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गैस कुएं में हुआ इतना भयानक लीकेज कि बुलना पड़ रहा अमरिकी एक्‍सपर्ट, सीएम ने कही यह बात

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि ओएनजीसी सिबसागर जिले में कंपनी द्वारा संचालित प्राकृतिक गैस कुएं से रिसाव को रोकने के लिए अमेरिका से एक विशेषज्ञ की मदद लेगी.

गैस कुएं में हुआ इतना भयानक लीकेज कि बुलना पड़ रहा अमरिकी एक्‍सपर्ट, सीएम ने कही यह बात
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 17 Jun 2025 5:57 PM

असम के सिबसागर जिले में ओएनजीसी (ONGC) के एक गैस कुएं से गैस का अनियंत्रित रिसाव हो रहा है, जिससे इलाके में दहशत और पर्यावरण को खतरा बढ़ गया है. यह घटना 12 जून से जारी है, जब गैस के दबाव को कंट्रोल करने वाली सिस्टम फेल हो गई, जिससे कुएं से अचानक बहुत तेज़ी से गैस बाहर निकलने लगी. इस तरह की स्थिति को ‘ब्लोआउट’ कहा जाता है और यह काफी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इससे आग लगने का खतरा भी होता है.

राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस समस्या को हल करने के लिए अब अमेरिका से एक विशेषज्ञ को बुलाया जा रहा है, जो इस रिसाव को बंद करने में ओएनजीसी की मदद करेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रिसाव के चलते लगभग 350 परिवारों को उस इलाके से हटाकर राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

अमेरिकी एक्सपर्ट्स करेंगे मदद

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव रवि कोटा ने ओएनजीसी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह से बातचीत की है और उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द ही अमेरिकी विशेषज्ञ मौके पर पहुंचकर गैस रिसाव रोकने की प्रक्रिया में मदद करेगा. इसके अलावा, मुख्य सचिव ने केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन से भी बातचीत की और केंद्र सरकार से मामले में तेजी से समाधान की मांग की गई है.

हाई-कैपेसिटी उपकरणों का होगा उपयोग

दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी की, जिसमें रिसाव को रोकने के लिए ओएनजीसी द्वारा की जा रही कोशिशों की समीक्षा की गई. पुरी ने बताया कि ओएनजीसी ने देश के अन्य केंद्रों से तकनीकी एक्सपर्ट्स को बुलाया है और फायर फाइटिंग पंप, फ्रैक पंप, मड पंप जैसे हाई-कैपेसिटी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है.

हर एक को 25,000 हजार रुपये

उन्होंने यह भी बताया कि आग को रोकने के लिए 'जंक पंपिंग' जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है और लगातार पानी का छिड़काव करके क्षेत्र को ठंडा रखा जा रहा है ताकि कोई आग न लग सके. ओएनजीसी के अफसर विदेशी विशेषज्ञों के संपर्क में भी हैं ताकि तकनीकी सहायता मिलती रहे. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि वो मंगलवार शाम को हरदीप सिंह पुरी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें प्रभावित परिवारों की मदद पर भी चर्चा होगी. जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक प्रभावित परिवार को 25,000 मुख्यमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे. यह मामला गंभीर है, लेकिन सरकार और ओएनजीसी मिलकर इसे सुलझाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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