जहर दिया गया तो 14 दिन तक चुप क्यों? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छिपा है मौत का राज! कहां तक पहुंचा Zubeen Death Case का मामला
असम के मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग की मौत के मामले में जांच अभी उलझन में है. दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बावजूद मौत के कारण स्पष्ट नहीं हुए हैं. CID की SIT ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि जुबिन के बैंडमेट्स ने जहर से हत्या का आरोप सिद्धार्थ शर्मा और श्याम कानू महंता पर लगाया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक न होने और जांच में रहस्यमय छेड़छाड़ के चलते सवाल बढ़ते जा रहे हैं.

असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत का मामला अब भी पहेली बना हुआ है. 19 सितंबर को सिंगापुर में कथित स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी मौत हुई थी, लेकिन दो-दो पोस्टमार्टम के बावजूद मौत की असली वजह पर सवाल उठ रहे हैं. परिवार, पुलिस और फैंस अभी भी सच्चाई जानने को बेकरार हैं. जुबिन के पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक न होने के कारण कई सवाल अब भी उलझे हुए हैं.
इस बीच, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. जुबिन के एक बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने दावा किया कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं, बल्कि जहर देकर की गई हत्या थी. इस दावे ने मामले को और उलझा दिया है और SIT की जांच में नया मोड़ ला दिया है. इसी के साथ आइए जानते हैं कहा तक पहुंचा जुबिन गर्ग डेथ केस का मामला?
असम पुलिस के एडीएसपी संदीपन गर्ग, जो गायक जुबिन गर्ग के सिंगापुर में मृत्यु मामले में गिरफ्तार हुए थे, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. संदीपन गर्ग जुबिन गर्ग के साथ सिंगापुर गए थे और कथित रूप से उनकी आखिरी घड़ी में यॉट पर मौजूद थे. जुबिन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते हुए मृत पाए गए थे. संदीपन गर्ग कमरूप जिले के बको-चायगांव में सह-जनपद एसपी के प्रभारी थे.
कमरूप मेट्रोपॉलिटन जिला के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. निलंबन की अवधि के दौरान, यदि न्यायिक हिरासत से रिहा होते हैं, तो उन्हें असम पुलिस मुख्यालय, गुवाहाटी में तैनात किया जाएगा, जिसे आवश्यकतानुसार समीक्षा के बाद बदला जा सकता है. संदीपन गर्ग पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या, हत्या के समान अपराध, आपराधिक साजिश और लापरवाही से मृत्यु कराने के आरोप लगे हैं.
दो-दो पोस्टमार्टम, सवालों की लंबी लिस्ट
जुबिन गर्ग का पहला पोस्टमार्टम सिंगापुर में और दूसरा गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में हुआ. दोनों रिपोर्ट CID और परिवार को सौंप दी गई हैं, लेकिन अब तक सार्वजनिक नहीं की गई. जुबिन की मौत को लेकर अभी भी ढेर सारे सवाल खड़े हैं- क्या यह हादसा था, स्वास्थ्य समस्या की वजह से हुआ या फिर हत्या? अगर जुबिन की मौत एक हादसा थी, तो पांच-पांच गिरफ्तारियां क्यों हुईं?- यह सवाल फैंस और परिवार दोनों के मन में है.
जहर का दावा और शेखर का आरोप
जुबिन के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने कहा कि 19 सितंबर को वह यॉट पर जुबिन के पास थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धार्थ शर्मा और श्याम कानू महंता ने जुबिन को जहर देकर मारा. शेखर ने अपने बयान में बताया कि 19 सितंबर को हम सभी समंदर में एक यॉट पर गए थे. पर यॉट पर पहुंचते ही सिद्धार्थ शर्मा ने पूरा यॉट अपने कब्जे में ले लिया… ड्रिंक्स का भी इंतजाम था, लेकिन सिद्धार्थ ने ही सभी को ड्रिंक्स दी. जब जुबिन पानी में उतरे, तब उनकी तबीयत बिगड़ी और वो चित अवस्था में नजर आए.
जुबिन को सिद्धार्थ शर्मा और महंता ने जहर देकर मारा और इसी साजिश के लिए उन्हें सिंगापुर बुलाया गया.' सवाल उठता है कि अगर शेखर को मौत की असली वजह पता थी, तो उन्होंने 14 दिन तक क्यों चुप्पी साधी? शेखर के दावे के दो दिन बाद जुबिन के एक अन्य बैंडमेट पार्थो-प्रतिम ने भी जुबिन की मौत के लिए शेखर और सिद्धार्थ शर्मा को जिम्मेदार ठहराया. इसने मामले को और संवेदनशील बना दिया है और जांच में दबाव बढ़ा दिया है.
SIT की जांच और गिरफ्तारी
गुवाहाटी CID दफ्तर में पूछताछ के बाद जुबिन के चचेरे भाई संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया गया. अब तक कुल पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. CID के स्पेशल DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पूछताछ के दौरान सबूत मिलने के बाद आगे की जांच और गिरफ्तारी जरूरी थी. साथ ही, असम पुलिस ने 11 NRI को नोटिस भेजा था, लेकिन केवल एक ने ही बयान दर्ज कराया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फैंस की बेचैनी
जुबिन के लाखों फैंस और परिवार चाहते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो और मौत की असली वजह सामने आए. असम सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि सिंगापुर पुलिस मदद करेगी, लेकिन फैंस अभी भी संतुष्ट नहीं हैं. अगर वारदात की जगह पर जांच नहीं होगी, तो सवाल उठना स्वाभाविक है.'