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पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को मिली जमानत, कहा- मैं सवाल पूछने से पीछे नहीं हटूंगा, जानें क्या है मामला

असम के पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को दूसरे मामले में जमानत मिल गई है. उनकी गिरफ्तारी पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि सरकार उन्हें पत्रकार नहीं मानती है, क्योंकि पोर्टल और यूट्यूब को मान्यता नहीं मिली है.

पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को मिली जमानत, कहा-  मैं सवाल पूछने से पीछे नहीं हटूंगा, जानें क्या है मामला
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( Image Source:  x-dibyendu_das )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 30 March 2025 1:42 PM IST

असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक (एसीएबी) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार ने कवर किया था. इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया और फिर सुरक्षा गार्ड की शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन रिहा होने से पहले ही दोबारा उन्हें एक दूसरे मामले में गिफ्तार किया गया था

असम के पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार पर लगे दोनों मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. जब वह गुवाहाटी सेंट्रल जेल से बाहर आए, तो उन्होंने दूसरे जर्नलिस्ट को उनके सपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया.

'मैं सवाल पूछता रहूंगा'

जमानत मिलने के बाद दिलवर हुसैन ने पत्रकारों से कहा कि 'उन्होंने कुछ भी इलीगल नहीं किया है. सवाल पूछना भला कौन सा पाप है? लेकिन मैं सवाल पूछने से पीछे नहीं हटूंगा, चाहे मुझे कितनी ही मुसीबतों का सामना क्यों न करना पड़े. '

बैंक के एमडी का आरोप

दिलवर पर बैंक के एमडी ने आरोप लगाया है कि वह जबरदस्ती बैंक में घुस गए थे. इतना ही नहीं, उन्होंने दस्तावेज भी छीनने की कोशिश की है.

दिलवर को सरकार नहीं मानती पत्रकार

बता दें कि दिलवर हुसैन असम स्थित डिजिटल मीडिया पोर्टल द क्रॉसकरंट के रिपोर्टर हैं, जो राज्य सरकार पर अपनी खोजी रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं. दिलवर की गिरफ्तार पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि वह पत्रकार नहीं है, क्योंकि सरकार यूट्यूब और पोर्टल को मान्यता नहीं देती है. साथ ही, सरकार की तरफ से उन्हें एड, पहचान पत्र और रजिस्ट्रेशन भी नहीं मिला है. इसलिए वह पत्रकार नहीं हैं.

पत्रकारों को है लिखने की आजादी

इस मामले में सीएम ने कहा कि पत्रकारों को लिखने की आजादी है. आप मेरे खिलाफ कुछ भी लिख सकते हैं. उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. लेकिन अगर कोई ऑफिस में जाकर झगड़ा करेगा, तो क्या सरकार चुप रहेगी? क्या पता वह ऑफिस अपने निजी काम से गया हो? कोई कुछ नहीं कह सकता है.


असम न्‍यूजहिमंत बिस्वा सरमा
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