Begin typing your search...

'Wild Life' प्रेमियों के लिए असम से आई खुशखबरी, हाथियों की आबादी हुई इतनी

Elephant Population: असम में हाथियों की आबादी में बढ़कर 5,828 हो गई है. गुरुवार 2 जनवरी को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बारे में जानकारी दी. सीएम सरमा ने कहा कि असम वन विभाग ने हाल ही में असम 2024 में हाथियों की आबादी का अनुमान लगाया है. यह असम में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक अच्छी खबर है.

Wild Life प्रेमियों के लिए असम से आई खुशखबरी, हाथियों की आबादी हुई इतनी
X
( Image Source:  canva )

Elephant Population Increased In Assam: भारत में जानवरों की सुरक्षित रखने के लिए बहुत से कानून बनाए गए हैं. विलुप्त हो चुकी और विलुप्त होने की कगार में शामिल जातियों के संरक्षण के लिए बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं. देश में हाथियों की संख्या में भी काफी गिरावट दर्ज की गई. इस बीच असम से खुशखबरी सामने आई है. यहां पर हाथियों की आबादी बढ़ गई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, असम में हाथियों की आबादी में बढ़कर 5,828 हो गई है. गुरुवार 2 जनवरी को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बारे में जानकारी दी. सीएम सरमा ने कहा कि असम वन विभाग ने हाल ही में असम 2024 में हाथियों की आबादी का अनुमान लगाया है. यह असम में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक अच्छी खबर है.

हाथियों की संख्या में बढ़ोतरी

सीएम बिस्वा ने कहा कि असम में आखिरी सर्वेक्षण 2017 में किया गया था, तब राज्य में 5,719 हाथियों को दर्ज किए गए थे जो 2024 में बढ़कर 5,828 हो गए हैं. उन्होंने एक्स पोस्ट में हाथियों के संरक्षण में वन विभाग के प्रयासों की भी सराहना की. असम वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2002 में असम में हाथियों की आबादी 5246 थी और यह 2008 में बढ़कर 5281 हो गई थी. 2011 में हाथियों की आबादी 5620 थी.

गांव में दिखा हाथियों का आंतक

असम के कुछ जिलों में हाथियों का आतंक भी देखने को मिल रहा है. हाथी गांव वालों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनके घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. जंगली जानवर खेतों में 29 दिसंबर को असम के मोरीगांव जिले में चिड़ियाघर के पास लूटपाट विरोधी दस्तों का गठन किया गया. इन दस्तों का उद्देश्य मनुष्यों और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

वन विभाग की पहल

वन रेंज अधिकारी ने बताया कि आस-पास के गांवों वालों खासकर किसानों को शामिल करके यह पहल की गई है. जो सीधे तौर पर जू के जंगली जानवरों से अपने खेतों की सुरक्षा में लगे हुए हैं. वहीं वन विभाग ने ने संरक्षण संगठन अरण्यक के साथ मिलकर 13 एंटी-डिप्रेडेशन स्क्वॉड बनाए हैं. जिनमें अलग-अलग गांवों के निवासी शामिल हैं. अरण्यक की मदद से स्थानीय लोगों को विंटर जैकेट, रेनकोट और चार्जिंग टॉर्च मुहैया कराई गई हैं, जिससे वे इस सर्दी के दौरान आपात स्थिति में विभाग की मदद कर सकें.

अगला लेख