पट्टियों से बंधे बेड पर 2-3 बच्चे... गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में नवजात की मौत, सीएम ने दिखाए सख्त तेवर
Assam News: गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में चार दिन के नवजात की मौत हो गई थी, इस घटना के बाद परिजन गुस्से में हैं. अब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर समेत सभी जिम्मेदार लोगों पर आरोप लगाए हैं.
 
  Assam News: हाल ही में असम के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज (GMCH) में एक नवजात की मृत्यु की घटना ने सबको हैरान कर दिया. अस्पताल में चार दिन के बच्चे के मौत से हड़कंप मचा हुआ है. घटना के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है. मासूम की मौत के बाद अस्पताल के बाहर विरोध-प्रदर्शन भी हुआ. अब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
सोमवार को (18 अगस्त) की सुबह NICU के ट्रॉमा सेंटर में बच्चा मृत पाया गया. उसका पीलिया और संक्रमण का इलाज चल रहा था. उसकी हालत के बीच वह फोटोथेरेपी मशीन के तारों में उलझा मिला. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि एक अन्य बच्चा भी पलंग से गिर गया, जिसे बचाया गया. यह घटना बेहद दुखद है.
सीएम सरमा का आदेश
इस दुखद घटना के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस से CCTV फुटेज की जांच करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर लापरवाही पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही एक तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया गया है, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव L. Sweety Changsan, डॉ. अनुप बर्मन और AIIMS गुवाहाटी के एक बालरोग विशेषज्ञ शामिल हैं.
क्या है मामला?
15 अगस्त को मृतक मासूम का जन्म हुआ और उसे पीलिया होने का पता चला. वह आईसीयू के बिस्तर से फिसल गई, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना में अन्य बच्चे भी घायल हो गए. बच्ची के पिता उत्पल बोरदोलाई ने बताया कि मेरा पहला बच्चा जो कल दोपहर तक पूरी तरह ठीक था. आज दुनिया में नहीं रहा. मैं इसकी पूरी जांच चाहता हूं. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर समेत सभी जिम्मेदार लोगों पर आरोप लगाए हैं.
परिजन का आरोप
परिजन ने कहा कि आईसीयू के बेड बहुत खराब था. पट्टियों से बंधे हुए थे. नवजात आईसीयू में भीड़भाड़ के कारण एक ही बेड पर दो-तीन बच्चों को रखा गया था. अब परिवार ने सरकार ने न्याया की गुहार लगाई है. उन्होंने भांगागढ़ के पुलिस स्टेशन में अस्पताल में लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई.
बच्चे के चाचा ने कहा, अस्पताल के अधिकारी इसे सिर्फ एक दुर्घटना बता रहे हैं, लेकिन हमारे लिए यह हमारे सपनों और हमारी एकमात्र आशा का अंत है. हमें इंसाफ चाहिए.







