क्या स्लो हो रहा है संजू सैमसन का बल्ला? टीम में जगह बनाए रखना भी न बन जाए चुनौती
इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-20 मैचों की सीरीज में संजू सैमसन का प्रदर्शन एक फिर सवालों के घेरे में है. 5 मैचों में सैमसन केवल 51 रन ही बना सके. अब कहा जा रहा है कि टीम में जगह बनाए रखने को लेकर भी उन्हें मुश्किल हो सकती है. लेकिन विशेषज्ञ सैमसन को और मौका दिए जाने की वकालत कर रहे हैं.

टीम इंडिया के स्टार ओपनर संजू सैमसन (Sanju Samson) अपनी फॉर्म को लेकर एक बार फिर निशाने पर हैं. इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-20 मैचों की पांच पारियों में सैमसन केव 51 रन ही बना सके. ऐसा लग रहा है कि हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में धमाल मचाने वाले संजू सैमसन अब अपनी लय खो चुके हैं. जबकि नवंबर में उन्होंने 4 पारियों में 216 रन बनाकर रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
सैमसन की पारियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि कहीं न कहीं उनकी तकनीक कमजोर पड़ रही है. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को खेलना तो उनके लिए मानो दुश्वार ही हो गया हो. आर्चर और मार्क वुड जैसे तेज गेंदबाजों के सामने भारतीय ओपनर काफी जल्दबाजी में दिखे और पांचों पारियों में शॉर्ट बॉल पर आउट हुए.
सैमसन के सामने टीम में बने रहने की चुनौती
माना जा रहा है कि संजू सैमसन को अब प्लेइंग इलेवन में जगह बनाए रखने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, खासकर यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल के सामने. हालांकि, संजय मांजरेकर ने बीसीसीआई चयन समिति से अनुरोध किया है कि वह जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें और इसके बजाय सैमसन पर जोर दें क्योंकि अब भी उनमें क्षमता की कोई कमी नहीं है.
मांजरेकर ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बात करते हुए कहा, "जब आप टी-20 बल्लेबाजी प्रतिभा को देखते हैं, तो आपको यह देखना होगा कि जब वे अच्छा खेल रहे होते हैं, तो वे किस तरह का प्रभाव डाल सकते हैं? वे क्या योगदान दे सकते हैं. संजू सैमसन जब अच्छा खेलते हैं, तो वह एक शानदार शतक बनाते हैं और टीम को जीत तक पहुंचाते हैं. इसलिए ऐसे लोगों को नाकाम होने की इजाजत - शायद बार-बार भी."
संजू को बस एक बेहतरीन पारी की जरूरत
मांजरेकर ने कहा, "यह टी20 क्रिकेट की प्रकृति है - जब आप वास्तव में खुद की नेचुरल गेम नहीं खेल पाते हैं. इसलिए आपको उन जोखिमों को उठाते रहना होगा जो वे उठाते हैं और उम्मीद है कि कोई एक पारी होगी जो उसे वापस फॉर्म में लाएगी. संजू सैमसन के साथ, आपको बस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह जितनी संभव हो उतनी पारियां खेले. पूरी तरह से इसलिए क्योंकि जब वह फॉर्म में आता है और अच्छा खेलता है, जो पूरी तरह पैसा वसूल होता है. मैं संजू सैमसन के इस मौजूदा वर्जन के साथ बहुत धैर्य रखूंगा."
सैमसन थोड़ा स्लो हो रहा है
मांजरेकर को लगता है कि सैमसन को थोड़ी सी आत्म-जागरूकता दिखानी चाहिए. कोलकाता में सीरीज के पहले मैच में 26 रन बनाकर वो उम्मीदों पर खरे उतरे, लेकिन चेन्नई, राजकोट और पुणे में क्रमशः 5, 3 और 1 रन बनाकर वह आत्मविश्वास से थोड़ा कमज़ोर दिखे. सैमसन ने वानखेड़े में खेले गए मैच में दो छक्के और एक चौका लगाकर अच्छी शुरुआत की, लेकिन वुड ने उन्हें एक बार फिर आउट कर दिया.
मांजरेकर ने कहा, "उन्होंने जिस तरह से शुरुआत की, उससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि शॉर्ट बॉल और पुल शॉट ने उनके लिए दो बार अच्छा काम किया. और मुझे लगा कि एक बार जब वह ये शॉट खेलेंगे, तो अपनी पारी को अलग तरीके से खेलेंगे. वह लेग-स्टंप के बाहर जाते हैं, बैकफुट ट्रिगर मूवमेंट करते हैं और फिर ऑफ-स्टंप पर सब कुछ खेलने की कोशिश करते हैं."