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IND vs ENG 1st Test: फ़ील्डिंग के दौरान शुभमन की कप्तानी की चमक नहीं दिखी, क्या गिल मैच बचा पाएंगे?

शुभमन गिल ने कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट में शतक लगाकर अच्छी शुरुआत की, लेकिन फ़ील्डिंग और गेंदबाज़ों के प्रबंधन में वे असफल दिखे. इंग्लैंड के पुछल्‍ले बल्‍लेबाजों ने 189 रन जोड़ दिए और दूसरी पारी में भी भारत विकेट नहीं निकाल सका. शार्दुल ठाकुर का चयन और प्रदर्शन भी सवालों के घेरे में है. गिल बुमराह को छोड़कर अन्य गेंदबाज़ों पर भरोसा नहीं दिखा रहे.

IND vs ENG 1st Test: फ़ील्डिंग के दौरान शुभमन की कप्तानी की चमक नहीं दिखी, क्या गिल मैच बचा पाएंगे?
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शुभमन गिल को भारतीय टीम की बागडोर सौंपे एक महीने हो गए हैं. पिछले एक महीने से क़रीब-क़रीब ने सेलेक्शन कमेटी के इस फ़ैसले का स्वागत किया है. इंग्लैंड के साथ पहले टेस्ट की शुरुआत भी गिल के पक्ष में ही रही. उन्होंने पहली बार बतौर कप्तान उतरते ही शतक जमा दिया और बेहद अच्छी शुरुआत की.

पर असल टेस्ट तो फ़ील्डिंग के दौरान होना था. पहली पारी में जब भारतीय टीम गेंदबाज़ी करने उतरी तो बेशक एक-एक कर छह कैच छोड़ना महंगा पड़ा, लेकिन मैदान में कप्तान गिल अपने खिलाड़ियों को मूव करते नहीं नज़र आए. टेस्ट क्रिकेट केवल रन बनाने से रोकना नहीं है बल्कि सामने खेल रही पूरी टीम को आउट करने की पुख्ता योजना के साथ उतरने का खेल है.

निश्चित रूप से शुभमन के पास बुमराह के अलावा बहुत मजबूत गेंदबाज़ी नहीं है और यही कारण है कि पहली पारी में इंग्लैंड के अंतिम पांच विकेट ने 189 रन जोड़ दिए. लेकिन यहां भी गिल ने अपने गेंजबाज़ों को तेज़ी से इस्तेमाल नहीं किया और इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाज़ों ने इतने रन जोड़ दिए कि भारत को पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने के बावजूद केवल 6 रनों की बढ़त ही मिल सकी. दूसरी पारी में बेन डकेट फिर से अर्धशतक जमा चुके हैं, पर उनको रोकने की कोई योजना नहीं दिखी.

शार्दुल बने कमज़ोर कड़ी

शार्दुल ठाकुर का प्रदर्शन भी एक बारगी यह सवाल तो उठा ही जाता है कि क्या रणजी ट्रॉफ़ी का प्रदर्शन टीम में चयन का आधार बनाया जाना चाहिए. शार्दुल के मामले में क्या उनके चयन में 2021 के इंग्लैंड दौरे में बनाया गया उनका 57 और 60 रनों की पारी भी थी?

हेडिंग्ले की दो पारियों में 1 और 4 रन बनाकर उन्होंने बैटिंग में तो कुछ नहीं किया. बॉलिंग में भी गिल ने पहली पारी के दौरान शार्दुल को केवल छह ओवर दिए और उसमें उन्होंने 6.33 की इकोनॉमी से गेंदबाज़ी की, उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. दूसरी पारी में भी शार्दुल फिलहाल बिना कोई विकेट लिए 5.66 की औसत से गेंदबाज़ी कर रहे हैं. क्या उनकी जगह टीम में एक विशुद्ध गेंदबाज़ को नहीं लिया जाना चाहिए था, जबकि अर्शदीप जैसा प्रतिभाशाली गेंदबाज़ टेस्ट डेब्यू के इंतज़ार में डगआउट में बैठा हुआ है. बहुत संभव है कि इस टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर ही दूसरे टेस्ट के प्लेइंग इलेवन में शार्दुल ठाकुर का होना और न होना निर्भर करेगा.

