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INDvsENG: 800 से ज्‍यादा रन भी पड़ गए कम, हेडिंग्ले में टीम इंडिया क्यों हारी? ये हैं तीन बड़े कारण

लीड्स टेस्ट में भारत ने 800+ रन बनाए और चार शतक जड़े, फिर भी इंग्लैंड ने 371 रन का बड़ा लक्ष्य आसानी से हासिल कर 5 विकेट से जीत दर्ज की. बेन डकेट के 149 रन और भारत की बेहद ख़राब फील्डिंग निर्णायक साबित हुई. टीम इंडिया ने 6 आसान कैच छोड़े, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को दो-दो मौके मिले. गेंदबाजों को सपोर्ट नहीं मिला और पुछल्ले बल्लेबाजों का फ्लॉप शो भारत को भारी पड़ा. इंग्लैंड अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 1-0 से आगे है.

INDvsENG: 800 से ज्‍यादा रन भी पड़ गए कम, हेडिंग्ले में टीम इंडिया क्यों हारी? ये हैं तीन बड़े कारण
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भारत की दोनों पारीः 471 रन और 364 रन

इंग्लैंड की दोनों पारीः 465 रन और 373/5 रन

नतीजाः इंग्लैंड पांच विकेट से जीत गया.

जेमी स्मिथ ने घुटने पर बैठकर लॉन्ग ऑन पर छक्का जड़ते हुए इंग्लैंड को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के पांच मैचों की सिरीज़ में 1-0 से बढ़त दिला दी. इस जीत में सबसे बड़ा किरदार बेन डकेट का था, जिन्होंने पहली पारी में अर्धशतक औऱ दूसरी में विशाल 149 रनों की पारी खेली. निश्चित तौर पर, दोनों इनिंग्स में ऋषभ पंत के शतकों के बावजूद बेन डकेट ही 'प्लयेर ऑफ़ द मैच' चुने गए.

हार का पहला बड़ा कारण

बेन डकेट अपनी पहली इनिंग्स में 11 और 15 के स्कोर पर ड्राप किए गए तो 62 रन बना दिए. वहीं दूसरी पारी में डकेट को 97 के स्कोर पर जायसवाल ने ड्रॉप किया तो उन्होंने 149 रन बना दिए. उनके साथ ही भारत के फ़ील्डर्स ने हैरी ब्रूक को 46 और 82 पर दो बार ड्रॉप कर दिया तो (ब्रूक ने) उन्होंने 99 रन बना दिए. वहीं ओलि पोप 60 रन पर ड्रॉप किए गए, तो उन्होंने 106 रन बना दिए.

कुल मिलाकर टीम इंडिया ने हेडिंग्ले टेस्ट में छह आसान कैच छोड़े और यह टेस्ट गंवाने का सबसे बड़ा कारण बनी. ख़ुद कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद ये कहा भी कि, "हमारे पास कई मौके थे, पर कैच छोड़ना हमें महंगा पड़ा." शुभमन को उम्मीद है कि अगले मैच में सभी खामियों पर काम करके ही/ टीम इंडिया मैदान में उतरेगी.

हेडिंग्ले में खेला गया टेस्ट चार दिनों तक बराबरी पर रहा. पांचवें दिन भी मैच का तीनों फ़ैसला संभव था. लेकिन इंग्लैंड की टीम टी ब्रेक के बाद अपनी क्रिकेट को एक नए स्तर पर ले गई. जेड क्रॉली, बेन डकेट, जो रूट, बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ सभी ने बल्ले से बढ़िया योगदान दिया. पर सबसे अधिक निराश भारत के फ़ील्डरों ने किया.

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने एक ट्वीट के ज़रिए भारत की ख़राब फ़ील्डिंग पर कटाक्ष किया. उन्होंने ट्वीट किया, "आप सब को बता दूं कि मैंने ख़ुद को भारत के फ़ील्डिंग कोच के तौर पर पेश किया है... मेरी अकादमी बहुत बढ़िया काम करती है."

हार का दूसरा बड़ा कारण

हालांकि बॉलर्स को फ़ील्डर्स का साथ बखूबी नहीं मिला पर पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले बुमराह भी पांचवें दिन फीके नज़र आए तो इसकी सबसे बड़ी वजह बने बेन डकेट, इन्होंने उनके साथ-साथ जडेजा के धार को भी कुंद किया. उनकी गेंदों पर रिवर्स स्वीप से खूब रन बटोरे. वहीं सिराज ने कुछ अच्छी गेंदबाज़ी ज़रूर की पर विकेट निकालने में कामयाबी उन्हें नहीं मिली. प्रसिद्ध कृष्णा की लंबाई, बॉलिंग एक्शन और जिस तरह वो अपने हाथों से गेंद को छोड़ते हैं ये तीनों एक सधे हुए गेंदबाज़ के जैसा दिखता है. उन्होंने कुछ बहुत ही अच्छी गेंदें डालीं, दो विकेटें भी लीं, पर मैच में उनकी इकोनॉमी 6 से कहीं ऊपर रही. उनमें विकेटें लेने की क्षमता तो दिखती है पर वो बहुत खर्चीले हैं. वहीं शार्दुल ठाकुर ने तो शायद यह ठान ही लिया था कि वो गेंदबाज़ी में अपनी छाप नहीं छोड़ेंगे. हुआ भी यही. उनके बल्ले से रन नहीं निकले तो एक ही ओवर में दो विकेट चटकाने के बावजूद वो प्रभावहीन दिखे. अनुभवी रवींद्र जडेजा भी मैच की चौथी पारी में अपनी गेंदों से न रन रोक सके और विकेट भी उन्हें केवल एक ही मिला.

हार का तीसरा बड़ा कारण

पहली पारी में जब भारत का स्कोर 430/3 था तब अगले सात बल्लेबाज़ महज़ 41 रन बनाकर आउट हो गए. वहीं दूसरी पारी में भी जब टीम इंडिया का स्कोर 333/4 था तब उसके आखिरी छह बल्लेबाज़ केवल 31 रन बना कर आउट हो गए. यानी पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने मैच में कोई योगदान नहीं दिया. ये टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द भी बना. कप्तान गिल ने मैच के बाद कहा भी, "हमने पहली पारी में बाद के विकेटों के तेज़ी से गिरने के बारे में बात की है. कभी-कभी ऐसा होता है. पर हमें आगे इसमें निश्चित रूप से सुधार करना ही होगा." वे बोले, "कल हम उन्हें 430 रन का लक्ष्य देना चाहते थे लेकिन हमारे आखिरी कुछ विकेटें लगभग 25 रन पर गिर गईं."

'प्लेयर ऑफ़ द मैच' बेन डकेट ने कहा, "अगर आप भारत के टोटल में 50-60 रन जोड़ देते, तो यह एक अलग ही मैच होता." टेस्ट क्रिकेट में 350 से ऊपर का स्कोर हो तो भला कौन सी टीम यह सोचेगी कि वो मैच हार जाएगी. लेकिन यह इंग्लैंड की टीम है जिसने पिछले कुछ वर्षों के दौरान ऐसा कई बार कर दिखाया है. 2022 में भी भारत के ख़िलाफ़ ही बर्मिंघम टेस्ट में इंग्लैंड ने 378 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया था, जो उनका अब तक का सबसे बड़ा रन चेज़ है. हेडिंग्ले में 371 रनों को हासिल कर उन्होंने साबित कर दिया है कि अपने रन चेज़ की कहानी को वो अभी बहुत आगे ले जाने वाले हैं.

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