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IND vs ENG 5th Test- यशस्वी सेंचुरी जमाने के बाद कहां चूक गए, आखिर क्या है उनके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव की वजह?

इंग्लैंड दौरे पर यशस्वी जायसवाल की फॉर्म चिंता का विषय बन गई है. शुरुआती दो टेस्ट में शतक और अर्धशतक के बाद उनके स्कोर लगातार गिरते गए, जिससे उनकी तकनीकी कमजोरियां उजागर हुई हैं. सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर जैसे दिग्गजों ने उन्हें संयम और तकनीकी सुधार की सलाह दी है. टेस्ट क्रिकेट में आक्रामकता के साथ धैर्य की ज़रूरत होती है, जो फिलहाल उनकी बल्लेबाज़ी में कम दिख रही है.

IND vs ENG 5th Test- यशस्वी सेंचुरी जमाने के बाद कहां चूक गए, आखिर क्या है उनके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव की वजह?
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( Image Source:  BCCI )

IND vs ENG 5th Test: टीम इंडिया इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों के तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज़ का आख़िरी मुक़ाबला द ओवल के मैदान पर खेल रही है. 1-2 से सीरीज़ में पिछड़ चुकी टीम इंडिया अंतिम टेस्ट मैच की पहली पारी में जूझते हुए केवल 224 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. मैच में टीम इंडिया को एक बार फिर पिछली पारी की तरह ही अच्छी शुरुआत नहीं मिल सकी और ओल्ड ट्रैफ़र्ड में शून्य पर आउट होने वाले टीम इंडिया के ओपनर यशस्वी जायसवाल महज 2 रन बना कर आउट हो गए.

वैसे तो दूसरे ओपनर केएल राहुल भी 14 रन ही बना सके पर वो इस टूर्नामेंट में शुभमन गिल के बाद पांच सौ से अधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ हैं. हालांकि, यशस्वी जायसवाल ने भी 32.56 की औसत से 293 रन बनाए हैं पर इनमें से 220 रन शुरुआती दो मैचों में आए थे. उसके बाद से खेली गई पांच पारियों में यशस्वी का स्कोर 13, 0, 58, 0, 2 रनों का रहा है. और उनके इस फ़ॉर्म पर पूर्व क्रिकेटरों ने भी चिंता ज़ाहिर की है.

यशस्वी ने पहले टेस्ट में शतक से जगाई उम्मीद

यशस्वी जायसवाल ने पहले टेस्ट मैच में ही शतक जमा कर और एजबेस्टन के दूसरे टेस्ट में 87 रनों की पारी खेल कर यह उम्मीद जगाई थी कि वो इस सीरीज़ में बड़ा कारनामा करने के इरादे से उतरे हैं. पर लॉर्ड्स की दोनों पारियों में 13 और शून्य पर आउट हो गए. फ़िर ओल्ड ट्रैफ़र्ड की पहली पारी में 58 रनों की पारी खेली तो दूसरी पारी में शून्य पर आउट हो गए और अब द ओवल टेस्ट में केवल 2 रन बना सके. कुल मिलाकर जायसवाल के बल्ले से रन तो निकल रहे हैं पर केएल राहुल, शुभमन गिल, ऋषभ पंत या रवींद्र जडेजा की तरह लगातार नहीं. यही सबसे अधिक निराशा की बात है.

वेंगसरकर-गावस्कर जैसे दिग्गजों ने दी सलाह

यही कारण है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने लॉर्ड्स टेस्ट के समय उन्हें सलाह दी थी कि वो अपनी आक्रामक प्रवृति पर अंकुश लगाएं और गेंद को समझ कर उसकी योग्यता के अनुसार खेलें, यानी उसी गेंद पर रन बनाने या बड़े शॉट जमाने की कोशिश करें जो थोड़ी ढीली हो. यानी वेंगसरकर ने जायसवाल को पिच पर संयम बरतने की सलाह दी, जो कि एक टेस्ट मैच खेलने की सबसे बड़ी योग्यता है. उधर सुनील गावस्कर ने यशस्वी के प्रदर्शन में उतार चढ़ाव को लेकर कहा है कि इंग्लैंड दौरे पर उनके आत्मविश्वास में कमी दिखी है.

द ओवल टेस्ट के पहले दिन यशस्वी के केवल 2 रन बना कर आउट होने के बाद सुनील गावस्कर ने सोनी स्पोर्ट्स पर कहा कि उनकी बल्लेबाज़ी तकनीक में कुछ कमी दिख रही है. उन्होंने कहा कि यशस्वी का फ़्रंट फ़ुट मूवमेंट और पैरों का अलाइनमेंट दोनों बिगड़ गए हैं. साथ ही गावस्कर ने ये भी कहा कि हेड कोच गंभीर या टीम के सपोर्ट स्टाफ़ को उनके साथ बैठ कर उनकी इस तकनीकी कमी पर बात करनी चाहिए ताकि जायसवाल इसे सुधार सकें.

