असम को मिला नया नेचर-थीम्ड एयरपोर्ट टर्मिनल, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन; देखें 10 खूबसूरत तस्वीरें
नया टर्मिनल करीब 1.4 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसमें रनवे, एप्रन, टैक्सीवे और एयरफील्ड सिस्टम को भी बड़ा अपग्रेड किया गया है. यात्रियों की सुविधा पर खास ध्यान दिया गया है. यहां 14 प्रवेश द्वार हैं, जिनमें 4 डिजियात्रा गेट भी शामिल हैं, जो संपर्क-रहित यात्रा को आसान बनाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (LGBI एयरपोर्ट) के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया. यह टर्मिनल न सिर्फ पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन गया है, बल्कि यह देश का पहला नेचर-थीम वाला एयरपोर्ट टर्मिनल भी है.
इसका डिजाइन 'बांस और ऑर्किड' (Bamboo Orchids) की थीम पर आधारित है, जो असम की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को खूबसूरती से दिखाता है. लगभग 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह टर्मिनल पर्यटन, व्यापार और कनेक्टिविटी को बहुत बढ़ावा देगा. आइए, इसकी 10 सबसे खास विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं:
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1-सबसे बड़ा और आधुनिक क्षमता वाला टर्मिनल
पुराने टर्मिनल से सात गुना बड़ा यह नया टर्मिनल करीब 1.4 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है. पूरी तरह चालू होने पर यह सालाना 13.1 मिलियन (यानी 1.3 करोड़) यात्रियों को संभाल सकेगा. प्रति घंटे 34 फ्लाइट्स को हैंडल करने की क्षमता है, जो पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा है. इससे गुवाहाटी भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक बड़ा कनेक्टिविटी हब बनेगा.
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2-प्रकृति से प्रेरित अनोखा डिजाइन
यह भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट है जो पूरी तरह प्रकृति की थीम पर बना है. डिजाइन में असम के रेयर ऑर्किड फूल (खासकर कोपौ फूल या फॉक्सटेल ऑर्किड) और बांस का खूब इस्तेमाल किया गया है. आने वाले यात्री जैसे जंगल में घुसते हुए महसूस करेंगे!.
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3-बांस की खूबसूरत छत
टर्मिनल की छत बांस से बनी है, जो पूर्वोत्तर का सांस्कृतिक प्रतीक है. कुल 140 मीट्रिक टन स्थानीय बांस का इस्तेमाल हुआ है. इससे इमारत को एक अलग और गर्माहट भरी पहचान मिली है. बांस की यह छत सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी.
4-ऑर्किड से प्रेरित पिलर
टर्मिनल में 57 खास पिलर हैं, जो कोपौ फूल के गुलदस्ते जैसे दिखते हैं. ये ऑर्किड की सुंदरता को दर्शाते हैं और पूरे इंटीरियर को फूलों जैसा लुक देते हैं.
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5-स्काई फॉरेस्ट जैसा अनुभव
एक यूनिक 'स्काई फॉरेस्ट' बनाया गया है, जिसमें करीब एक लाख स्थानीय पौधों की प्रजातियां लगाई गई हैं. यहां काजीरंगा नेशनल पार्क से प्रेरित हरे-भरे इलाके हैं. यात्री आते ही खुद को असम के जंगलों में महसूस करेंगे जैसे सच में प्रकृति का स्वागत कर रही हो.
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6-असम की संस्कृति की झलक
डिजाइन में असम की जापी (पारंपरिक टोपी), गैंडे का प्रतीक, माजुली द्वीप की कलाकृतियां और ब्रह्मपुत्र नदी से प्रेरणा ली गई है. काजीरंगा के हरे लैंडस्केप और गैंडे की मूर्तियां भी हैं. यह टर्मिनल सिर्फ एयरपोर्ट नहीं, बल्कि असम की संस्कृति का जीता जागता प्रदर्शन है.
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7-आधुनिक डिजिटल सुविधाएं
यात्रियों की सुविधा के लिए 14 एंट्री गेट हैं, जिनमें 4 डिजियात्रा गेट भी शामिल हैं. फुल-बॉडी स्कैनर से तेज सिक्योरिटी चेक, ऑटोमेटिक बैगेज हैंडलिंग, फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन और AI से चलने वाला एयरपोर्ट ऑपरेशन सब कुछ है. यात्रा बहुत आसान और तेज हो जाएगी.
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8-सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल
स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल, हरे पौधे और प्रकृति-थीम से यह टर्मिनल पर्यावरण के लिए भी अच्छा है. यह दिखाता है कि विकास और विरासत दोनों साथ-साथ चल सकते हैं.
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9-क्षेत्रीय विकास का बड़ा कदम
यह टर्मिनल पूर्वोत्तर को पर्यटन, व्यापार और निवेश के लिए और आकर्षक बनाएगा. गुवाहाटी अब दक्षिण-पूर्व एशिया का गेटवे बनेगा. इससे नौकरियां बढ़ेंगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
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10-उद्घाटन का खास पल
प्रधानमंत्री मोदी जी ने खुद टर्मिनल का दौरा किया और इसे 'विकास का त्योहार' बताया. यह उनकी असम की दो दिवसीय यात्रा का हिस्सा था, जिसमें कई अन्य परियोजनाओं की शुरुआत भी हुई.
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यह नया टर्मिनल असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए गर्व की बात है. अब यात्रा करना और भी मजेदार और सुविधाजनक हो जाएगा! अगर आप कभी गुवाहाटी जाएं, तो इस खूबसूरत टर्मिनल को जरूर देखें।





