टेस्ट क्रिकेट सबसे चैलेंजिंग और थका देने वाला फॉर्मेट... रोहित शर्मा बोले- क्रिकेट हो या जिंदगी, तैयारी ही है सफलता की चाबी
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को सबसे चुनौतीपूर्ण और थकाने वाला फॉर्मेट बताया, जिसमें मानसिक मजबूती और लंबी तैयारी की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि क्रिकेटर बचपन से ही लंबे मैच खेलते हुए तैयारी करना सीखते हैं. रोहित ने माना कि करियर की शुरुआत में तैयारी का महत्व समझ में नहीं आता, लेकिन धीरे-धीरे यह अनुशासन का हिस्सा बन जाता है। उन्होंने जोर दिया कि उच्च स्तर पर प्रदर्शन बनाए रखने के लिए मानसिक रूप से तरोताज़ा रहना और सही तैयारी करना सबसे अहम है.
Rohit Sharma on Test Cricket : पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, जिन्होंने इसी साल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, ने सोमवार को कहा कि यह फॉर्मेट मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला है, लेकिन उन्होंने तैयारी (Preparation) के ज़रिए इसे संभालना सीखा. 38 वर्षीय रोहित, जिन्होंने 67 टेस्ट में 40.58 की औसत से 4,301 रन बनाए, मई में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. इससे पहले 2024 वर्ल्ड कप जिताने के बाद वे T20 इंटरनेशनल्स से भी रिटायर हो गए थे.
मुंबई में एक CEAT इवेंट में बोलते हुए रोहित ने कहा, "टेस्ट फॉर्मेट पांच दिन तक चलता है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से काफी थकाने वाला होता है. ऐसे में लंबी तैयारी ही आपको टिकाए रखती है. हम सबने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट से शुरुआत की होती है, जहां दो-तीन दिन के मैच खेलकर हम छोटी उम्र से ही ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार हो जाते हैं."
तैयारी ही खेल में अनुशासन लाता है: रोहित
रोहित ने माना कि युवा खिलाड़ी शुरुआत में तैयारी के महत्व को नहीं समझ पाते, लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते हैं, उन्हें इसका महत्व महसूस होने लगता है. उन्होंने कहा, "शुरुआत में तो खेल मज़े के लिए होता है, लेकिन जब आप उम्र-समूह क्रिकेट और फिर बड़े स्तर पर जाते हैं, तो कोच और सीनियर खिलाड़ी बताते हैं कि तैयारी कितनी ज़रूरी है. यही खेल में अनुशासन लाता है."
कॉन्सन्ट्रेशन ही असली कुंजी है: रोहित
टेस्ट क्रिकेट की मांगों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय तक परफॉर्मेंस बनाए रखना तभी संभव है जब खिलाड़ी मानसिक रूप से फ्रेश रहे. उन्होंने कहा, "कॉन्सन्ट्रेशन ही असली कुंजी है. तैयारी के बिना आप उच्च स्तर का प्रदर्शन बरकरार नहीं रख सकते. मैच से पहले जो मेहनत होती है, वही आपको मैदान पर सही फैसले लेने और दबाव से निपटने में मदद करती है."
रोहित ने साफ कहा कि चाहे क्रिकेट हो या ज़िंदगी का कोई और क्षेत्र, सफलता की कुंजी सिर्फ एक ही है – तैयारी (Preparation).





