पुरुषों के लिए सोना हराम! इस्लाम में गोल्ड की खरीदारी को लेकर क्या हैं नियम? जानें एक्सपर्ट की राय
इन दिनों सोने की कीमतें रिकॉर्ड तोड़ रही हैं और लोग इसे निवेश और लक्ष्मी की कृपा पाने का जरिया मानकर खरीद रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस्लाम में भी सोने को लेकर खास नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी माना गया है?
 
  सोने की कीमतें इन दिनों आसमान छू रही हैं और बाजार में हर कोई इस पीली धातु को खरीदने की होड़ में है. सोने की खरीदारी को निवेश के तौर पर देखा जाता है. वहीं, हिंदू धर्म में सोना देवी लक्ष्मी से जुड़ा है, क्योंकि यह धन, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक है. इसलिए मां की कृपा पाने के लिए भी सोने की खरीदारी की जाती है.
इस ही तरह, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोने से जुड़ी भी इस्लाम में खास हिदायतें दी गई हैं? खासतौर पर ईद के मौके पर इसका जिक्र बार-बार किया जाता है. चलिए जानते हैं इस्लाम में सोना खरीदने पर क्या हैं नियम?
सोने खरीदने पर क्या कहता है इस्लाम?
इस्लाम के मुताबिक, वैसे तो इस्लाम में कोई सीमा नहीं है कि कोई कितना सोना खरीद सकता है, लेकिन जकात से संबंधित कुछ जिम्मेदारियां हैं, जिसे इस्लामी कानून मानता है. अगर किसी के पास तय सीमा से ज्यादा सोना है, तो उस पर जकात देना फर्ज माना गया है. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कुंवर वासिद अली ने बताया कि ईद के मौके घर में जितना सोना होता है, उसका ढाई परसेंट गरीबों का दान करना चाहिए.
कितने सोने पर दिया जाता है जकात?
जमुई के प्रोफेसर सैयद अहमद अनवर हुसैन ने बताया कि इस्लाम में अगर किसी के पास 7 तोले से ज्यादा सोना है, तो उसे उस पर ढाई प्रतिशत गरीबों में दान करना चाहिए. यह नियम सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सामाजिक संतुलन की सोच पर आधारित है. यानी जो लोग संपन्न हैं, वे अपने माल का एक हिस्सा जरूरतमंदों को दें, ताकि समाज में कोई भूखा या बेघर न रहे.
ईद पर जकात देने का मतलब
ईद जैसे अवसर पर जकात देना इस बात की याद दिलाता है कि असली खुशी अपने पास सबकुछ रखने में नहीं, बल्कि दूसरों को बांटने में है. यही वजह है कि ईद पर जितना सोना हो, उसका ढाई प्रतिशत दान करना नेक और पुण्य का काम माना जाता है.
पुरुषों के लिए सोना पहनना
इस्लाम में सोना पहनने को लेकर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश हैं. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कुंवर वासिद अली बताते हैं कि इस्लाम में पुरुषों द्वारा सोना पहनना अच्छा नहीं माना जाता है. पैगंबर मोहम्मद ने भी पुरुषों को सोना और रेशम पहनने से मना किया था.
पुरुष क्यों नहीं पहन सकते सोना?
इसके पीछे का संदेश यह है कि इंसान को सादगी और विनम्रता अपनानी चाहिए, दिखावे और विलासिता से दूर रहना चाहिए. वहीं, महिलाओं के लिए सोना पहनना जायज़ है, बशर्ते वह जरूरत और मर्यादा में हो.