हेडिंग्ले टेस्ट के पांचवें दिन लंच तक इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में बग़ैर कोई नुकसान 4 की औसत से 96 रन जोड़े. यहां से इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 254 रन और चाहिए. अब तक दूसरी पारी में टीम इंडिया की गेंदबाज़ी बहुत औसत रही, वहीं इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ों ने बताया कि अपनी पिचों पर उनकी तकनीक बहुत मजबूत है. बेहतरीन गेंदबाज़ी करने के बावजूद बुमराह, सिराज और जडेजा को इस पिच से अब तक कोई विकेट नहीं मिला है तो प्रसिद्ध कृष्णा जैसे अनुभवहीन गेंदबाज़ और शार्दुल ठाकुर पूरी तरह बेअसर रहे.

गेंदबाज़ों को पिच से कोई मदद नहीं मिल रही है पर ये दोनों गेंदबाज़ अपनी पूरी कोशिश करने के बावजूद हर ओवर में अपनी गेंदों पर चौके पड़ने से नहीं रोक पा रहे हैं. कमेंटरी के दौरान पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी कहा, "शार्दुल ठाकुर के प्रदर्शन से निराशा हुई क्योंकि उन्हें कम से कम इंग्लैंड में पहले खेलने का अनुभव भी है और वो अभी-अभी फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं."

क्या अटैकिंग फ़ील्डिंग से बात बनेगी?

पहले टेस्ट में कप्तान बल्लेबाज़ के रूप में गिल ने तो ख़ुद को साबित कर ही दिया है लेकिन उनकी असली परीक्षा बैटिंग नहीं है. उन्हें न केवल इंग्लैंड को रोकना होगा, बल्कि जीतने के लिए लगातार अपने गेंदबाज़ों का बखूबी इस्तेमाल करना होगा. पर गिल मैदान में बहुत डिफ़ेंसिव दिख रहे हैं. वो आक्रामक फ़ील्डिंग लगाने से ख़ुद को रोक रहे हैं. जबकि विकेट चटकाने के लिए ये बहुत ज़रूरी है.

क्या शुभमन गिल को बुमराह को छोड़कर अपने बाकी गेंदबाज़ों पर पूरा भरोसा नहीं है? यह सवाल इसलिए क्योंकि जब भी बुमराह गेंदबाज़ी के लिए लाए गए, शुभमन ने आक्रामक फ़ील्डिंग सजाई लेकिन अन्य गेंदबाज़ों के लिए ठीक वैसी ही अटैकिंग फ़ील्डिंग नहीं सजाई गई. उदाहरण के तौर पर पांचवें दिन लंच से ठीक पहले के ओवरों को लीजिए. जब बुमराह गेंदबाज़ी कर रहे थे तब स्लिप लेग स्लिप हर जगह फ़ील्डर तैनात किए गए लेकिन जैसे ही सिराज गेंदबाज़ी के लिए लाए गए इन जगहों पर फ़ील्डर नदारद रहे. अब केवल दो सेशन बचे हैं. अभी कम से कम 66 ओवर का खेल बचा है. बारिश की संभावना बन रही है लेकिन अगर बारिश से खेल पूरी तरह प्रभावित नहीं हुआ और मैच खेला गया तो गिल को अटैकिंग फ़ील्डिंग के साथ अगले दो सेशन में उतरना होगा.

निश्चित रूप से यह कप्तान के रूप में गिल का पहला टेस्ट है. इसे देखते हुए उनकी आलोचना करने से दिग्गज़ों ने टीवी पर ख़ुद को ज़रूर रोक लिया पर क्या अगर नतीजा भारत के पक्ष में नहीं आया तो गिल ख़ुद को आलोचना से बचा पाएंगे?

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