कुंडली में इन योगों के बनने पर व्यक्ति को मिलती है सरकारी नौकरी और चेक करें क्या जन्मपत्री में हैं ये योग ?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म के समय ग्रहों की स्थिति से बनी कुंडली व्यक्ति के करियर, आर्थिक स्थिति और सरकारी नौकरी की संभावनाओं को दर्शाती है. जिन जातकों की कुंडली में सूर्य मेष राशि या लग्न में हो और अन्य ग्रह शुभ स्थिति में हों, उनमें प्रशासनिक अधिकारी बनने की संभावना बढ़ती है. दूसरे, छठे और दसवें भाव में मजबूत सूर्य या गुरु भी सरकारी नौकरी के प्रबल योग बनाते हैं. दशम भाव में दशमेश की दृष्टि, मजबूत लग्नेश और शुक्र से बने योग सरकारी सेवाओं का मार्ग खोलते हैं. चंद्रमा–गुरु का विशेष योग सफलता और ऊंचे पद दिलाता है.
वैदिक ज्योतिष विद्या के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के कई पहुलओं के बारे में तमाम तरह की भविष्यवाणियां की जाती है. दरअसल वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है तो उस समय आकाश मंडल में मौजूद ग्रहों की स्थितियों के आधार पर जन्म कुंडली बनती है और इस जन्म कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों के स्थिति के आधार पर जातक के व्यक्तित्व, करियर, कारोबार, पारिवारिक और वैवाहिक जीवन और सेहत संबंधी बातों के बारे में गणनाएं की जाती है.
कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों ही तरह के योगों का निर्माण होता है जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. जन्मकुंडली में बनने वाले राजयोग के विश्लेषण से व्यक्ति के करियर-कारोबार और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल होती है. आज हम आपको जन्मकुंडली में बनने वाले ऐसे योगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे सरकारी नौकरी के योग बनते हैं. आइए जानते हैं कुंडली में मौजूद किन योगों के चलते जातक को सरकारी नौकरी मिलने के योग बनते हैं.
जन्म कुंडली में सरकारी नौकरी के योग
- जिन जातकों की कुंडली में अगर ग्रहों के राजा सूर्य मेष राशि और लग्न में हों और इसके साथ तीन से चार ग्रह शुभ स्थिति में हों तो व्यक्ति प्रशासनिक अधिकारी बनता है. ऐसे व्यक्ति राजयोग का सुख भोगता है. ऐसे लोग समाज में बहुत ज्यादा लोकप्रिय और सम्माानित होता है.
- जिन जातकों की कुंडली में अगर दूसरे, छठे और दसवें भाव में सूर्य ग्रह मजबूत होकर बैठे हों, यहां मजबूत होने का मतलब स्वराशि, उच्च राशि और मूल त्रिकोण की स्थित में हो तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलने की पूरी संभावना है. इसके अलावा सूर्य की डिग्री यानी बलाबल और किसी शुभ ग्रह द्दष्टि पड़ रही यह भी देखा जाता है.
- ज्योतिष गणना के अनुसार, ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी मिलने के प्रबल योग सबसे ज्यादा तब बनती है जब कुंडली में गुरु दूसरे, छठे और दसवें भाव में मजबूत होकर विराजमान हों. इस तरह के योग वाले व्यक्ति की भगवान के प्रति काफी गहरी आस्था रहती है.
- कुंडली का दशम भाव करियर से संबंधित होता है. ऐसे में अगर किसी की कुंडली के दशम स्थान पर दशमेश की द्दष्टि हो, लग्नेश मजबूत हो और जन्मांग चक्र में शुक्र ग्रह परस्पर द्विद्रवादश योग बनाएं तो ऐसे व्यक्ति प्रशासानिक सेवा में जाने का अवसर मिलते हैं.
- जब किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा ग्यारहवें भाव में और गुरु तीसरे भाव में मौजूद हो तो व्यक्ति के जीवन में सभी तरह के सुख-साधन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. ऐसे लोग प्रशासानिक और शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं.





