सिराज है कि मानता नहीं! दे यॉर्कर दे यॉर्कर और ओवल टेस्ट भारत के नाम... मियां भाई ने सुबह उठते ही ठान लिया और...
ओवल टेस्ट में मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. सिराज ने दूसरी पारी में 5 और पूरे मैच में कुल 9 विकेट झटके, ब्रुक व एटकिंसन को आउट कर मैच का रुख बदल दिया. ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बने सिराज ने बताया कि सुबह उठते ही उन्होंने खुद से कहा था - "मैं ये करूंगा". सीरीज़ में उन्होंने 23 विकेट लिए और हर मैच में 100% समर्पण दिखाया, जिससे वो सभी के दिल जीत गए.

“सुबह उठते ही मैंने ख़ुद से कहा कि मैं खेल बदल सकता हूं. और उठते ही मैंने ख़ुद से कहा, मैं ये करूंगा." ओवल टेस्ट जीतने के बाद सिराज ने बताया कि उन्होंने सुबह की शुरुआत कैसे की. सिराज बोले, "हर किसी ने कड़ी मेहनत की और हम अंत तक मिलकर लड़े. मेरी एक ही योजना थी कि मैं लगातार सही लेंथ हिट करता रहूं. आज सुबह उठने के बाद मैंने सोचा कि मैं ये कर सकता हूं, मैंने गूगल से एक स्क्रीनशॉट लिया और उसे अपने मोबाइल का वॉलपेपर बनाया. ब्रुक का विकेट गेम चेंजिंग मोमेंट था, अगर मैंने वो कैच ले लिया होता तो मैच शायद इस स्थिति में पहुंचता नहीं है. ब्रुक ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी की.''
वह हर बार दौड़कर आते हैं और पूरे जी-जान से गेंदबाज़ी करते हैं. अगर आपको किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो गेंद मिलने पर अपना 100 प्रतिशत दे, तो वो मोहम्मद सिराज हैं. सिराज की प्रतिबद्धता, जुनून, आक्रामकता और लगातार सटीक अंदाज में अद्भुत और दिल को छू लेने वाली गेंदबाज़ी. वह अपना सब कुछ झोंक देते हैं.
सिराज बार बार ये दोहराते रहे हैं कि वो लगातार सटीक गेंदबाज़ी करते रहना चाहते हैं. बुमराह से भी लगातार सीखते रहने का वो ज़िक्र करते हैं. वो कहते हैं कि "मैं रन नहीं बनने देना चाहता हूं." सिराज वो खिलाड़ी हैं जो रन नहीं लुटाना चाहते और बाकी गेंदबाज़ों को दबाव में नहीं लाना चाहते. वो हमेशा एलबीडब्ल्यू और बोल्ड करने की कोशिश में जुटे रहते हैं. उनकी आउटस्विंग कमाल की है पर उनकी घूमती सीम बॉल जो अंदर की ओर कटते हुए स्टंप्स उड़ा ले जाती है, वो देखने लायक होती है.
मैच में 100 परसेंट देते हैं सिराज
ज़रा सोचिए. ये वो खिलाड़ी है जिसने पूरी सिरीज़ में बिना थके सबसे अधिक 185.3 ओवर की गेंदबाज़ी की है. पिछले दो सालों से सिराज क्रिकेट के तीनों फ़ॉर्मेट में लगातार ऐसे ही बिना थके गेंदबाज़ी कर रहे हैं और इस सिरीज़ में सबसे अधिक 23 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज़ भी बने. उनकी तारीफ़ इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम भी करने से नहीं चूके. वे बोले "जब सिराज ने वो आखिरी विकेट लिया, तो मैं जितना निराश था, उतना ही उनके प्रति आदर भी था मेरे मन में- बतौर क्रिकेटर उनके जज्बे के लिए और जो कारनामा उन्होंने किया उसके लिए." गस एटकिंसन को बोल्ड कर तेंदुलकर-एंडरसरन सिरीज़ 2-2 से ड्रॉ करने के तुरंत बाद इंग्लैंड को कोच ब्रेंडन मैकुलम ने मोहम्मद सिराज की तारीफ़ में ये बातें कहीं. साथ ही मैकुलम ये भी बोले कि ये उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन पांच मैचों की सिरीज़ है, जिसके वो हिस्सा रहे हैं या जिसे उन्होंने देखा है.
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प्लेयर ऑफ़ द मैच
ओवल पर सिराज ने न केवल 30 ओवरों की थका देने वाली गेंदबाज़ी की बल्कि हैरी ब्रुक के कैच को लेने के दौरान पैर बाउंड्री रोप को छूने से उभरी निराशा को उन्होंने अपनी लगातार कोशिशों के मिशन में बदल दिया और इसका नतीजा आया जब एक सटीक यॉर्कर गेंद पर उन्होंने गस एटकिंसन का ऑफ़ स्टंप उखाड़ दिया. जब ओवल टेस्ट के पांचवें दिन भारत को जीत के लिए चार विकेट और इंग्लैंड को केवल 35 रन चाहिए थे तो मोहम्मद सिराज ने लगातार दो ओवरों में दो विकेट और अंत में एटकिंसन को बोल्ड कर भारत को 6 रनों से ऐतिहासिक जीत दिला दी. ओवल की दूसरी पारी में सिराज ने पांच बल्लेबाज़ों को आउट किया तो कुल 9 विकेट चटकाए और 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' बने.
