गौमांस की बरामदगी ने बढ़ाया बवाल, धुबरी में कर्फ्यू जैसे हालात, धारा 163 लागू
असम के धुबरी शहर में कई जगहों पर गौमांस मिला, जिसके बाद स्थिती खराब हो गई. शहर में दुकानें और रैली करने के लिए मना कर दिया गया है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब धारा 163 लगा दी गई है, ताकि शहर में फिर से कोई दंगा-फसाद न हो.

रविवार की सुबह धुबरी शहर का बालुरचर इलाका हमेशा की तरह शांत था. लेकिन जल्द ही एक ख़बर पूरे शहर में आग की तरह फैल गई. हनुमान मंदिर के पास कथित रूप से गोमांस बरामद किया गया. धार्मिक भावना से जुड़ा यह मामला इतना संवेदनशील था कि कुछ ही घंटों में शहर का माहौल बदल गया.
सोमवार को जैसे ही लोग उस घटना को पचाने की कोशिश कर रहे थे. चटियानातला और बालुचर में फिर से गाय की खाल और मांस मिलने की खबर आई. इसने जनता के गुस्से को और भड़का दिया. कुछ ही समय में भीड़ सड़कों पर उतरी, नारेबाज़ी होने लगी और जगह-जगह दंगे जैसे हालात बन गए.
धारा 163(1) लागू
स्थिति को संभालने के लिए धुबरी जिला आयुक्त दिवाकर नाथ ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 163(1) के तहत तत्काल निषेधाज्ञा लागू कर दी. इसके तहत धुबरी शहर की सभी दुकानें बंद कर दिए गए. पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई. सभी प्रकार की रैलियां, प्रदर्शन और सभाएं भी प्रतिबंधित रहीं.
कड़ी सुरक्षा और सख्त चेतावनी
जिला मजिस्ट्रेट नाथ ने स्पष्ट किया कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 188 समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए CRPF और अन्य अर्धसैनिक बलों को शहर में तैनात किया गया है. संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल स्टैंडबाय पर रखा गया है.
आम जनता में दहशत
गोमांस की कथित बरामदगी ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और डर का माहौल बना दिया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई स्थानों पर पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा. शहर के बाजार और गलियां वीरान हो गईं. धुबरी मानो एक बंद शहर में बदल गया. प्रेस वार्ता में जिला आयुक्त ने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की. हालात अब भी तनावपूर्ण हैं, लेकिन प्रशासन की सख्त कार्रवाई और व्यापक सुरक्षा इंतज़ामों के चलते शहर को धीरे-धीरे शांति की ओर लौटाने की कोशिश जारी है.