18 साल... एक टीम... लॉयलिटी किसे कहते हैं ये RCB के फैन से पूछो, सभी ट्रोल्स के मुंह पर लगा ताला
18 साल की प्रतीक्षा, लाखों आंसू, अनगिनत ट्रोलिंग और विराट कोहली की अटूट निष्ठा- सब एक रात में सार्थक हो गया. RCB ने 2025 में पहली बार IPL ट्रॉफी जीती, और फैंस की भावना, वफादारी व जुनून का इतिहास रचा गया. कोहली का समर्पण अब एक प्रतीक है, और RCB सिर्फ एक टीम नहीं, करोड़ों दिलों की धड़कन बन चुकी है.

18 साल तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने हर सीजन में ट्रॉफी की तलाश में एक लंबी जंग लड़ी. हर बार फाइनल की दहलीज़ पर उम्मीदें टूटीं, लेकिन फैंस ने उम्मीदों का साथ नहीं छोड़ा. उनके लिए यह टीम सिर्फ एक क्रिकेट फ्रेंचाइज़ी नहीं थी, यह एक भावना थी. विराट कोहली की तरह कभी न हार मानने वाला जज़्बा. आरसीबी के फैंस ने खुद को ट्रोल्स से नहीं, ट्रॉफी के इंतज़ार से परिभाषित किया.
विराट कोहली के नाम सिर्फ रन नहीं, विश्वास भी जुड़ा है. 18 साल एक ही टीम से खेलना किसी पेशेवर क्रिकेटर के लिए जोखिम हो सकता है, लेकिन विराट के लिए यह समर्पण था. 2025 के सीजन में उनकी आंखों में थकावट नहीं, भरोसा था. हर रन, हर कैच, हर अपील में ऐसा लगा जैसे एक आदमी नहीं, एक पूरी नस्ल मैदान पर खेल रही है जो कह रही है, "अब नहीं रुकूंगा."
ट्रोल्स हारे, यकीन जीत गया
हर साल की तरह 2025 में भी लोग बोले, "RCB फिर नहीं जीतेगी." लेकिन इस बार कहानी बदली. हर मीम बनाने वाले को विराट की आंखों ने जवाब दिया. हर फैन जिसने "इस बार नहीं, अगली बार" कहा था उसे अब कहने की ज़रूरत नहीं. RCB ने ट्रॉफी नहीं जीती, उसने अपनी निष्ठा, दर्द, उम्मीद और भरोसे को एक नाम दिया- विजय.
लोगों ने लिया था संकल्प
आईपीएल के दौरान कई लोगों ने संकल्प लिया था कि वह आईपीएल जीतने पर कुछ न कुछ करेंगे. एक महिला ने दावा किया था अगर RCB नहीं जीती तो वह अपने पति से तालाक ले लेगी, वहीं, दूसरी लड़की ने शादी नहीं करने की बात कही थी. अब टीम ट्रॉफी जीत गई है और दोनों को ऐसा कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ी. बाद में उनका रिएक्शन आया जो काफी वायरल हो रहा है.
बनवाएंगे कोहली का मंदिर
इसके साथ ही मशहूर टीवी एक्टर नकुल मेहता भी विराट कोहली की टीम RCB की जीत को लेकर खासा भावुक नजर आए. उन्होंने सोशल मीडिया पर मजाकिया अंदाज़ में कहा कि अगर RCB फाइनल जीतती है तो वो विराट कोहली का मंदिर बनवाएंगे, दिन भर सिर्फ रसम खाएंगे और कन्नड़ भाषा भी सीखेंगे. नकुल की यह हल्की-फुल्की श्रद्धा भी दर्शाती है कि विराट की जीत एक इमोशनल करंट बन चुकी है.
हर उस आंसू की कीमत थी जो 18 साल बहा
जब RCB ने ट्रॉफी उठाई तो स्टेडियम में सिर्फ शोर नहीं था, हर फैन की आंखें नम थीं. यह जीत उस ट्रोलिंग का जवाब थी जो हर साल सोशल मीडिया पर होती थी. जब विराट ने मैदान पर सिर झुकाकर ट्रॉफी को चूमा, वह पल बता गया कि वफ़ादारी कैसे ट्रॉफी से बड़ी हो सकती है. यह सिर्फ एक कप नहीं था, यह हर उस रात की नींद थी जो RCB के फैंस ने खोई थी.
पुराने सितारे नए इतिहास के गवाह
AB डिविलियर्स और क्रिस गेल जब मैदान पर आए और विराट को उठाया, तो वह दृश्य क्रिकेट प्रेमियों के दिल में अमर हो गया. यह सिर्फ एक जीत का जश्न नहीं था, यह वक़्त के उस टुकड़े का मिलन था जिसने एक दशक तक एक टीम के सपनों को जिया था. डिविलियर्स ने विराट को गले लगाया तो जैसे पूरा क्रिकेट ब्रह्मांड कह रहा था, "अब तू जीत गया भाई."
जब तक जिंदा हूं...
मैच के बाद जब विराट ने कहा, "मेरा दिल और आत्मा RCB के लिए है," तब यह बात करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में उतर गई. उन्होंने यह भी कहा कि आज वो बच्चे की तरह सोएंगे, जैसे कोई बिना टेंशन के पहली बार चैन से सो रहा हो. यह बयान साबित करता है कि RCB उनके लिए महज़ एक टीम नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा है.