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IND vs ENG: ब्रुक के 99, बुमराह का पंजा, मैच का रुख तय करेगा चौथा दिन, पर बैज़बॉल का आना तय

लीड्स टेस्ट के तीसरे दिन हैरी ब्रुक 99 रन पर आउट होकर ‘नर्वस नाइंटीज़’ के शिकार बने, जबकि जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट लेकर भारत को पहली पारी में मामूली बढ़त दिलाई. मैच बराबरी पर है, पर चौथे दिन इंग्लैंड की बैज़बॉल रणनीति से खेल पलट सकता है. भारत को अब बड़ी साझेदारी और तेज़ रन गति से बढ़त बनानी होगी.

IND vs ENG: ब्रुक के 99, बुमराह का पंजा, मैच का रुख तय करेगा चौथा दिन, पर बैज़बॉल का आना तय
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भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स के हेडिंग्ले में चल रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन की शुरुआत इंग्लैंड के एक पूर्व तेज़ गेंदबाज़ डेविड लॉरेंस को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. उनके सम्मान में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने पहले मौन रखा और फिर अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे. डेविड लॉरेंस का निधन केवल 61 वर्ष की आयु में मोटर न्यूरॉन नामक बीमारी (MND) की वजह से मौत हो गई. यह बीमारी मस्तिष्क की नसों और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है. बीसीसीआई ने इसकी जानकारी अपने एक्स हैंडल पर भी दी.

यह टेस्ट भारत के 471 रन बनाने के बाद दूसरे दिन तक इंग्लैंड के 209/3 रन बना लेने तक बराबरी पर था. तीसरे दिन इंग्लैंड ने तेज़ी से रन बटोरने शुरू किए. मैच के दूसरे दिन अपना पहला रन बनाने में 16 गेंद खेलने वाले हैरी ब्रूक तीसरे दिन शुरू से ही आक्रामक अंदाज में थे. प्रसिद्ध कृष्णा के पहले ओवर में लगातार दो गेंदों पर चौका और छक्का जड़ते हुए उन्होंने तीसरे दिन की शुरुआत की. ब्रुक ने बुमराह की पहली गेंद पर ही चौका जड़ते हुए अपने इरादे स्पष्ट कर दिए. 16 गेंद पर एक रन बनाने वाले ब्रुक ने केवल 65 गेंदों पर अपना अर्धशतक जमा दिया. ये ब्रुक ही थे जिनकी वजह से इंग्लैंड की टीम औसतन चार रन प्रति ओवर की गति से रन बना रही थी. कप्तान बेन स्टोक्स को मोहम्मद सिराज ने जल्दी आउट कर दिया लेकिन ब्रुक ने जेमी स्मिथ (40) के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए अहम 73 रनों की साझेदारी निभा दी. दोनों बल्लेबाज़ों ने अपनी इनिंग्स के शुरू में मिले जीवनदान का बहुत बढ़िया फ़ायदा उठाया.

नर्वस नाइंटीज़ के शिकार हुए हैरी ब्रुक

स्मिथ 349 के टीम स्कोर पर 40 रन बनाकर प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर आउट हुए लेकिन ब्रुक एक छोर से लगातार भारतीय गेंदबाज़ों पर प्रहार कर रहे थे, ख़ास कर मोहम्मद सिराज उनके निशाने पर थे. सिराज के दो ओवरों में ब्रुक ने 27 रन जुटाए और उनका स्कोर 70 से 97 रन पर पहुंच गया. लेकिन ब्रुक अभाग्यशाली रहे और नर्वस नाइन्टीज़ का शिकार हो गए. दो रन बनाने के बाद जब ब्रुक 99 के निजी स्कोर थे तो उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद को हुक कर के अपना शतक पूरा करना चाहा लेकिन डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर शार्दुल ठाकुर के हाथों में एक आसान कैच दे बैठे.

