साल में दो बार क्यों मनाया जाता है श्याम बाबा का जन्मोत्सव? जानें इसके पीछे की रोचक कथा
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्यामजी के मंदिर में कार्तिक शुक्ल एकादशी पर लाखों श्रद्धालु श्याम बाबा के दर्शन के लिए जुटे हैं. इस दिन को श्याम बाबा का जन्मदिवस माना जाता है, लेकिन भक्तजन फाल्गुन शुक्ल एकादशी पर भी श्याम बाबा का जन्मोत्सव मनाते हैं, जिसे लक्खी मेला के नाम से जाना जाता है.

Khatu Shyam ji Birthday: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्यामजी के मंदिर में कार्तिक शुक्ल एकादशी पर लाखों श्रद्धालु श्याम बाबा के दर्शन के लिए जुटे हैं. इस दिन को श्याम बाबा का जन्मदिवस माना जाता है, लेकिन भक्तजन फाल्गुन शुक्ल एकादशी पर भी श्याम बाबा का जन्मोत्सव मनाते हैं, जिसे लक्खी मेला के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं क्यों खाटू श्यामजी का जन्मदिन साल में दो बार मनाया जाता है.
महाभारत के योद्धा बर्बरीक का श्याम बाबा बनना
खाटू श्यामजी, जिनका असली नाम बर्बरीक था, महाभारत के महान योद्धा थे. महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश दान में लिया और उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वह 'श्याम' नाम से पूजे जाएंगे. शीश दान के बाद भी बर्बरीक ने अपने कटे हुए शीश से महाभारत का पूरा युद्ध देखा और अंत में युद्ध का निर्णय सुनाया. कालांतर में भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के अनुसार बर्बरीक का शीश सीकर जिले में पाया गया, जिसे श्याम बाबा के रूप में पूजा जाने लगा.
कार्तिक एकादशी पर क्यों मनाते हैं जन्मोत्सव?
कहा जाता है कि एक गाय रोज एक स्थान पर आकर दूध बहाने लगती थी. खुदाई करने पर यहां श्याम बाबा का शीश प्राप्त हुआ। एक ब्राह्मण ने कुछ समय तक इस शीश को संभालकर रखा, बाद में खाटू के राजा को स्वप्न में मंदिर निर्माण का निर्देश मिला. मंदिर के बनने के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन श्याम बाबा के शीश को मंदिर में स्थापित किया गया. इसलिए, कार्तिक शुक्ल एकादशी को भी श्याम बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाता है और इस दिन विशेष पूजा और दर्शन का आयोजन होता है,
फाल्गुन एकादशी
फाल्गुन शुक्ल एकादशी को खाटू श्यामजी का असल जन्मदिन माना जाता है. इस दिन सीकर में विशेष लक्खी मेला लगता है और श्रद्धालु बाबा का जन्मदिन केक काटकर भी मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.