का उपयोग करते हैं, तो उसे स्पष्ट रूप से “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” के रूप में लेबल किया जाए. इसका उद्देश्य मतदाताओं को पारदर्शी जानकारी देना और फेक न्यूज या मैनिपुलेटेड वीडियो से बचाव करना है.

सोशल मीडिया पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी

ECI ने यह भी कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि चुनावी माहौल को किसी भी तरह से बिगाड़ने वाली पोस्ट या वीडियो को तुरंत चिन्हित किया जा सके. आयोग ने राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि वे अपने डिजिटल टीमों को प्रशिक्षित करें ताकि वे AI टूल्स का जिम्मेदार और नैतिक उपयोग सुनिश्चित कर सकें.

बिहार चुनावों के इस डिजिटल युग में, जहां AI-आधारित प्रचार तेजी से बढ़ रहा है, यह आदेश न सिर्फ चुनावी पारदर्शिता को मजबूत करेगा बल्कि मतदाताओं को भ्रामक कंटेंट से सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
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