कई नामचीन क्रिकेटर हुए नर्वस नाइंटीज़ का शिकार

टेस्ट क्रिकेट में भारत के एमएस धोनी, ऋषभ पंत, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली जैसे क्रिकेटर तो पाकिस्तान के बाबर आज़म, इंजमाम-उल-हक़, दक्षिण अफ़्रीका के एबी डिविलियर्स, जैक कैलिस, ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोटिंग, ट्रैविस हेड, इंग्लैंड के हरबर्ट शटक्लिफ़, ज्योफ़ बॉयकॉट, ग्राहम गूच जैसे नामची बल्लेबाज़ों समेत दर्जनों ऐसे नाम हैं जो नर्वस नाइंटीज़ में 99 के स्कोर पर आउट हुए हैं.

ख़ुद ब्रुक इंग्लैंड के 14वें ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो 99 के स्कोर पर आउट हुए हैं. उनसे पहले जॉनी बेयरेस्टो 2017 में 99 के स्कोर पर आउट होने वाले आखिरी इंग्लिश बल्लेबाज़ थे. वहीं हेडिंग्ले मैदान के इतिहास में भी यह चौथी बार है जब कोई क्रिकेटर टेस्ट मैचों में 99 के स्कोर पर आउट हुआ है. ब्रुक से पहले माइक अथर्टन (इंग्लैंड), सलीम मलिक (पाकिस्तान) और एंड्रयू हॉल (दक्षिण अफ़्रीका) भी इस मैदान में इसी स्कोर पर आउट हुए थे.

वो क्रिकेटर जिनका 99 रन करियर का सर्वोच्च स्कोर रह गया

वहीं कुछ क्रिकेटर तो इतने अभाग्यशाली रहे कि 99 रन ही ताउम्र उनके करियर का सबसे बड़ा स्कोर रहा. इनमें एक नाम शेन वॉर्न जैसे क्रिकेटर का भी रहा. टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले जनवरी 1902 में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ क्लिमेंट हिल 99 के स्कोर पर आउट हुए थे. तब से ब्रुक तक टेस्ट क्रिकेट में 89 बार कोई क्रिकेटर इस स्कोर पर आउट हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न और मिचेल स्टार्क, भारत के रूसी सूरती, इंग्लैंड के नॉर्मन यार्डली, एलेक्स टुडॉर और मार्टिन मॉक्सॉन, न्यूज़ीलैंड के जॉन बेक और दीपक पटेल, पाकिस्तान के मसूद अहमद और आसिम कमाल वो क्रिकेटर हैं जो एक रन से शतक बनाने से चूके तो अपने पूरे करियर में उन्हें शतक बनाने का दोबारा मौक़ा नहीं मिल सका.

'पंजे' के साथ बूम-बूम बुमराह बड़े रिकॉर्ड की ओर बढ़े

वापस मैच में आते हैं. जहां ब्रूक का 99 रन पर आउट हो जाना तीसरे दिन की सबसे बड़ी ख़बर में से रही और जिसकी बदौलत इंग्लैंड की टीम भारत के पहली पारी में 471 रन के जवाब में 465 रन बनाने में सफल रही. वहीं जसप्रीत बुमराह का इंग्लैंड की पारी में पांच खिलाड़ियों को आउट करके कई रिकॉर्ड अपने नाम करना भारत के लिए सबसे बड़ी ख़बर रही.

बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 14वीं बार पांच विकेट लिया है. इनमें से बुमराह ने 12 बार ये कारनामा विदेशी धरती पर किया है. उन्होंने सबसे अधिक बार विदेशी धरती पर पांच विकेट लेने के कपिल देव के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. वहीं इंग्लैंड में बुमराह के विकेटों की संख्या अब 42 हो गई है. वो कपिल देव (43) और ईशांत शर्मा (51) के बाद तीसरे नंबर पर हैं. बहुत संभव है कि वो इस सिरीज़ में इंग्लैंड में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन जाएं.

