Women's World Cup 2025: 'आज़ाद कश्मीर' टिप्पणी पर बवाल के बाद सना मीर ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- "प्लीज़ इसे पॉलिटिकल मत बनाइए"
महिला वर्ल्ड कप 2025 में पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर अपने कॉमेंट्री के दौरान "कश्मीर" की जगह "आज़ाद कश्मीर" कहने पर विवादों में घिर गईं. यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही फैंस ने ICC और जय शाह से उनकी शिकायत की. विवाद बढ़ने पर मीर ने सफाई दी कि उनकी कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी, वह सिर्फ खिलाड़ी की पृष्ठभूमि और संघर्ष की कहानी बता रही थीं. उन्होंने अपील की कि खेल को राजनीति से न जोड़ा जाए.

महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के दौरान एक कमेंटेटर की जुबान फिसल गई और देखते ही देखते अंतरराष्ट्रीय विवाद खड़ा हो गया. श्रीलंका के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश मुकाबले में पाकिस्तान की पूर्व कप्तान और स्टार कमेंटेटर सना मीर ने खिलाड़ी नतालिया परवेज़ का परिचय देते हुए कहा कि वह "कश्मीर से हैं... नहीं, 'आज़ाद कश्मीर' से हैं." यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई और पलक झपकते ही बवाल खड़ा हो गया.
भारत समेत कई देशों के क्रिकेट फैंस ने इसे राजनीतिक बयान बताया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) तथा इसके चेयरमैन जय शाह से मांग की कि मीर को तुरंत कमेंट्री पैनल से हटाया जाए. मामला इतना बढ़ा कि #RemoveSanaMir हैशटैग ट्रेंड करने लगा.
इस विवाद के बाद आखिरकार सना मीर ने चुप्पी तोड़ी और X (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा कि उनके बयान को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है. उन्होंने सफाई दी कि उनका मकसद किसी तरह का राजनीतिक संदेश देना नहीं था, बल्कि सिर्फ खिलाड़ी की पृष्ठभूमि और संघर्षों को बताना था.
"बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है"
सना मीर ने अपने पोस्ट में लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खेल की दुनिया की बातें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती हैं और हमें गैर-ज़रूरी दबाव में डाला जाता है. दुख की बात है कि ऐसी चीज़ों पर सार्वजनिक स्तर पर सफाई देनी पड़ रही है." उन्होंने साफ कहा कि उनकी टिप्पणी का मकसद नतालिया परवेज़ की पृष्ठभूमि और संघर्षों को उजागर करना था, जैसे उन्होंने उस दिन दो और खिलाड़ियों की कहानी बताई थी.
"कृपया इसे राजनीतिक रंग न दें"
पूर्व पाक कप्तान ने फैंस से अपील की कि उनकी बात को राजनीतिक रंग न दें. "प्लीज़ इसे पॉलिटिसाइज़ मत कीजिए. हम वर्ल्ड फीड पर कमेंटेटर के तौर पर सिर्फ खेल, टीमों और खिलाड़ियों पर फोकस करते हैं. उनकी संघर्ष की कहानियां सुनाना हमारा काम है. मेरे दिल में किसी के लिए कोई बुरी भावना नहीं है और न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा."
मीर ने यह भी लिखा कि उन्होंने खिलाड़ियों की जानकारी के लिए जिन स्रोतों का इस्तेमाल किया, उसमें नतालिया के क्षेत्र को 'आज़ाद कश्मीर' बताया गया था. हालांकि बाद में वेबसाइट ने इसे बदल दिया, लेकिन उस समय वे उसी का हवाला दे रही थीं.
सोशल मीडिया पर बवाल
सना मीर की यह सफाई आने से पहले ही सोशल मीडिया पर विवाद उफान पर था. कई भारतीय फैंस ने कहा कि किसी भी वैश्विक टूर्नामेंट में “आज़ाद कश्मीर” जैसे शब्दों का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है. वहीं पाकिस्तान में उनके समर्थन में भी आवाज़ें उठीं. कुछ लोगों ने तर्क दिया कि मीर ने केवल भौगोलिक संदर्भ दिया था, इसमें राजनीतिक मंशा तलाशना गलत है.
वर्ल्ड कप के बीच बढ़ता तनाव
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब क्रिकेट के मैदान पर भारत-पाकिस्तान टकराव लगातार राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. हाल ही में हुए पुरुष एशिया कप 2025 में भी खिलाड़ियों के बीच तनातनी देखने को मिली. सुपर-4 मैच के दौरान पाकिस्तान के गेंदबाज़ हरीस रऊफ और बल्लेबाज़ साहिबजादा फरहान ने ऑपरेशन सिंदूर (चार दिन का भारत-पाक संघर्ष) का हवाला देते हुए भड़काऊ इशारे किए थे.
वहीं, फाइनल के बाद भारतीय टीम ने एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और उसके चेयरमैन मोहसिन नक़वी के खिलाफ नाराज़गी थी. नक़वी न सिर्फ पीसीबी बल्कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं.
मैच का नतीजा पृष्ठभूमि में दब गया
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेले गए इस महिला वर्ल्ड कप मुकाबले में बांग्लादेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात विकेट से जीत दर्ज की. लेकिन मैदान पर मिले इस नतीजे को मीर की टिप्पणी ने पीछे छोड़ दिया. मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा सिर्फ "आज़ाद कश्मीर" शब्द के इस्तेमाल को लेकर रही.
क्या कार्रवाई करेगा ICC?
अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ICC इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक रुख अपनाएगा? फैंस ने जय शाह को टैग करके मीर को पैनल से हटाने की मांग की है, लेकिन अब तक आईसीसी की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है. फिलहाल संगठन पर दबाव बढ़ रहा है कि कमेंट्री बॉक्स में राजनीति की जगह सिर्फ क्रिकेट को रहने दिया जाए.