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वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को शुभ क्यों माना जाता है? कौन हैं इस दिशा के देवता

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह दिशा विशेष रूप से धन, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति के साथ जुड़ी होती है. इसे पूर्वोत्तर दिशा भी कहा जाता है और यह दिशा घर, भवन, या कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य स्रोत मानी जाती है.

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को शुभ क्यों माना जाता है? कौन हैं इस दिशा के देवता
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( Image Source:  Freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 17 March 2025 6:01 AM IST

ईशान कोण हिंदू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में एक महत्वपूर्ण संकल्पना है. यह दिशा या कोण पृथ्वी के चार प्रमुख दिशाओं (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) में से एक है. ईशान कोण विशेष रूप से पूर्वोत्तर दिशा को दर्शाता है और इसे समृद्धि से जोड़ा जाता है.

ईशान कोण को पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा के रूप में परिभाषित किया जाता है. ज्योतिषशास्त्र और वास्तु शास्त्र में यह दिशा शुभ मानी जाती है. इसे पूर्वोत्तर भी कहा जाता है और इस दिशा में स्थित स्थानों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह माना जाता है.

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को धन, समृद्धि और शांति की दिशा माना जाता है. घर या किसी इमारत का ईशान कोण हमेशा साफ, खुले और अनावृत्त होना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और समृद्धि का संचार होता है. यदि ईशान कोण में कोई विघ्न होता है या यदि वहां कोई अंधेरा होता है, तो यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

ईशान कोण के देवता

धार्मिक दृष्टिकोण से ईशान कोण को भगवान शिव का स्थान माना जाता है. यह दिशा आध्यात्मिक उन्नति और प्रगति का प्रतीक है. यह दिशा सूर्यदेव से भी जुड़ी हुई है, जो जीवन और ऊर्जा के स्रोत माने जाते हैं. इसलिए इस दिशा को घर या कार्यालय में मुख्य द्वार के पास रखने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.

ज्योतिष में ईशान कोण

ज्योतिषशास्त्र में यह दिशा विशेष रूप से शिवजी, ब्रह्मा, और विष्णु के ऊर्जा केंद्र के रूप में मानी जाती है. इसे मानसिक शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि इस दिशा में ग्रहों का शुभ प्रभाव है, तो यह व्यक्ति के जीवन में उन्नति, समृद्धि और मानसिक शांति ला सकता है.

ईशान कोण का प्रभाव

घर और कार्यालय में ईशान कोण की सही स्थिति से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. सही दिशा में ध्यान और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आ सकती है. किसी भी नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इस दिशा को साफ और व्यवस्थित रखना बहुत जरूरी है.

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