गावस्कर ने कहा, "जायसवाल इंग्लैंड में शतक जमाने के बाद से ज़्यादातर मौक़े पर लय में नहीं दिखे, उनकी बल्लेबाज़ी में थोड़ी अनिश्चितता और संभवतः आत्मविश्वास की कमी आ रही है. शायद यही वजह है कि वो अपना अगला पैर ज़्यादा आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. पर वो एक अच्छे बल्लेबाज़ हैं तो उनके साथ कोई बैठे और उनकी तकनीकी पहलुओं पर काम करे तो इससे उन्हें मदद मिलेगी."

आक्रामक शैली के बल्लेबाज़ हैं यशस्वी

यशस्वी जायसवाल बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं जो टीम इंडिया के पारी की शुरुआत करते हैं. टेस्ट मैचों में वो लगातार बहुत तेज़ी से रन बटोरते हैं और यही उनकी ख़ासियत भी रही है. वो उन कुछ खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने घरेलू मैचों के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग में अपने प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान और साख बनाई है. इसी साल इंडियन प्रीमियर लीग में उन्होंने 159.71 के स्ट्राइक रेट से 559 रन बटोरे. वो स्ट्राइक रेट के मामले में सबसे अधिक रन बनाने वाले साई सुदर्शन (759 रन), शुभमन गिल (155.87 के स्ट्राइक रेट से 650 रन) और विराट कोहली (144.71 के स्ट्राइक रेट से 657 रन) जैसे उनसे अधिक रन बटोरने वाले खिलाड़ियों से भी आगे थे. यानी वो तेज़ी से रन बटोरने में माहिर हैं. पर टेस्ट मैच में तेज़ी से रन बटोरने की कला का नहीं बल्कि संयमित, लंबी पारी खेलने की कला का प्रदर्शन किया जाता है.

कप्तान गिल से संयम सीखें यशस्वी

अपने डेब्यू टेस्ट में शतक (171 रन) जमाने वाले यशस्वी जायसवाल दो दोहरा शतक (209 और नाबाद 214 रन) समेत तीन अंकों की पांच पारियां खेल चुके हैं. पर अपना 24वां टेस्ट खेल रहे यशस्वी जायसवाल पहले 70 से अधिक के स्ट्राइक रेट से खेलते थे. हालांकि पिछले कुछ टेस्ट मैचों के दौरान उन्होंने इसे कम भी किया है पर अब भी उनका औसत स्ट्राइक रेट 65 से अधिक का है. 63 टेस्ट मैच खेल चुके केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 52.48 है, तो कप्तान शुभमन गिल 61.30 के स्ट्राइक रेट से खेलते हैं. लेकिन लंबी साझेदारी बनाने के लिए और अपने व्यक्तिगत स्कोर को भी बड़ा बनाने के लिए इन दोनों बल्लेबाज़ों ने कई मौक़े पर धीमी बल्लेबाज़ी का सहारा भी लिया है.

इसका सबसे अच्छा उदाहरण ख़ुद कप्तान गिल हैं. जब एजबेस्टन की दोनों पारियों में दोहरा शतक (269 रन) और शतक (161 रन) बनाने के बाद गिल भी अगली तीन पारियों में महज़ 16, 6 और 12 का स्कोर ही कर सके तो ओल्ड ट्रैफ़र्ड टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने एक बेहद धीमी पारी खेलते हुए 103 रन बनाए. तब गिल ने 238 गेंदों का सामना किया था. यानी उस पारी में गिल ने 43.28 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी की थी... तो यदि आप लय में नहीं हैं तो वापस फ़ॉर्म पाने के लिए धीमी पारी का सहारा लेना ही सबसे बड़ी समझदारी है.

बैक टू बेसिक्स

वैसे तो यशस्वी नैसर्गिक रूप से आक्रामक क्रिकेटर हैं और अगर 104 टेस्ट मैच खेल चुके विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग की ओर देखें तो उन्होंने भी यशस्वी की तरह ही अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जमाया था और पूरे टेस्ट करियर में 82.21 के धमाकेदार स्ट्राइक रेट से 8586 रन बनाए. पर सहवाग, सचिन की तरह ही अपने शॉट सेलेक्शन के बहुत धनी थे. तो यशस्वी को भी शॉट सेलेक्शन पर पूरा फ़ोकस करना चाहिए और साथ ही जब फ़ॉर्म बिगड़ रहा हो तो बल्लेबाज़ी तकनीक के बादशाह सुनील गावस्कर की सलाह के मुताबिक़ 'बैक टू बेसिक्स' यानी तकनीकी कमियों पर ध्यान देना और मूल बातों पर लौटना ही सबसे ज़रूरी होता है.

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