जडेजा, बुमराह के अलावा सभी बहुत महंगे

बुमराह ने पांच तो सिराज ने दो और प्रसिद्ध कृष्णा ने तीन विकेट चटकाए. हालांकि प्रसिद्ध कृष्णा बहुत महंगे साबित हुए, टेस्ट क्रिकेट में टी20 की इकोनॉमी (6.40) से गेंदबाज़ी किए. वहीं बल्ले से केवल एक रन का योगदान देने वाले शार्दुल ठाकुर को कोई विकेट नहीं मिला और अपने छह ओवरों में 6.33 की इकोनॉमी से 38 रन लुटाकर वो गेंदबाज़ी में भी पूरी तरह से असरहीन रहे. रवींद्र जडेजा को भी कोई विकेट नहीं मिला लेकिन उन्होंने 2.95 की इकोनॉमी से गेंदबाज़ी की और बुमराह से भी अधिक किफ़ायती रहे. इस दौरान जडेजा ने चार मेडेन ओवर भी डाले. वो मेडेन ओवर डालने वाले जसप्रीत बुमराह (पांच मेडेन) के अलावा केवल दूसरे गेंदबाज़ रहे. अन्य किसी गेंदबाज़ ने मेडेन नहीं डाला.

हैरी ब्रुक के आउट होने के बाद इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाज़ क्रिस वोक्स ने बहुमूल्य 38 रन बनाए और इंग्लैंड को भारत के स्कोर के बहुत क़रीब पहुंचा दिया. आखिर बुमराह ने उन्हे और जॉस टॉन्ग को बोल्ड कर इंग्लैंड की पारी 465 रन पर समेट दी और इस तरह भारत को पहली पारी के आधार पर केवल छह रनों की बढ़त मिली.

मैच का रुख चौथा दिन तय करेगा, पर बैज़बॉल का आना तय

तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम ने दो विकेट के नुकसान पर 90 रन बना लिए हैं. कप्तान शुभमन गिल छह रन तो केएल राहुल 47 रन बनाकर पिच पर डटे हैं. यहां से भारतीय टीम को न केवल बड़ी साझेदारी निभानी होगी बल्कि तेज़ी से रन भी बटोरने होंगे. अगर इंग्लैंड के गेंदबाज़ चौथे दिन की सुबह जल्दी-जल्दी कुछ विकेट निकालने में कामयाब रहे तो टीम इंडिया पूरी तरह दबाव में आ जाएगी क्योंकि पहली पारी में जिस तरह उसने केवल 41 रन पर अंतिम सात विकेट गंवाए उससे पुछल्ले बल्लेबाज़ों पर भरोसा करना मुश्किल दिखता है. तो टीम इंडिया के शीर्ष क्रम को ही अधिक से अधिक रन जोड़ने होंगे. इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने जिस तरह रन बटोरे हैं, भारतीय बल्लेबाज़ों को यह भी ध्यान रखना होगा.

फिलहाल मैच में दोनों टीमें बराबरी पर हैं. भारत का पहला लक्ष्य पूरे चौथे दिन बल्लेबाज़ी करने के साथ-साथ तेज़ी से रन बटोरने का होना चाहिए ताकि इंग्लैंड के सामने जीत के लिए एक बड़ा लक्ष्य रखा जा सके. हालांकि भारतीय टीम लक्ष्य चाहे जितना भी बड़ा रखे इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में बैज़बॉल फ़ॉर्मूला अपनाएगी, इसमें कोई दो राय नहीं है. ब्रैंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद से ही इंग्लैंड के टेस्ट क्रिकेट खेलने का तरीका बदल गया है. मैकुमल के इस फ़ॉर्मूले के अनुसार इंग्लैंड की टीम टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में भी तेज़ी से रन बटोरती रही है. इस फ़ॉर्मूले को ही मीडिया में बैज़बॉल का नाम दिया गया है. इंग्लैंड की टीम इसी बैज़बॉल फ़ॉर्मूला को अपनाते हुए तेज़ी से रन जुटा कर अब तक कई मैच जीत चुकी है.

क्रिकेट न्‍यूजस्टेट मिरर स्पेशल
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