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कौन है 18 साल की शीतल देवी? बिना हाथ के भी वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

Who Is Sheetal Devi: भारतीय खिलाड़ी शीतल देवी ने तुर्की खिलाड़ी ओजनूर क्यूर गिर्दी को हराकर गोल्ड मेडल जीता. देवी ने ओजनूर क्यूर गिर्दी को 146-143 से हराया. आखिरा राउंड में सभी की नजर शीतल पर थी. उन्होंने अपने तीन शॉर्ट में कुल 30 नंबर हासिल किए और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया.

कौन है 18 साल की शीतल देवी? बिना हाथ के भी वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल
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( Image Source:  @worldarchery )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 28 Sept 2025 11:28 AM

Who Is Sheetal Devi: चीन के ग्वांग्जू में हो रहे वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में भारत ने इतिहास रच दिया. मैच में भारत की 18 साल की पैरा आर्चरी खिलाड़ी शीतल देवी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. उन्होंने महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में तुर्की की नंबर-1 तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्दी को 146-143 से हराकर गोल्ड मेडल जीता.

शीतल देवी की यह उपलब्धि एक मील का पत्थर है, क्योंकि वह बिना हाथों के पैरा आर्चरी में स्वर्ण जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं. उनकी जीत ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाती है, बल्कि यह पैरा खेलों में महिलाओं की भागीदारी और सफलता को भी प्रोत्साहित करती है.

शीतल देवी ने जीता गोल्ड

शीतल देवी ने ओजनूर क्यूर गिर्दी को 146-143 से हराया. आखिरा राउंड में सभी की नजर शीतल पर थी. उन्होंने अपने तीन शॉर्ट में कुल 30 नंबर हासिल किए और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया. अब देश भर से शीतल को बधाई दी जा रही है.

कौन है शीतल देवी?

शीतल देवी ने बिना हाथों के होने के बावजूद इंटरनेशनल लेवल पर तीरंदाजी में सफलता हासिल की. उनका जन्म जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. जन्म से ही वह फोकॉमीलिया बीमारी से जूझ रही हैं, जिसके कारण उनके हाथ विकसित नहीं हो पाए.

साल 2022 में पैरा आर्चरी में अपना सफर शुरू किया. तब भारतीय सेना की ओर से आयोजित एक युवा कार्यक्रम में कोच अभिलाषा चौधरी और कुलदीप वधवान ने उनकी आत्मविश्वास और शारीरिक क्षमता को देखा. उन्होंने शीतल को तीरंदाजी की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया.


कैसे सीखी कला?

शीतल को डॉक्टरों ने प्रोस्थेटिक का उपयोग करने की सलाह नहीं दी, लेकिन शीतल ने अपने पैरों और मुंह की मदद से तीरंदाजी सीखी. उन्होंने अमेरिकी पैरा आर्चर मैट स्टट्जमैन की तकनीक को अपनाया, जिसमें वह अपने दाहिने पैर की अंगुली से धनुष को पकड़ती हैं, उसे उठाती हैं और बाएं कंधे से तीर छोड़ती हैं.

शीतल देवी ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से 2023 एशियाई पैरा खेलों में दो गोल्ड और एक रजत पदक जीते, जिससे वह महिला कंपाउंड ओपन वर्ग में विश्व रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर पहुंच गईं. साल 2024 पेरिस पैरालंपिक खेलों में उन्होंने टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता और व्यक्तिगत स्पर्धा में भी शानदार प्रदर्शन किया. शीतल को भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है.

स्‍पोर्ट्स न्‍यूज
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