Begin typing your search...

वीजा हो गया था खत्म, फिर भी असम में लोगों का करा रहा था धर्म परिवर्तन, अब भारत ने निकाला

अधिकारियों ने कहा कि डेवॉल्ट धर्मांतरण के प्रयासों में शामिल था, जिसमें मिशन कैंपस में ग्रेस चर्च चलाना और सभाओं के दौरान ईसाई धर्म की वकालत करना शामिल था, जो वीज़ा नियमों का उल्लंघन था. जांच के बाद, मामला कोलकाता में एफआरआरओ को भेज दिया गया.

वीजा हो गया था खत्म, फिर भी असम में लोगों का करा रहा था धर्म परिवर्तन, अब भारत ने निकाला
X
( Image Source:  Social Media )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 13 Feb 2025 1:30 PM IST

एक कनाडाई नागरिक, जो 2021 से असम के जोरहाट जिले का दौरा कर रहा था. उसे धर्मांतरण (धार्मिक रूपांतरण) गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद निर्वासित कर दिया गया था. अधिकारियों ने एक प्रतिकूल रिपोर्ट के बाद 'भारत छोड़ो नोटिस' जारी किया.

व्यक्ति को कोलकाता में एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सौंप दिया गया और नई दिल्ली से बाहर कर दिया गया. पुलिस रिपोर्टों के अनुसार, कनाडाई नागरिक ब्रैंडन जोएल डेवाल्ट को 7 जनवरी को पर्यटक वीजा समाप्त होने के बावजूद जोरहाट में धर्म परिवर्तन गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

वीज़ा नियमों का उल्लंघन

अधिकारियों ने कहा कि डेवॉल्ट धर्मांतरण के प्रयासों में शामिल था, जिसमें मिशन कैंपस में ग्रेस चर्च चलाना और सभाओं के दौरान ईसाई धर्म की वकालत करना शामिल था, जो वीज़ा नियमों का उल्लंघन था. जांच के बाद, मामला कोलकाता में एफआरआरओ को भेज दिया गया, जिसने निर्वासन आदेश जारी किया. डेवाल्ट को जोरहाट पुलिस अधिकारी द्वारा कोलकाता एयरपोर्ट तक ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें कनाडा की वापसी उड़ान के लिए दिल्ली भेज दिया गया.

इस साल खत्म हो गया था वीजा

मामला असम के जोरहाट का है, पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्रैंडन जोएल डिवील्ट नाम का यह व्यक्ति साल 2021 से असम के जोरहाट में ही रह रहा था. लेकिन इस साल की 17 जनवरी को ब्रैंडन का वीजा खत्म हो गया था. हालांकि उसने वीजा रिन्यूअल के लिए अप्लाई किया था और सत्यापन के दौरान हमें पता चला कि वह जोरहाट में धर्म परिवर्तन में शामिल है.

पहले भी आ चुके है ऐसे मामले

बता दें कि असम में विदेशी नागरिकों द्वारा धर्म परिवर्तन के ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. इससे पहले 2022 में जर्मनी के 7 और स्वीडन के 3 नागरिक धर्म परिवर्तन गतिविधियों में शामिल पाए गए थे.

अगला लेख