राम भरोसे अस्पताल... कोई परमानेंट डॉक्टर नहीं, असम के इस हॉस्पिटल में नर्स करवा रहीं डिलीवरी
असम के सादिया सिविल अस्पताल राम भरोसे है, क्योंकि यहां मरीजों के लिए कोई परमानेंट डॉक्टर की सुविधा नहीं है. इसके कारण बड़े-बड़े काम नर्स को करने पड़ते हैं. हाल ही में एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी भी नर्सों ने करवाई, क्योंकि डॉक्टर नहीं थे.
सादिया सिविल अस्पताल में आज भी लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, क्योंकि यहांं कोई परमानेंट डॉक्टर नहीं है. इसके कारण ज्यादातर सारी जिम्मेदारी नर्सों को ही पूरी करनी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक प्रेग्नेंट महिला को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया.
परिवार को उम्मीद थी कि तुरंत डॉक्टर उसका इलाज करेंगे. लेकिन पूरे दिन कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आया. हालत ऐसी थी कि अस्पताल की नर्सों को ही डिलीवरी करानी पड़ी.
नर्स ने करवाई डिलीवरी
यह मामला 17 अगस्त का है, जब सुबह करीब 5:30 बजे घुमटी बिल की रहने वाली लक्ष्मी थापा को अस्पताल लाया गया, लेकिन उनकी डिलीवरी डॉक्टर के बजाय नर्स ने करवाई. यह स्थिति अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर कमी को उजागर करती है.
छात्र संगठन की नाराज़गी
असम जातीयतावादी युवा छात्र पोरिचोड (AJYCP) की सादिया इकाई के अध्यक्ष अपू बुरहागोहेन ने इस घटना को बहुत दुखद और गलत बताया. उन्होंने कहा कि 'हमारे अस्पताल में कई समय से कोई परमानेंट महिला डॉक्टर (स्त्री रोग विशेषज्ञ) नहीं है. कभी-कभी तिनसुकिया से डॉक्टर आते हैं, लेकिन वो भी कुछ समय के लिए ही.ये कोई पक्का इलाज नहीं है. सरकार को तुरंत एक स्थायी महिला डॉक्टर की नियुक्ति करनी चाहिए, ताकि ऐसी परेशानी फिर न हो.'
लोगों की सरकार से गुहार
यह घटना सामने आने के बाद इलाके में गुस्सा फैल गया. लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े अस्पताल में डॉक्टर कहां हैं? मेडिकल सर्विस पर बढ़ते दबाव को देखकर हर कोई चिंतित है. सादिया के लोग अब सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में जल्द स्थायी डॉक्टर नियुक्त हों और मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले.





