'...तो गोमांस पर लगा देंगे बैन', सीएम हिमंता ने इन शर्तों के साथ कांग्रेस को दे डाली चुनौती
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस बोले तो मैं प्रदेश में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं. सीएम बिस्वा ने कहा असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा उन्हें पत्र लिखकर गोमांस पर बैन लगाने का अनुरोध करें मैं ऐसा करने को तैयार हूं. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी पर गोमांस वितरित करने के आरोप लगाए गए, जिस पर सीएम बिस्वा ने रिएक्शन दिया है.

Assam News: देश में गोमांस को लेकर पिछले कुछ समय से राजनीति की जा रही है. हाल-फिलहाल में कई ऐसे मामले देखने को मिले, जहां गोमांस के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी गईं. अब असम में इस गोमांस का मुद्दा बड़े हंगामे का कारण बन गया है.
जानकारी के अनुसार असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस बोले तो मैं प्रदेश में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं. सीएम बिस्वा ने कहा असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा उन्हें पत्र लिखकर गोमांस पर बैन लगाने का अनुरोध करें मैं ऐसा करने को तैयार हूं.
कांग्रेस से पूछे सवाल
मुस्मिल बहुल सामगुड़ी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी पर गोमांस वितरित करने के आरोप लगाए गए, जिस पर सीएम बिस्वा ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कांग्रेस ने इस मामले को उठाया है. पिछले चुनाव में बीजेपी के दिप्लू रंजन शर्मा ने कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को 24,501 मतों से हराया था. सांसद के बयान पर सीएम ने कहा कि दुख के बीच रकीबुल हुसैन ने एक अच्छी बात कही कि गोमांस खाना गलत है, है न? उन्होंने कहा कि मतदाताओं को गोमांस परोसकर कांग्रेस-भाजपा का चुनाव जीतना गलत है.
गोमांस के कारण मिली थी जींत- सीएम बिस्वा
सीएम बिस्वा ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को गोमांस बांटकर सामगुड़ी जीत रही थी. वह सामगुड़ी को अच्छी तरह से जानते हैं. क्या गोमांस की पेशकश से सामगुड़ी का चुनाव जीता जा सकता है. मैं रकीबुल से कहना चाहता हूं कि गोमांस पर बैन लगाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि यह गलत है. उन्हें मुझे सिर्फ लिखित में पत्र लिखने की जररूत है कि न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस को गोमांस के बारे में बोलना चाहिए, बल्कि असम में इसे प्रतिबंध किया जाना चाहिए. ऐसा करेंगे तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा.
असम में गोमांस पर रोक नहीं
असम में गोमांस का सेवन गैरकानूनी नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के तहत हिंदू, जैन और सिखों की बहुसंख्या वाले क्षेत्रों व किसी मंदिर या मठ के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में मवेशियों को मारना और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध है.