Begin typing your search...

Kartik mass Pradosh Vrat 2024: कार्तिक मास का आखिरी प्रदोष व्रत कब? जानें शुभ मुहूर्त और खास लाभ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए. हर माह त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला यह व्रत इस बार कार्तिक माह में बुधवार को पड़ रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि आती है. आइए जानें इस विशेष दिन के महत्त्व, पूजा विधि और लाभों के बारे में.

Kartik mass Pradosh Vrat 2024: कार्तिक मास का आखिरी प्रदोष व्रत कब? जानें शुभ मुहूर्त और खास लाभ
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 12 Nov 2024 6:58 PM

Kartik mass Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए. हर माह त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला यह व्रत इस बार कार्तिक माह में बुधवार को पड़ रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि आती है. आइए जानें इस विशेष दिन के महत्त्व, पूजा विधि और लाभों के बारे में.

कब है कार्तिक मास का प्रदोष व्रत?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास का बुध प्रदोष व्रत 13 नवंबर को रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर होगा और यह 14 नवंबर की सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. व्रत के लिए प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि का होना आवश्यक माना गया है, इसलिए 13 नवंबर को यह व्रत रखा जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है, जो शिव उपासना का सर्वोत्तम समय होता है. 13 नवंबर को पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं:

  • लाभ चौघड़िया: शाम 4 बजकर 7 मिनट से 5 बजकर 28 मिनट तक
  • शुभ चौघड़िया: शाम 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 46 मिनट तक

इन मुहूर्तों में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा और ध्यान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

बुध प्रदोष व्रत के लाभ

प्रदोष व्रत की मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खासतौर पर बुधवार को आने वाले प्रदोष व्रत, जिसे बुध प्रदोष कहा जाता है, व्यापार और कारोबार में सफलता दिलाने वाला माना गया है. साथ ही, इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का संचार होता है और संतान प्राप्ति की कामना करने वाले दंपतियों के लिए यह व्रत अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होता है.

कार्तिक मास का यह बुध प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने का एक अद्भुत अवसर है. इस दिन श्रद्धा और भक्ति से शिव उपासना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण होती है और उसके जीवन में समृद्धि आती है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख