कोयला खदान हादसे में 3 और गिरफ्तार, रिटायर्ड न्यायाधीश करेंगी घटना की जांच
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा उमरंगसो कोयला खदान संकट की न्यायिक जांच की घोषणा के बाद, घटना के संबंध में तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या पांच हो गई है. गिरफ्तार लोगों में स्थानीय श्रमिक संगठन के प्रमुख दिलदार हुसैन के साथ-साथ बिपुल पुरुषा और रण भद्र हसनु भी शामिल हैं.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा उमरंगसो कोयला खदान संकट की न्यायिक जांच की घोषणा के बाद, घटना के संबंध में तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे गिरफ्तारियों की कुल संख्या पांच हो गई है. गिरफ्तार लोगों में स्थानीय श्रमिक संगठन के प्रमुख दिलदार हुसैन के साथ-साथ बिपुल पुरुषा और रण भद्र हसनु भी शामिल हैं. तीनों को हाफलोंग से गिरफ्तार किया गया और उनसे राज्य में हुई कोयला खदान त्रासदी की चल रही जांच के संबंध में पूछताछ की जा रही है.
रिटायर्ड न्यायाधीश करेंगी घटना की जांच
बता दें कि 6 जनवरी को दीमा हसाओ जिले में स्थित रैट-होल कोयला खदान हुए हादसे को 13 दिन पूरे हो चुके हैं. अब तक चार खनिकों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन पांच लोग कोयला खदान में अब तक फंसे हुए हैं. जहां खदान के अंदर पानी के उच्च स्तर के कारण चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बचाव अभियान जारी है. सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाकियों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. वहीं 16 जनवरी को मुख्यमंत्री सरमा ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की, जिसका नेतृत्व गुवाहाटी उच्च न्यायालय की रिटायर्ड न्यायाधीश अनिमा हजारिका करेंगी.
तीन महीने में आएगी जांच रिपोर्ट
कैबिनेट की बैठक के दौरान सीएम सरमा ने यह भी पुष्टि की कि घटना की जांच रिपोर्ट 3 महीने में आने की उम्मीद है. न्यायिक जांच के अलावा, सरकार घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर रही है, जो मामले के संबंध में दर्ज FIR के आधार पर काम करेगा. न्यायमूर्ति हजारिका के नेतृत्व वाली जांच समिति एसआईटी की प्रगति पर बारीकी से नजर रखेगी.
मुख्यमंत्री ने की पीड़ित के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा
बता दें कि असम सरकार ने हर पीड़ित के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की है. मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि उमरांगसो क्षेत्र में लगभग 220 कोयला खदानों की पहचान की गई है. इन खदानों पर नज़र रखने और निगरानी करने के लिए राज्य इसरो और विदेशी उपग्रह एजेंसियों के साथ सहयोग करेगा, और भविष्य में होने वाली त्रासदियों को रोकने के प्रयास में अवैध खदानों को भरने के लिए केंद्रीय खान योजना एंड डिजाइन संस्थान (CMPDI) के साथ भी काम कर रहा है. वहीं खोज और बचाव अभियान जारी रहने के साथ ही, फंसे हुए खनिकों को निकालने और कोयला खदान हादसे के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.