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जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर रद्द करेगी सरकार! क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की धमकी का हुआ असर?

केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर केस की समीक्षा कर रही है. वह जल्द ही इस पर निर्णय लेगी. सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा से संबंधित मामला केंद्र के पास विचाराधीन है. यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बार एसोसिएशनों को आश्वासन दिया कि जस्टिस वर्मा के ट्रांसफ वापस लेने की उनकी मांग पर विचार किया जाएगा.

जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर रद्द करेगी सरकार! क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की धमकी का हुआ असर?
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( Image Source:  X )

Justice Yashwant Varma Transfer Case: केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले की समीक्षा कर रही है और उनके स्थानांतरण पर जल्द ही निर्णय लेगी. सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा से संबंधित मामला केंद्र के पास विचाराधीन है. यह अन्य लंबित सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के साथ प्रक्रिया में है.

यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बार एसोसिएशनों को आश्वासन दिया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण की वापसी की उनकी मांग पर विचार किया जाएगा.



जस्टिस वर्मा के आवास से बड़ी मात्रा में बरामद हुई थी नकदी

बता दें कि जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय रजिस्ट्री ने भी जस्टिस वर्मा को सौंपे गए न्यायिक कार्यों को वापस ले लिया था.

इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले का किया विरोध

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस फैसले का इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने विरोध किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. एसोसिएशन ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे न्यायाधीशों को बर्दाश्त नहीं करेगा.


कई अन्य बार एसोसिएशनों ने भी इलाहाबाद बार एसोसिएशन के विरोध का समर्थन किया और मुख्य न्यायाधीश से न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की सिफारिश को वापस लेने का आग्रह किया. उन्होंने धमकी दी कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे देश भर में धरना प्रदर्शन करेंगे.

जस्टिस वर्मा ने आरोपों को किया खारिज

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस हफ्ते की शुरुआत में मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था. वहीं, जस्टिस वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम किया जा रहा है.

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