Begin typing your search...

5 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा, भगवान शिव ने किया था त्रिपुरासुर का वध; जानिए इस पर्व से जुड़ी खास बातें

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के सबसे शुभ और पवित्र दिनों में से एक मानी जाती है. यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी. इसीलिए इस पर्व को त्रिपुरारी पूर्णिमा या देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और दीपदान करने से मनुष्य को विशेष पुण्य प्राप्त होता है.

5 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा, भगवान शिव ने किया था त्रिपुरासुर का वध; जानिए इस पर्व से जुड़ी खास बातें
X
( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 4 Nov 2025 7:00 AM IST

5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. इस तिथि पर स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व होता है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानकदेव जी का जयंती भी मनाई जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही इस माह का समापन होगा और फिर इसके बाद मार्गशीर्ष माह प्रारंभ हो जाएगा.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के कई और भी महत्व होते हैं. आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा का महत्व.

भगवान शिव ने किया त्रिपुरासुर का वध

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का संबंध भगवान शिव से है. ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, जिसकी वजह से इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

देवताओं का दीपोत्सव- देव दीपावली

हिंदू धर्म में जहां एक तरफ कार्तिक अमावस्या पर मानव दीपावली का उत्सव मनाते हैं वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओं की दीपावली होती है. पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करके उसके आतंक का अंत किया था तब सभी देवी-देवताओं नें भगवान शिव के स्वागत करने के लिए दीप जलाए. इस दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं गंगा के किनारों पर दीप प्रज्चवलित करते हुए देव दीपावली का त्योहार मनाते हैं.

स्नान और दीपदान की परंपरा

कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय महीना कार्तिक खत्म हो जाएगा. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पूर्णिमा की शाम को गंगा के किनारे दीपदान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग नदी के किनारे दीप जलाकर भगवान विष्णु और भगवान शिव की विशेष पूजा और आराधना होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों के स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठे और किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे में चल, कुमकुम, चावल और फूल डालकर ऊं सूर्याय नम: के मंत्रों का जाप करें.
  • देव दीपावली पर भगवान सत्यनारायण की कथा जरूर सुनें और इसके बाद जरूरतमंदों को दान करें.
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर पर दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है. इस दिन नदी के किनारे घी और तेल का दीपक जलाकर प्रवाहित करने के साथ घर में दीपदान करें. घर में पूजा घर, मुख्य द्वार, तुलसी के पास अन्य दूसरी जगहों पर दीपक जलाकर भगवान विष्णु की आराधना करें.
धर्म
अगला लेख