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ऑस्ट्रेलिया में भी किया था कारनामा
आगरा में जन्में इस तेज़ गेंदबाज़ों को जब चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए टीम में नहीं रखा गया था तब उसकी आलोचना हुई थी और सिराज ने हर क़दम पर यह साबित भी किया है. पिछले साल जब ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी शुरू हुई तो सिराज वहां भी शानदार खेले. ऑप्टस स्टेडियम पर खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया तो सिराज ने कप्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी शानदार गेंदबाज़ी का जादू बिखेरा. शुरुआती सत्र में ही सिराज ने उस्मान ख़्वाजा और स्टीव स्मिथ के विकेट झटक कर भारत को ऐसी बढ़त दिलाई कि ऑस्ट्रेलिया मैच के चौथे ही दिन 534 रनों के लक्ष्य के आगे केवल 238 रनों पर ढेर हो गया और भारत को सिरीज़ में 1-0 से बढ़त मिल गई.
बुमराह की ग़ैरमौजूदगी में फिर चमके सिराज
अब इस सिरीज़ की शुरुआत हेडिंग्ले में केवल दो विकेट लेकर करने वाले सिराज, जसप्रीत बुमराह की ग़ैरमौजूदगी में एजबेस्टन में जीत के हीरो रहे. सिराज के इस सिरीज़ में कामयाब होने की कहानी एजबेस्टन टेस्ट के तीसरे दिन शुरू हुई जब उन्होंने अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से इंग्लैंड को कप्तान बेन स्टोक्स को गोल्डन डक पर आउट किया, जो कि स्टोक्स के करियर में पहली बार हुआ. उस टेस्ट में काफ़ी रन बन रहे थे लेकिन सिराज एक अलग ही लय में गेंदबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने स्टोक्स, रूट समेत छह बल्लेबाज़ों को आउट किया. लॉर्ड्स पर चार और ओल्ड ट्रैफ़र्ड में केवल एक विकेट लेकर जब सिराज ओवल पहुंचे तो यहां भी उन्हें बुमराह की ग़ैरमौजूदगी में भारतीय गेंदबाज़ी की अगुवाई करनी थी और उन्होंने यह ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई.
पहली पारी में चार तो दूसरी में पांच विकेट लिए. सिराज इस मैच में कितने सटीक थे इसका अंजादा केवल इसी से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड को नौ में से आठ बल्लेबाज़ों को उन्होंने या तो बोल्ड किया या फ़िर एलबीडब्ल्यू.
गेंद से ही नहीं, बल्ले से भी छाए सिराज
इस सिरीज़ में सिराज ने न केवल गेंद से बल्कि बल्ले से भी करामात की है. लॉर्ड्स के मैदान पर अंतिम विकेट के रूप में उनकी बल्लेबाज़ी किसे याद नहीं होगी. उन्होंने काफ़ी देर तक इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को उनकी डिफ़ेंस को भेदने नहीं दिया. और जब वो आउट हुए तो भावुक करने वाले उस पल में सिराज अपने घुटनों के बल पिच पर ही बैठ गए तो इंग्लैंड को हैरी ब्रुक ने आकर उनके सिर पर अपना हाथ फेरा. यह सिराज के जीवट प्रयासों की सराहना ही तो थी जो विपक्षी खिलाड़ियों को भी उनका मुरीद बना देती है.
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लॉर्ड्स को याद कर क्या बोले सिराज?
सिराज ने जब मैच के बाद ये बताया कि उन्होंने सुबह की शुरुआत कैसे की तो उन्होंने लॉर्ड्स के उस पल की बात भी की जब अंतिम बल्लेबाज़ के रूप में वो आउट हो कर निराशा में अपने घुटनों के बल पिच पर ही बैठ गए थे. सिराज बोले, "लॉर्ड्स में आउट होना दिल तोड़ने जैसा पल था, जडेजा भाई ने मुझे यही कहा था कि मैं खेलता रहूं और अपने पिता के बारे में सोचता रहूं कि उन्होंने यहां तक मुझे पहुंचाने के लिए कितनी मेहनत की है.
गिल और ब्रूक ने सिराज पर क्या कहा?
लॉर्ड्स के मैदान पर घुटनों के बल निराश बैठे सिराज का सिर सहलाने वाले हैरी ब्रुक ने ओवल टेस्ट के बाद भी सिराज की तारीफ़ की. ब्रुक बोले, "सिराज ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की. हमें लगा कि पिच बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल होगी लेकिन ओवरकास्ट कंडीशन भारतीय गेंदबाज़ों के काम आई और ख़ासकर सिराज ने बढ़िया गेंदबाज़ी. उन्होंने इस पूरी सिरीज़़ में शानदार गेंदबाज़़ी की है." ख़ुद कप्तान शुभमन गिल कहते हैं कि सिराज का टीम में होना गौरव की बात है. गिल ने ओवल टेस्ट के बाद कहा, "सिराज जैसे गेंदबाज़ जब गेंदबाज़ी कर रहे होते हैं तो बतौर कप्तान अधिक चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती." गिल ने कहा, "जिस तरह से सिराज ने हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की, हर कप्तान अपनी टीम में उनके जैसा गेंदबाज़ चाहता है."