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Vidur Niti: क्या आप भी करते हैं ये 3 गलतियां? विदुर नीति के अनुसार तुरंत छोड़ें ये आदतें वरना कहलाएंगे पापी!

महाभारत के हस्तिनापुर महामंत्री विदुर को उनके अनुशासन और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है. उनकी बताई विदुर नीति आज भी जीवन को सही दिशा देने में सहायक है. इसमें उन्होंने सही और गलत के बीच का अंतर समझाते हुए ऐसी आदतों से बचने की सलाह दी है, जो व्यक्ति को पाप की राह पर ले जाती हैं. आइए जानते हैं, विदुर नीति के अनुसार कौन-सी आदतें हमें पापी बना सकती हैं.

Vidur Niti: क्या आप भी करते हैं ये 3 गलतियां? विदुर नीति के अनुसार तुरंत छोड़ें ये आदतें वरना कहलाएंगे पापी!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 20 Nov 2024 6:04 PM

Vidur Niti: महाभारत के हस्तिनापुर महामंत्री विदुर को उनके अनुशासन और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है. उनकी बताई विदुर नीति आज भी जीवन को सही दिशा देने में सहायक है. इसमें उन्होंने सही और गलत के बीच का अंतर समझाते हुए ऐसी आदतों से बचने की सलाह दी है, जो व्यक्ति को पाप की राह पर ले जाती हैं. आइए जानते हैं, विदुर नीति के अनुसार कौन-सी आदतें हमें पापी बना सकती हैं.

दूसरों के धन पर नजर रखना

विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों के धन पर नजर रखते हैं या किसी और की संपत्ति हड़पने की सोचते हैं, वे अस्थायी रूप से सफल हो सकते हैं. लेकिन ऐसी आदतें अंततः विनाश का कारण बनती हैं. दूसरों के धन को अपना समझने का प्रयास जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालता है. इसलिए, हमेशा ईमानदारी से कमाई पर भरोसा करना चाहिए.

गलत संगत और धर्म के प्रति शंका

जो लोग गलत संगत में पड़ जाते हैं या धर्म और उसकी मान्यताओं पर शक करते हैं, वे अधर्मी माने जाते हैं. विदुर नीति में यह भी कहा गया है कि जो लोग मुश्किल समय में दूसरों का साथ नहीं देते, वे खुद भी जरूरत के समय अकेले पड़ जाते हैं. यह आदत न केवल समाज में उनकी प्रतिष्ठा खत्म करती है, बल्कि उनके जीवन को भी अस्थिर बना देती है.

काम, क्रोध और लोभ के अवगुण

विदुर नीति में काम, क्रोध और लोभ को सबसे खतरनाक बताया गया है. ये तीनों अवगुण व्यक्ति की आत्मा और व्यक्तित्व को नष्ट कर देते हैं. ऐसी आदतों से बचना न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक और सामाजिक दृष्टि से भी जरूरी है. विदुर नीति हमें जीवन में सही और गलत का बोध कराती है. यदि हम दूसरों के धन पर नजर न रखें, धर्म और नैतिकता का पालन करें और काम, क्रोध व लोभ से बचें, तो हमारा जीवन सुखी और सफल हो सकता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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